उत्तर प्रदेश के आम आदमी के लिए ये दिन अजीब लग रहे हैं — सुबह ठंड से काँप रहे हैं, दोपहर तक गर्मी महसूस हो रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि दो सक्रिय आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र लखनऊ के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभों का असर राज्य के मौसम पर चल रहा है। ये बादल अफगानिस्तान और पाकिस्तान से आ रहे हैं, और उनकी आवाजाही ने तापमान में अजीब सा उतार-चढ़ाव पैदा कर दिया है। अगले 2-3 दिनों में अधिकतम और न्यूनतम तापमान में लगभग 2-3 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि दर्ज हो सकती है। लेकिन ये सिर्फ एक रुकावट है। दिसंबर के दूसरे सप्ताह से एक बार फिर कड़ाके की ठंड लौटने की संभावना है।
तापमान में उछाल का रहस्य
शुक्रवार से रविवार तक, दक्षिण-पश्चिमी और पुरवाई हवाएं उत्तर प्रदेश के कई जिलों में प्रवेश कर रही हैं। इन हवाओं के साथ थोड़ी गर्मी भी आ रही है। इसके चलते लखनऊ में अधिकतम तापमान 26.6 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच गया, जबकि बरेली में 23.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। न्यूनतम तापमान भी थोड़ा बढ़ा — बरेली में 8 डिग्री, इटावा में 9.4 डिग्री, और मुजफ्फरनगर में 9.6 डिग्री। लेकिन ये संख्याएँ असली तस्वीर नहीं दिखातीं।
पिछले सप्ताह, जब पश्चिमी विक्षोभ अधिक सक्रिय था, तो अधिकतम तापमान 25.5 डिग्री और न्यूनतम 9.8 डिग्री तक गिर चुका था। अब ये वृद्धि सिर्फ एक छोटी सी छुट्टी है। जैसे ही एक विक्षोभ दूर होता है, दूसरा आता है — और इस बार ये ठंड को रोकने के बजाय, उसे थोड़ा धकेल रहा है।
मौसम विज्ञानियों का अनुमान: ये बदलाव अस्थायी है
अतुल कुमार सिंह, आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र लखनऊ के वरिष्ठ वैज्ञानिक, बताते हैं: "पश्चिमी विक्षोभ भूमध्यसागरीय क्षेत्रों से आते हैं। जब वे सक्रिय होते हैं, तो वे हिमालय से आने वाली बर्फीली हवाओं को रोक देते हैं। लेकिन जब वे कमजोर होते हैं, तो वो हवाएँ फिर से आ जाती हैं।"
बीएचयू के मौसम विज्ञानी प्रोफेसर मनोज कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि दो दिन पहले उत्तर-पश्चिमी हवाएँ कमजोर हुईं, जिससे बीएचयू क्षेत्र में अधिकतम तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस बढ़ गया। लेकिन ये बदलाव अस्थायी है। "अगले 48 घंटों में एक नया कमजोर विक्षोभ पश्चिमी सीमा से प्रवेश करेगा," उन्होंने कहा। "और फिर तापमान फिर से गिरने लगेगा।"
क्या होगा अगले सप्ताह?
4 दिसंबर से 6 दिसंबर तक, उत्तर प्रदेश के पश्चिमी और पूर्वी हिस्सों में मौसम शुष्क रहने की संभावना है। कोई बारिश नहीं, कोई बर्फबारी नहीं। लेकिन ये शांति अस्थायी है। 5 दिसंबर को एक नया, हल्का पश्चिमी विक्षोभ हिमाचल प्रदेश के पश्चिमी हिस्से को छूएगा — और इसका प्रभाव उत्तर प्रदेश पर भी पड़ेगा।
मौसम विभाग के मौसम विज्ञानी मोहम्मद दानिश ने बताया कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान में विक्षोभ के साथ दक्षिणी-पश्चिमी राजस्थान से आ रही ठंडी हवाएँ भी इस उतार-चढ़ाव में योगदान दे रही हैं। ये विरोधी प्रवाह एक दूसरे को टकरा रहे हैं — और इसके बीच आम लोग फंस गए हैं।
क्यों ये बदलाव खतरनाक हो सकता है?
