टैमिल थलविआस ने PKL 2025 ऑक्शन में अर्जुन देशवाल को 1.4 करोड़ में खरीदा, पवन सेहरा को बीच में निकाला

मिर्ची समाचार

जब टैमिल थलविआस ने अर्जुन देशवाल को 1.405 करोड़ रुपये की बोली लगाकर अपने सबसे महंगे खिलाड़ी के रूप में खरीदा, तो इस साल का PKL 2025 ऑक्शन ही नहीं, बल्कि टीम की पूरी रणनीति भी चर्चा में आई। यह ऑक्शन 31 मई और 1 जून 2025 को मुंबई में आयोजित हुआ, जहाँ 500 से अधिक खिलाड़ियों ने अलग‑अलग श्रेणियों (A, B, C, D) में बोली का सामना किया।

ऑक्शन का सार और मुख्य खरीदार

ऑक्शन में कुल 10 खिलाड़ी 1 करोड़ की सीमा पार कर गए, जो पहले के रिकॉर्ड (2024 के 8 खिलाड़ी) को पीछे छोड़ गया। सबसे महंगे खिलाड़ी बनें मोहम्मदरजा शाद्लोई चियानेह, जिन्हें गुजरात जायंट्स ने 2.23 करोड़ रुपये में खरीदा। दूसरे स्थान पर रहे देवांक दलाल, जिन्होंने 2.025 करोड़ रुपये की बोली पर बेंगल वारियर्स के पास पहुँचे।

टैमिल थलविआस ने कुल पाँच प्रमुख खिलाड़ी जोड़े:

  • अर्जुन देशवाल – रैडर, 1.405 क्रोड़
  • पवन कुमार सेहरा – ऑल‑राउंडर, 59.5 लाख
  • आलीरेजा ख़ालीली (इरान) – डिफेंडर, 30.2 लाख
  • मोहित (डोमेस्टिक) – डिफेंडर, 13 लाख
  • सुरेश जाधव – ऑल‑राउंडर, 9.5 लाख

टीम की रणनीति और बजट योजना

हेडकोच संजीव बालीयन (पूर्व में पटना पाइरेट्स और जयपुर पिंक पैंथर्स के चैम्पियन कोच) ने टीम का बजट 4.973 क्रोड़ निर्धारित किया। पिछले दो सीज़न में नौवें स्थान पर समाप्त होने के बाद, थलविआस ने राइंग पर भारी दांव लगाते हुए युवा डिफेंडरों को विकसित करने की योजना बनाई। टीम ने हिम्मतवाली रक्षा पंक्तियों के लिए नितेश कुमार (2024 के तीसरे सबसे अधिक अंक‑स्कोरर डिफेंडर) को बरकरार रखा, जबकि इरानी डिफेंडर ख़ालीली को अनुभव जोड़ने के लिए चुना।

सेहरा की टीम से निकासी: कारण और प्रतिक्रिया

सेहरा की टीम से निकासी: कारण और प्रतिक्रिया

ऑक्शन के दो महीने बाद, 14 सितंबर 2025 को टीम ने आधिकारिक तौर पर पवन कुमार सेहरा को “अनुशासन संबंधी मुद्दों” के कारण सत्र से बाहर कर दिया। थलविआस ने अपना बयान X (ट्विटर) पर पोस्ट किया: “सेहरा को कोड ऑफ़ कंडक्ट के उल्लंघन के कारण टीम से हटाया गया है।” सेहरा ने सोशल मीडिया पर जवाब दिया, “यदि मेरे खिलाफ लगाए गए अनुशासनहीनता के आरोप सही साबित होते हैं, तो मैं कबड्डी कभी नहीं खेलूँगा।”

सेहरा भारत की राष्ट्रीय कबड्डी टीम के कप्तान भी हैं, इसलिए इस कदम ने न केवल टीम की राइंग लाइन को खाली किया, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा छेड़ दी। उनके हटने का समय विशेष रूप से दुर्भाग्यपूर्ण था, क्योंकि अर्जुन देशवाल को सबसे महंगे रैडर के रूप में उम्मीद की गई जोड़ी अभी पूरी तरह स्थापित नहीं हुई थी।

