अभी कई शहरों में प्राइड परेड की तैयारियां चल रही हैं, लोग झंडे लेकर गली‑गली में नज़र आते हैं। इस महीने का मकसद सिर्फ जश्न नहीं, बल्कि समान अधिकारों की लड़ाई को आगे बढ़ाना है। अगर आप भी इस बदलाव में हिस्सेदार बनना चाहते हैं तो पढ़िए आगे क्या बातें ज़रूरी हैं।
प्राइड मंथ क्यों शुरू हुआ?
पहली प्राइड परेड 1970 के दशक में न्यू यॉर्क में हुई थी, लेकिन भारत ने इसे धीरे‑धीरे अपनाया। अब दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में हर साल इवेंट होते हैं। इस दौरान लोग रंगीन कपड़े, ट्यूब और बैनर लेकर अपने समर्थन को दिखाते हैं। यह सिर्फ एक पार्ट नहीं, बल्कि समाज के उन हिस्सों की आवाज़ है जो अक्सर दबे रहते हैं।
भारत में प्राइड कैसे मनाया जाता है?
हर शहर में अलग‑अलग कार्यक्रम होते हैं—कला प्रदर्शनी, संगीत कॉन्सर्ट, पैनल डिस्कशन और वर्कशॉप। कई NGOs मुफ्त कानूनी मदद भी देते हैं, ताकि लोग अपने अधिकारों के बारे में सही जानकारी पा सकें। अगर आप नई नौकरी की तलाश में हैं या स्कूल में पढ़ रहे हैं, तो इन इवेंट्स से जुड़कर नेटवर्क बना सकते हैं।
सोशल मीडिया पर #PrideMonth हैशटैग बहुत ट्रेंड करता है। यहाँ पर लोग अपनी कहानियां शेयर करते हैं—जैसे किसी ने अपने परिवार को कबूल करवाया या नौकरी में समान वेतन की मांग की। इस तरह छोटे‑छोटे कदम बड़े बदलावों की ओर ले जाते हैं।
अगर आप पहली बार प्राइड इवेंट देख रहे हैं, तो कुछ बातें ध्यान रखें: भीड़ में सुरक्षित रहने के लिए अपने सामान का ध्यान रखें, ज़्यादा जलन वाले कपड़े पहनें और अगर कोई नकारात्मक प्रतिक्रिया मिले तो शांत रहकर संवाद करें। अक्सर लोग डर या गलतफहमी की वजह से ऐसा करते हैं।
प्राइड मंथ में कई बार सरकारी प्रतिनिधि भी हिस्सा लेते हैं। इससे यह साबित होता है कि अब नीति स्तर पर भी समावेशीता को महत्व दिया जा रहा है। हाल ही में एक राज्य सरकार ने ट्रांसजेंडर छात्रों के लिए विशेष छात्रवृत्ति की घोषणा की, जिसे बहुत सराहा गया।
आपके आस‑पास का कोई इवेंट अगर नहीं दिख रहा, तो ऑनलाइन वर्कशॉप या वेबिनार देख सकते हैं। कई कलाकार अपनी कहानियां यूट्यूब पर शेयर करते हैं और वह भी काफी प्रेरणादायक होते हैं। ऐसे कंटेंट से आप अपने विचारों को गहरा कर सकते हैं और दूसरों की मदद भी कर सकते हैं।
अंत में, प्राइड मंथ सिर्फ एक महीना नहीं; यह हर दिन चलने वाला आंदोलन है। अगर हम सब मिलकर समझदारी से काम करें, तो समाज में बराबरी का माहौल जल्दी बन जाएगा। तो इस जून में अपने शहर की आवाज़ सुनें और बदलाव का हिस्सा बनें।
पिछले कई वर्षों से, एनजेसीयू का योगदान LGBTQIA+ समुदाय के समर्थन और प्राइड मंथ के सम्मान में सराहनीय रहा है। एनजेसीयू के अंतरिम अध्यक्ष एंड्रेस असेबो का कहना है कि यह समय सभी दोस्तों, परिजनों, और प्रियजनों को सम्मान और प्यार देने का है। इस महीने के दौरान, विश्वविद्यालय LGBTQIA+ समुदाय के इतिहास के बारे में जागरूकता फैलाने और विविधता को बढ़ावा देने पर जोर दे रहा है।