मुंबई एयरपोर्ट पर कैब ड्राइवर ने 6 किमी तक गाड़ी के बोनट पर खींचा साथी ड्राइवर

मिर्ची समाचार

मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय विमानक्षेत्र (CSMIA) के टर्मिनल-1 के पार्किंग क्षेत्र में एक छोटी सी बहस ने एक ऐसा विकट घटनाक्रम बना दिया, जिसे देखकर लगा जैसे कोई बॉलीवुड फिल्म का दृश्य जीवित हो उठा हो। रात के लगभग 12 बजे, ठाणे के निवासी भीमप्रसाद महंतो (34) ने अपनी मारुति सुजुकी एर्टिगा गाड़ी को तेजी से चलाते हुए अपने साथी कैब ड्राइवर जस्टिन जे (34) को गाड़ी के बोनट पर चढ़े हुए 6 किलोमीटर तक खींच लिया। घटना का वीडियो किसी दोपहिया वाहन चालक ने फोन से रिकॉर्ड किया और वह अब सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है।

एक छोटी बहस, एक बड़ी आपदा

महंतो ने एक यात्री को उतारने के बाद टर्मिनल-1 के पास पार्किंग में गाड़ी रखी थी। जब जस्टिन ने उससे गाड़ी हटाने की अपील की, तो बात झगड़े में बदल गई। दोनों के बीच शारीरिक झपट्टा हुआ। जब अन्य कैब ड्राइवर जस्टिन के समर्थन में आए, तो महंतो भागने की कोशिश करने लगा। उसने गाड़ी चलानी शुरू की, और जस्टिन ने अपने आप को गाड़ी के बोनट पर चढ़ा लिया। लेकिन बात यहां नहीं रुकी। महंतो ने गाड़ी तेज कर दी। जस्टिन चिल्ला रहा था, हाथों से बोनट को पकड़े हुए था, और गाड़ी ने उसे रास्ते में खींचते हुए 6 किमी की दूरी तय की।

पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया, गाड़ी जब्त

मुंबई पुलिस ने इस घटना के खिलाफ भीमप्रसाद महंतो के खिलाफ एयरपोर्ट पुलिस स्टेशन में राष्ट्रीय अपराध संहिता की धारा 304A (उपेक्षित और लापरवाह ड्राइविंग) के तहत मामला दर्ज किया। महंतो को गिरफ्तार किया गया, लेकिन उसे बाद में नोटिस जारी करके रिहा कर दिया गया। उसकी मारुति सुजुकी एर्टिगा गाड़ी को साक्ष्य के रूप में जब्त कर लिया गया। जस्टिन ने भी आधिकारिक शिकायत दर्ज कराई। पुलिस अधिकारी ने स्पष्ट किया: "महंतो भागने की कोशिश कर रहा था, जब जस्टिन गाड़ी के बोनट पर चढ़ गया।"

एक ही रात, दो अलग-अलग दंगे

लेकिन यह घटना अकेली नहीं थी। उसी रात, क्रिस्टल सिक्योरिटी (कुछ स्रोतों में क्रिस्टल सिक्योरिटी के नाम से जानी जाती है) के सुरक्षा कर्मचारी और कई कैब ड्राइवरों के बीच भी एक भीषण झगड़ा हुआ। यह झगड़ा शुरू में एक बहस के रूप में शुरू हुआ, लेकिन जल्द ही फिसलकर फिसल गया — बेल्ट, गांठें, और तिरछी चाल के साथ लड़ाई हुई। वीडियो में दिख रहा है कि कैब ड्राइवर और सुरक्षा कर्मचारी दोनों एक-दूसरे को धक्का दे रहे थे।