विश्लेषण: राइंग और डिफेंडर पर प्रभाव

ESPN की ऑक्शन रिपोर्ट कार्ड ने टैमिल थलविआस को B‑​minus ग्रेड दिया। विश्लेषकों का कहना है कि बालीयन ने जयपुर के सफल रैडर यूनिट को थलविआस में लाने की कोशिश की, लेकिन डिफेंस में संभावित कमजोरी अभी भी मौजूद है। “डिफेंडर का कोर युवा है, जबकि अनुभव की कमी अक्सर प्लेऑफ़ क्वालिफिकेशन में बाधा बनती है,” एक विशेषज्ञ ने कहा।

सेहरा के हटने से अर्जुन पर भारी दबाव आ गया है। पिछले सीज़न में अर्जुन ने औसतन 8.2 अंक प्रति मैच दिया था, लेकिन टीम के कोर रैडर के बिना उनका टॉप‑फ़ॉर्म बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। दूसरी ओर, टीम ने मॉइन सफ़ाघी (इरानी ऑल‑राउंडर) को बरकरार रखा है, जो सेहरा की क्षति को थोड़ा कम कर सकता है।

आगे का मार्ग और संभावनाएँ

आगे का मार्ग और संभावनाएँ

अब थलविआस को अपनी डिफेंस को मजबूत करने के लिए युवा खिलाड़ी नितेश कुमार और अलिरेजा ख़ालीली पर भरोसा करना होगा। विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर नितेश अपनी टॉप‑डिफेंडर फ़ॉर्म जारी रखे, तो वह कम से कम 30% पॉइंट्स की गिरावट को भर सकता है। साथ ही, अर्जुन को सेहरा के बिना एक नया रैडर‑डुयट बनना पड़ेगा – यह वैरायटी और अस्थिरता दोनों को दर्शाता है।

पूरे सीज़न के मध्य में, टैमिल थलविआस का लक्ष्य प्लेऑफ़ की जगह सुरक्षित करना है, चाहे वह रैडर‑डिफेंडर संतुलन हो या टीम के मानसिक पहलू। अब तक का आँकड़ा दिखाता है कि यदि थलविआस अपने युवा डिफेंडरों को सटीक टैक्टिक्स के साथ उपयोग में लाएगा, तो वह 2025 PKL में फिर से सेमिक_FINAL में पहुंचने का मौका पा सकता है।

  • ऑक्शन तारिक: 31 मे – 1 जून 2025
  • टैमिल थलविआस का बजट: 4.973 क्रोड़
  • सबसे महंगा खिलाड़ी: मोहम्मदरजा शाद्लोई चियानेह (2.23 क्रोड़)
  • सेहरा का हटना: 14 सितंबर 2025
  • ESPN ग्रेड: B‑​minus

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

सेहरा की निकासी से टीम की राइंग शक्ति पर क्या असर पड़ेगा?

सेहरा को टीम के प्रमुख पॉइंट‑स्कोरर और राष्ट्रीय कप्तान के तौर पर बड़ी भूमिका थी। उनके हटने से अर्जुन देशवाल पर दांव दोगुना हो गया है, जिससे राइंग में असंतुलन और अनिश्चितता बढ़ी है। अभी तक अर्जुन ने निरंतर 8‑9 पॉइंट्स प्रति मैच का प्रदर्शन नहीं दिखाया है, इसलिए राइंग शक्ति में गिरावट की संभावना उच्च है।

टैमिल थलविआस ने डिफेंडर पेट में कौन‑से खिलाड़ी भरोसेमंद समझे हैं?

टीम ने नितेश कुमार को तीसरे सबसे अधिक स्कोर करने वाले डिफेंडर के रूप में बरकरार रखा है और इरानी फ़ुल‑कोच अलिरेजा ख़ालीली को नए अनुभव के साथ जोड़ा है। साथ ही, मोइन सफ़ाघी (इरानी ऑल‑राउंडर) को भी रख‑रखाव में रखा गया है, जो रक्षा में अतिरिक्त बहुमुखी प्रतिभा लाता है। लेकिन युवा कोर अभी भी विकास के चरण में है, इसलिए निरंतर प्रदर्शन ही कुंजी है।

ऑक्शन में सबसे महंगे खिलाड़ियों की बोली कितनी रही?