तापमान में अचानक बदलाव सिर्फ असुविधा नहीं, बल्कि स्वास्थ्य के लिए खतरा भी है। बुजुर्गों, बच्चों और दिल के रोगियों के लिए ये उतार-चढ़ाव खतरनाक हो सकता है। अचानक गर्मी के बाद ठंड का आना, श्वसन संबंधी बीमारियों को बढ़ा सकता है।
इसके अलावा, दिसंबर के दूसरे सप्ताह में अगर ठंड वापस आ जाती है, तो बर्फीली हवाएँ फिर से आएंगी। तब लखनऊ, कानपुर, आगरा, मेरठ, बरेली, गोरखपुर और अयोध्या जैसे शहरों में न्यूनतम तापमान 5-6 डिग्री तक गिर सकता है। सुबह कोहरा और बर्फ की चादर फिर से दिखने लगेगी।
हिमाचल प्रदेश में क्या हो रहा है?
हिमाचल प्रदेश में 2 और 3 दिसंबर को घना कोहरा छाया रहा। 4 और 5 दिसंबर को पर्वतीय क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी की संभावना है। ये विक्षोभ उत्तर प्रदेश के लिए भी संकेत है — जब हिमालय के ऊपर बर्फ जमती है, तो नीचे के इलाकों में ठंड गहरी हो जाती है।
अब तक, उत्तर प्रदेश में कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया है। लेकिन लोगों को तैयार रहना चाहिए। एक दिन गर्मी, अगले दिन बर्फ। ये अब नया नियम बन गया है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
क्यों तापमान में अचानक उछाल आ रहा है?
पश्चिमी विक्षोभ भूमध्यसागर से आने वाले बादल और हवाओं का समूह हैं। जब वे सक्रिय होते हैं, तो वे हिमालय से आने वाली बर्फीली हवाओं को रोक देते हैं, जिससे तापमान बढ़ता है। जब वे कमजोर होते हैं, तो ठंडी हवाएँ फिर से आ जाती हैं। ये उछाल अस्थायी है।
क्या दिसंबर के दूसरे सप्ताह में ठंड वापस आएगी?
हाँ, मौसम विज्ञानियों का मानना है कि दिसंबर के दूसरे सप्ताह से हिमालय से आने वाली बर्फीली हवाएँ फिर से सक्रिय हो सकती हैं। अगर विक्षोभ पूरी तरह शांत हो जाते हैं, तो उत्तर प्रदेश में न्यूनतम तापमान 5-6 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है।
क्या बरेली और लखनऊ में कोहरा बढ़ेगा?
हाँ, जब तापमान गिरता है और हवाएँ शांत होती हैं, तो नमी जम जाती है। बरेली, लखनऊ, कानपुर और आगरा में सुबह कोहरा अक्सर देखा जाता है। अगले 72 घंटों में यह घना हो सकता है, खासकर जब ठंड वापस आएगी।
क्या इस बदलाव का असर कृषि पर पड़ेगा?
हाँ। गेहूँ की फसल ठंड के लिए संवेदनशील है। अचानक गर्मी के बाद ठंड का आना फसल के विकास को बाधित कर सकता है। किसानों को अपनी फसलों को ढकने और जलाने की तैयारी करनी चाहिए।
क्या अगले कुछ दिनों में बारिश होगी?
अगले 48 घंटों में उत्तर प्रदेश में बारिश की संभावना नहीं है। लेकिन 5 दिसंबर को हिमाचल में हल्की बर्फबारी हो सकती है, जिसका प्रभाव उत्तरी भारत पर पड़ सकता है। बर्फ के बाद तापमान तेजी से गिरता है।
क्या हिमालय की बर्फ इस बदलाव का कारण है?
हाँ, बिल्कुल। हिमालय के ऊपर बर्फ जमने से ठंडी हवाएँ नीचे की ओर बहती हैं। पश्चिमी विक्षोभ इन हवाओं को रोकते हैं। जब विक्षोभ कमजोर होते हैं, तो ये हवाएँ फिर से आती हैं। यही तापमान के उतार-चढ़ाव का असली कारण है।
Vraj Shah
yaar yeh garmi thandi ka khel ab khatam hi nahi ho raha, subah utho thand se kamp raha hoon, dopahar ko to pani peene ka mann karta hai