CISF ने बचाया जान-माल

इस बीच, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के जवान घटनास्थल पर मौजूद थे। उन्होंने तुरंत हस्तक्षेप किया और दोनों पक्षों को अलग कर दिया। वीडियो में दिखता है कि CISF के जवान बहुत शांत रहे, लेकिन ठोस थे — उन्होंने लाठियां नहीं उठाईं, बल्कि शरीर से बाधा बनकर लड़ाई को रोका। इस घटना में पुलिस ने पांच कैब ड्राइवरों के खिलाफ मामला दर्ज किया और तीन को गिरफ्तार कर लिया।

वायरल वीडियो और सामाजिक प्रतिक्रिया

ट्विटर पर मृत्युंजय सिंह (@MrityunjayNews) ने वीडियो शेयर किया और लिखा: "मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पार्किंग को लेकर क्रिस्टल सिक्योरिटी स्टाफ और ड्राइवरों के बीच झगड़ा हो गया। मौके पर मौजूद CISF जवानों ने मामले को सुलझाने की कोशिश की।" वीडियो में #Mumbaiairport हैशटैग भी था। इस वीडियो ने लोगों को दहशत में डाल दिया। बहुत से लोगों ने कहा — यह बॉलीवुड फिल्म नहीं, ये असली जिंदगी है।

पार्किंग का नियम, असली समस्या

यह घटना सिर्फ दो ड्राइवरों का झगड़ा नहीं है। यह एक बड़ी समस्या का निशान है — मुंबई एयरपोर्ट पर कैब ड्राइवरों के लिए पार्किंग की कमी। अनुमान है कि रोजाना 8,000 से अधिक ड्राइवर टर्मिनल-1 और टर्मिनल-2 के आसपास यात्रियों को उतारने-लेने के लिए इंतजार करते हैं। लेकिन निर्धारित पार्किंग स्लॉट्स केवल 1,200 हैं। इसके अलावा, सुरक्षा कर्मचारी अक्सर ड्राइवरों को नियमों के खिलाफ पार्क करने से रोकते हैं। यह तनाव लगातार बढ़ रहा है।

क्या होगा अब?

पुलिस ने दोनों मामलों की जांच जारी रखी है। भीमप्रसाद महंतो के खिलाफ अभी तक कोई आरोप नहीं लगाया गया है, लेकिन उसके खिलाफ गंभीर आरोप लग सकते हैं। जस्टिन की स्थिति अभी भी चिंताजनक है — उन्हें चोटें लगी हैं, लेकिन जान बच गई। अगले दिनों में एयरपोर्ट प्रबंधन और मुंबई पुलिस के बीच बैठक होगी, जिसमें पार्किंग के नियमों को दोबारा देखा जाएगा।

एक ऐसा वातावरण जिसमें कोई भी बच नहीं सकता

यह घटना दिखाती है कि कैसे एक छोटी सी बात भी जब तनाव और अनिश्चितता के साथ मिल जाए, तो बड़ी आपदा बन सकती है। ड्राइवर रोजाना 12-14 घंटे काम करते हैं, अक्सर भूखे, थके, और अपनी आय के लिए लड़ते हुए। सुरक्षा कर्मचारी भी अपनी जिम्मेदारियों के बीच फंसे हुए हैं। जब दोनों पक्ष एक-दूसरे को दुश्मन समझने लग जाएं, तो अगला कदम क्या होगा? एक और वीडियो? एक और जान?

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

महंतो को क्या सजा हो सकती है?

भीमप्रसाद महंतो के खिलाफ धारा 304A के तहत अपराध के लिए अधिकतम दो साल की जेल या जुर्माना हो सकता है। लेकिन अगर जस्टिन को गंभीर चोटें लगीं, तो आरोप धारा 307 (हत्या का प्रयास) तक बढ़ सकता है। अभी तक चिकित्सा रिपोर्ट नहीं आई है, इसलिए आरोप अभी भी विकसित हो रहे हैं।

क्रिस्टल सिक्योरिटी कौन है?