ऑक्शन में 10 खिलाड़ी 1 करोड़ से ऊपर बोली लगे। सबसे महंगी बोली 2.23 करोड़ रुपये पर इरानी ऑल‑राउंडर मोहम्मदरजा शाद्लोई चियानेह की थी, जबकि दूसरे स्थान पर 2.025 करोड़ रुपये की बोली देवांक दलाल को मिली। टैमिल थलविआस ने अर्जुन देशवाल को 1.405 करोड़ में खरीदा, जो उनका सबसे बड़ा निवेश था।

ESPN की रिपोर्ट कार्ड में थलविआस को B‑​minus ग्रेड क्यों मिला?

रिपोर्ट ने कोच बालीयन के रैडर‑उपकरण के लिए सराहना की, लेकिन डिफेंस के युवा कोर को लेकर आशंकाएँ जताईं। रिपोर्ट कहती है कि टीम ने रैडिंग में मजबूत निवेश किया है, पर रक्षा में अनुभव की कमी से प्लेऑफ़ क्वालिफिकेशन जोखिमपूर्ण हो सकता है, इसलिए वही कारण ग्रेड को B‑​minus पर रखता है।

आगे की सीज़न में थलविआस के लिए सबसे बड़ा चुनौती क्या है?

सर्वोच्च चुनौती रैडर‑डिफेंडर संतुलन बनाये रखना है। सेहरा की हटाई गई भूमिका को अर्जुन को भरना पड़ेगा, जबकि डिफेंस को युवा खिलाड़ियों की असंगतियों से बचना होगा। यदि कोच बालीयन इन दो पहलुओं को सही रणनीति और टैक्टिकल बदलावों से जोड़ पाते हैं, तभी टीम प्लेऑफ़ की राह पर टिक पाएगी।

द्वारा लिखित Shiva Parikipandla

मैं एक अनुभवी समाचार लेखिका हूं और रोज़ाना भारत से संबंधित समाचार विषयों पर लिखना पसंद करती हूं। मेरा उद्देश्य लोगों तक सटीक और महत्वपूर्ण जानकारी पहुँचाना है।

Seema Sharma

टैमिल थलविआस ने अर्जुन को बड़े दाम पर खरीदा, ये बात तो सबको पता है। लेकिन टीम की राइंग स्ट्रैटेजी में अभी काफी सवाल हैं। युवा डिफेंडर अगर सही गाइडेंस पाए तो पावरफुल बन सकते हैं। बस कोच को सावधानी से प्लान करना पड़ेगा।

Praveen Kumar

संचालन में बहुत पैसा लग गया, लेकिन सेहरा को निकालना सही कदम था, टीम को डिसिप्लिन की जरूरत है, कोच को कड़ी नीति अपनानी पड़ेगी।

King Dev

परफेक्टिंग डिफेंस का राज़ सिर्फ बजट नहीं, बल्कि टैलेंट मैनेजमेंट में है! थलविआस ने बालीयन को भरोसा दिया, पर युवा डिफेंडर को सीनियर सपोर्ट चाहिए। अगर नितेश और अलिरेजा सही कंडीशन में खेले तो प्लेऑफ़ की राह खुल सकती है। साथ ही अर्जुन को सेहरा की कमी को भरने के लिए नई रैडिंग टैक्टिक अपनानी होगी। कुल मिलाकर, टीम के पास अभी भी चमकने की काफी संभावना है।

Abhi Rana

बिलकुल सही कहा, कोच को कठोर नियम लगाना चाहिए!!! डिसिप्लिन ही टीम को सच्ची जीत तक ले जाएगी।

Manisha Jasman

उम्म्म... थलविआस के पास अभी भी कई अवसर हैं 😊 युवा डिफेंडर का विकास अगर सही दिशा में हो तो टीम फिर से चमकेगी। हम सबको उम्मीद रखनी चाहिए कि अर्जुन और कोच मिलके टीम को नई ऊँचाई पर ले जाएँगे। ✨

