तारक मेहता का उल्टा चश्मा: पोपटलाल की भविष्यवाणी से बापूजी की ज़िंदगी पर मंडराया संकट

पोपटलाल की भविष्यवाणी से गोोकुलधाम में मचा हड़कंप
टीवी की सबसे लोकप्रिय कॉमेडी सीरीज तारक मेहता का उल्टा चश्मा फिर से चर्चा में है, लेकिन इस बार वजह है एक ऐसी भविष्यवाणी जिसने दर्शकों और किरदारों दोनों को बेचैन कर दिया है। शो के जाने-माने पत्रकार किरदार पोपटलाल पांडे ने हाल ही में 2025 को लेकर एक ज्योतिषी अंदाज़ में चौंका देने वाला दावा किया। एपिसोड में पोपटलाल ने बापूजी, यानी चंपकलाल जयंतीलाल गड़ा, को लेकर कहा, “ऊपर जाने वाले हैं”—जिसका मतलब साफ तौर पर उनकी मौत की ओर इशारा करता है।
जैसे ही यह बात सामने आई, गोोकुलधाम सोसाइटी के हर सदस्य की धड़कनें तेज हो गईं। जेठालाल, जो अपने पिता से बेहद जुड़े हुए हैं, इस बात को सुनकर घबरा गए और नाराज भी हो गए। उनका गुस्सा साफ झलक रहा था क्योंकि वह पोपटलाल की इस भविष्यवाणी को बिलकुल भी मानने को तैयार नहीं थे। न सिर्फ जेठालाल, बल्कि टप्पू, तारक मेहता, सोढ़ी और भिड़े भी इसी खबर से परेशान हो गए। दूसरी ओर, बापूजी हमेशा की तरह शांत व संयमित नजर आए और पोपटलाल की बात का सीधे तौर पर कोई असर उन पर दिखाई नहीं दिया।
एपिसोड्स में दिखी परिवार और समाज की जटिलता
एपिसोड 4282 और 4284 में दिखाया गया है कि कैसे एक भविष्यवाणी किसी भी खुशहाल माहौल को एक झटके में बदल सकती है। जेठालाल ने नाराज होते हुए पोपटलाल से सवाल किया कि आखिर वह इतनी गंभीर बात मजाक में कैसे कह सकते हैं। वहीं, सोसाइटी के अन्य सदस्य भी इस मुद्दे को लेकर चिंतित दिखाई दिए। डर, गुस्सा और चिंता की भावनाओं के बावजूद सीरियल अपने हल्के-फुल्के अंदाज़ से भी दूर नहीं गया। बापूजी की सहजता यह बताती है कि वे अंधविश्वास या डर की जगह व्यावहारिकता में यकीन रखते हैं।
रोचक बात ये रही कि जिस अंदाज में पोपटलाल ने ‘ऊपर जाने’ की बात कही, उसकी वजह से कई दर्शक अनुमान लगाने लगे कि शायद निर्माताओं ने बापूजी के किरदार को हटाने या कोई बड़ा बदलाव लाने की योजना बनाई है। हालांकि, ऐसी कोई पुष्टि नहीं हुई, और तारक मेहता जैसे शो में पहले भी गंभीर मुद्दों को अक्सर हास्य के रंग में पेश किया गया है।
इस पूरे घटनाक्रम के दौरान एक और नाम चर्चाओं में रहा—दया बेन। पोपटलाल ने संकेत दिए कि 2025 में दया बेन फिर लौट सकती हैं। हालांकि, यह भी रहस्य ही है कि उनका किरदार किस रूप में वापसी करेगा और क्या पुराने कलाकार फिर से स्क्रीन पर नजर आएंगे।
यह ट्रैक न केवल बापूजी के जीवन को लेकर सवाल खड़े करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि भारतीय समाज कैसे परिवार और बड़े-बुजुर्गों के मसलों को लेकर संवेदनशील रहता है। गोोकुलधाम की परेशानियों में हमेशा हंसी छुपी रहती है, लेकिन इस बार दर्शकों में बेचैनी इसलिए भी है कि कहीं ऐसे गंभीर ट्रैक के जरिये शो का माहौल ही न बदल जाए। क्या बापूजी वाकई किसी संकट से गुजरेंगे? या फिर यह कहानी एक और हल्के-फुल्के ट्विस्ट में खत्म होगी? शो के फैन्स को अगले एपिसोड्स का बेसब्री से इंतजार रहेगा।
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