क्रिस्टल सिक्योरिटी मुंबई एयरपोर्ट के लिए निजी सुरक्षा एजेंसी है, जिसे एयरपोर्ट प्राधिकरण ने पार्किंग और एंट्री क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए नियुक्त किया है। इसके कर्मचारी अक्सर ड्राइवरों के साथ टकराव में आ जाते हैं क्योंकि वे नियमों का पालन करने के लिए दबाव बनाते हैं, लेकिन ड्राइवर अक्सर इन नियमों को अनुचित मानते हैं।

CISF क्यों मौजूद था?

CISF मुंबई एयरपोर्ट की सुरक्षा के लिए भारत सरकार की एजेंसी है, जिसे विमानक्षेत्र के आंतरिक क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए नियुक्त किया गया है। उनकी भूमिका अधिकांशतः निगरानी और त्वरित हस्तक्षेप की होती है। इस घटना में उन्होंने दंगे को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

इस तरह के झगड़े अक्सर होते हैं?

हां, दरअसल, मुंबई एयरपोर्ट पर ड्राइवर-सुरक्षा टकराव रोजाना होते हैं। 2024 में ही चार ऐसे घटनाक्रम रिपोर्ट हुए थे, जिनमें ड्राइवरों ने सुरक्षा कर्मचारियों को नुकसान पहुंचाया था। इनमें से दो मामलों में ड्राइवरों को गिरफ्तार किया गया था। यह एक निरंतर समस्या है।

इस घटना के बाद क्या बदलाव हो सकते हैं?

एयरपोर्ट प्रबंधन ने अभी तक कोई घोषणा नहीं की है, लेकिन स्रोतों के अनुसार, वे पार्किंग स्लॉट्स बढ़ाने और ड्राइवरों के लिए अलग से आरक्षित क्षेत्र बनाने पर विचार कर रहे हैं। एक नए डिजिटल बुकिंग सिस्टम का भी प्रस्ताव है, जिससे ड्राइवर अपनी टाइमिंग बुक कर सकें।

जस्टिन अब कैसा है?

जस्टिन जे को बोनट पर खींचे जाने से बहुत ज्यादा चोटें लगी हैं — खासकर कंधे, पीठ और घुटने में। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया और उनका इलाज चल रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि उन्हें एक महीने तक आराम करने की जरूरत है। उन्होंने अभी तक कोई बयान नहीं दिया है।

द्वारा लिखित Shiva Parikipandla

मैं एक अनुभवी समाचार लेखिका हूं और रोज़ाना भारत से संबंधित समाचार विषयों पर लिखना पसंद करती हूं। मेरा उद्देश्य लोगों तक सटीक और महत्वपूर्ण जानकारी पहुँचाना है।

Mukesh Kumar

ये वीडियो देखकर लगा जैसे कोई हॉलीवुड फिल्म चल रही हो... पर ये तो मुंबई का असली जीवन है। ड्राइवर्स को भी रोटी कमानी है, सुरक्षा कर्मचारी को भी नियम बनाए रखने हैं। दोनों के बीच बातचीत की जगह झगड़ा हो गया। क्या कोई सोचता है कि ये दोनों लोग भी किसी के बेटे हैं?

Shraddhaa Dwivedi

मैं तो बस यही सोच रही थी कि इतने सारे ड्राइवर्स के लिए सिर्फ 1200 पार्किंग स्लॉट्स? ये तो बस एक बम है, जो बस इंतजार कर रहा था कि कब फटेगा। कोई भी इंसान इतने दबाव में नहीं रह सकता। अगर ये घटना नहीं होती, तो भी एक दिन कुछ ऐसा ही होता।

Rakesh Pandey

देखो ये वीडियो तो बस एक छोटी बहस का नतीजा है जो बर्बरता में बदल गया। कोई ने नहीं सोचा कि अगर दोनों शांत हो जाएं तो क्या होता। लेकिन अब तो बस यही देख रहे हैं कि कौन ज्यादा बोलता है और कौन ज्यादा ड्राइव करता है।

Harsh Gujarathi

इस वीडियो को देखकर मेरा दिल टूट गया 😢 ये लोग बस अपनी जिंदगी जी रहे हैं... लेकिन सिस्टम उन्हें दुश्मन बना रहा है। CISF जवानों ने जो किया वो असली हीरो बनने जैसा था 👏

Senthil Kumar

क्या होगा अगर ये ड्राइवर अपनी गाड़ी में बैठे हुए थे और उसका बच्चा भी बैठा होता? ये तो बस एक बात है... पार्किंग के लिए एप बना दो, और टाइम बुक करवा दो। आसान है न?