Abhinav Chauhan

हे भाई, एही तो बात है कि तुम्हे नहीं पता कि कब्बड्डी में डिफेंडर की रोल कितनी महतवपुर्ण है। सस्ता में ख्रीद के फोकस ही गलत है।

avinash pandey

टैमिल थलविआस ने इस सीज़न में बजट प्रबंधन को एक स्ट्रेटेजिक पैराडाइम के रूप में अपनाया है, जिसके तहत उन्होंने 4.973 करोड़ के कुल बजट को दो मुख्य मोड्यूल में विभाजित किया: रैडर इंटेग्रेशन फ़ंड और डिफेंस डेवलपमेंट ग्रँट। सबसे महंगे ऋण के रूप में अर्जुन देशवाल को 1.405 करोड़ का निवेश किया गया, जो कि टीम की रैडिंग फोकस को स्पष्ट रूप से दर्शाता है। जबकि पवन कुमार सेहरा को 59.5 लाख में खरीदा गया, लेकिन बाद में अनुशासनहीनता के कारण उसे हटाया गया, जिससे टीम के पॉइंट्स में संभावित गिरावट आई। इस निर्णय ने कोच बालीयन को दो विकल्प प्रस्तुत किए: या तो नई रैडिंग सिक्योरिटी बनाना या मौजूदा रैडर को अतिरिक्त सपोर्ट प्रदान करना। डिफेंस के पक्ष में, नितेश कुमार को फॉर्म में बनाए रखा गया, क्योंकि वह 2024 में तीसरे सबसे अधिक स्कोर करने वाले डिफेंडर थे। इरानी डिफेंडर अलिरेजा ख़ालीली की भर्ती ने अनुभव और अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क को टीम में जोड़ने की आशा को बढ़ाया। साथ ही मोइन सफ़ाघी को ऑल‑राउंडर के रूप में रखकर टीम को बहु‑पोइज़नल विकल्प दिया गया। बालीयन का मुख्य लक्ष्य है कि युवा डिफेंडर को सिमेंटेड फ्रेमवर्क के तहत प्रशिक्षित किया जाए, जिससे प्लेऑफ़ क्वालिफिकेशन की संभावना बढ़े। ESPN की B‑minus ग्रेड, यद्यपि टीम की रैडिंग निवेश को सराहती है, लेकिन डिफेंस में एक्सपीरियंस की कमी को मुख्य कारण मानती है। अब टीम को दो प्रमुख चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा: एक, अर्जुन पर रैडिंग लोड का अधिक दबाव, और दो, युवा डिफेंडर को लगातार हाई-इंटेंसिटी मैचेज़ में फिट करना। यदि बालीयन इन दोनों को संतुलित कर पाते हैं, तो थलविआस की प्लेऑफ़ क्वालिफिकेशन दर बढ़ेगी। इसके अलावा, कोच को ट्रांसफ़ॉर्मेशनल लीडरशिप मॉडल अपनाना चाहिए, जिससे खिलाड़ियों के माइंडसेट में सुधार हो और टीम की कॉहेशन बढ़े। डिफेंडर को फुर्ज़ान के साथ ट्रेनिंग सत्र देना और उनके टैक्टिकल इंटेलिजेंस को बढ़ाना आवश्यक होगा। साथ ही, रैडर को एन्ड-ऑफ़-लाइन डिफेंडर के साथ अधिक सिंक्रोनाइज़ेशन सत्र करवाने से स्कोरिंग एफ़िशिएंसी में इम्प्रूवमेंट आएगा। इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए, थलविआस के पास अभी भी सीज़न के मध्य में अपनी स्थिति को पुनः स्थापित करने की संभावनाएँ हैं। अंत में, टीम की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि वे कैसे अपने इनवेस्टमेंट को मैनेज करके दोनों डोमेन्स में संतुलन स्थापित कर पाते हैं।

Aakanksha Ghai

बहुत सारी तकनीकी बातों को आपने सही ढंग से उजागर किया है, लेकिन याद रखें कि खिलाड़ी की मनोवैज्ञानिक तैयारी भी उतनी ही अहम है।

Shruti Phanse

टीम की वर्तमान रणनीति को देखते हुए, कोच बालीयन को चाहिए कि वह खेल में निरंतरता बनाने के साथ-साथ खिलाड़ियों के बीच संवाद को भी सुदृढ़ करें। यह न केवल प्रदर्शन में सुधार लाएगा, बल्कि टीम की एकजुटता को भी बढ़ाएगा।