Rahul Sharma

यह घटना केवल एक व्यक्तिगत तनाव का परिणाम नहीं है, बल्कि एक व्यवस्थागत विफलता का परिणाम है। एयरपोर्ट प्रबंधन को अपनी नीतियों को पुनर्मूल्यांकन करना चाहिए। ड्राइवरों को नियमों के खिलाफ नहीं, बल्कि उनके साथ शामिल किया जाना चाहिए। इससे भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकी जा सकती हैं।

Ayushi Kaushik

इस वीडियो को देखकर मुझे लगा जैसे कोई ड्रामा चल रहा हो... लेकिन असलियत तो ये है कि एक आदमी अपनी रोटी के लिए लड़ रहा है, दूसरा अपनी नौकरी के लिए। जब दोनों के बीच कोई बातचीत का जाल नहीं होता, तो ये ही नतीजा निकलता है। क्या कोई यहां बातचीत के लिए एक फोन लागू कर सकता है?

Basabendu Barman

ये सब एक बड़ा षड्यंत्र है। जानते हो क्या? CISF भी इसमें शामिल है। ये सब ड्राइवर्स को बदनाम करने के लिए बनाया गया है। असल में एयरपोर्ट वाले चाहते हैं कि ड्राइवर्स को बाहर रखा जाए। ये वीडियो बस एक धोखा है। क्या तुमने कभी सोचा कि ये वीडियो किसने रिकॉर्ड किया? शायद वो भी एक अंतरराष्ट्रीय अभियान का हिस्सा है।

Krishnendu Nath

अरे भाई ये तो बस एक बात है... पार्किंग बढ़ा दो बस। जो गाड़ी बोनट पर खींच रही है वो तो बस गुस्से में थी। लेकिन ये वीडियो देखकर तो लगता है जैसे कोई बॉलीवुड एक्शन सीन हो गया।

dinesh baswe

मैं एक रात के शिफ्ट ड्राइवर हूं। हर रात टर्मिनल-1 पर घूमता हूं। ये जो बात हुई, वो बहुत आम है। पार्किंग के लिए लड़ना पड़ता है, सुरक्षा कर्मचारी बार-बार भगाते हैं। एक बार तो मैंने एक गाड़ी को खींचकर 2 किमी तक चला दिया था, बिना चोट के। लेकिन इस बार तो बहुत गंभीर हो गया। अगर एक आदमी अपने आप को बोनट पर चढ़ा लेता है, तो उसे बचाने की जिम्मेदारी दूसरे पर नहीं, बल्कि सिस्टम पर होनी चाहिए।

Boobalan Govindaraj

ये घटना बहुत दुखद है लेकिन इसका जवाब नहीं गुस्सा है। हमें सबको एक साथ बैठाकर बात करनी होगी। ड्राइवर्स को नए स्लॉट दो, सुरक्षा को अधिकार दो, और एक अच्छा बातचीत का तरीका बनाओ। ये सब बस एक दिन के लिए नहीं, बल्कि हमेशा के लिए। हम सब एक ही शहर में रहते हैं।

mohit saxena

बस एक बात... इस वीडियो को देखकर मुझे लगा कि ये बॉलीवुड नहीं, ये तो असली जिंदगी है। और असली जिंदगी में कोई नहीं बचता। बस एक छोटी सी बात बड़ी बात बन जाती है। अगर ये एप बन गया तो शायद ये घटनाएं रुक जाएं।