Norway Chess 2025: डी गुकेश ने मैग्नस कार्लसन को हराया, टूर्नामेंट में तीसरा स्थान किया अपने नाम

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Norway Chess 2025: मैदान में पलटा पासा, गुकेश ने रचा इतिहास

शतरंज की दुनिया में अक्सर वैसी हलचल नहीं होती जैसी किसी क्रिकेट या फुटबॉल मैच में होती है, लेकिन इस बार Norway Chess 2025 ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा। सबसे बड़ी खबर रही डी गुकेश द्वारा मैग्नस कार्लसन को पहली बार क्लासिकल फॉर्मेट में हराना।

मैग्नस कार्लसन को शायद खुद भी यकीन नहीं हुआ होगा, जब छठे राउंड में वह दबाव में आकर हार गए। गुकेश ने लगभग गंवा चुके मुकाबले में कमाल की वापसी की और विश्व चैंपियन को पटखनी दे दी। इससे पहले उनके बीच हुए क्लासिकल मुकाबलों का पूरा रिकॉर्ड कार्लसन के नाम था। ये जीत गुकेश की न सिर्फ पर्सनल, बल्कि भारतीय शतरंज के लिए भी बड़ी उपलब्धि है।

अब भारत के युवा दिग्गजों को लेकर उम्मीदें और बढ़ गई हैं। गुकेश ने इस टूर्नामेंट में अपने ही साथी अर्जुन एरिगैसी को भी हराया। दोनों के बीच मुकाबला उतना ही टफ रहा, लेकिन अंत में गुकेश की चालें भारी पड़ीं।

पॉइंट्स टेबल और खिलाड़ी: किसने क्या कर दिखाया?

पॉइंट्स टेबल और खिलाड़ी: किसने क्या कर दिखाया?

छह राउंड तक टूर्नामेंट का रोमांच जारी रहा। Norway Chess 2025 के फाइनल स्टैंडिंग्स की बात करें तो मैग्नस कार्लसन के पास 16 अंक रहे, जिससे उन्होंने अपना सातवां खिताब जीता। फेबियानो कारुआना (15.5 अंक) दूसरे और गुकेश (14.5 अंक) तीसरे नंबर पर रहे। चौथे स्थान पर हिकारू नाकामुरा (14) और पांचवें पर अर्जुन एरिगैसी (13) रहे। पूरे टूर्नामेंट का माहौल बहुत तगड़ा था, हर मुकाबला कांटे का।

  • मैग्नस कार्लसन – सातवीं बार चैंपियन, लेकिन गुकेश से हार बड़ी बात।
  • डी गुकेश – पहली बार कार्लसन और अर्जुन दोनों को क्लासिकल में हराया।
  • फेबियानो कारुआना – Consistency के लिए मशहूर, लगातार दबाव बनाए रखा।
  • अर्जुन एरिगैसी – युवा सितारों में उनका नाम भी अब और मजबूती से जुड़ गया है।

मैच खत्म होने के बाद कार्लसन भी गुकेश की तारीफ करना नहीं भूले। उन्होंने कहा, 'गुकेश सही रास्ते पर है... लेकिन अभी वो इस ट्रैक से आगे नहीं निकला।' उनका कहना साफ था – गुकेश की तरक्की जिस रफ्तार से हो रही है, वो देखना सबको मजेदार लग रहा है।

Norway Chess का ये सीजन भारतीय फैंस के लिए किसी त्योहार से कम नहीं रहा। अब बाकी भारतीय खिलाड़ी भी ऐसी बड़ी जीत के लिए खुद को तैयार कर रहे हैं।

द्वारा लिखित Shiva Parikipandla

मैं एक अनुभवी समाचार लेखिका हूं और रोज़ाना भारत से संबंधित समाचार विषयों पर लिखना पसंद करती हूं। मेरा उद्देश्य लोगों तक सटीक और महत्वपूर्ण जानकारी पहुँचाना है।

Anuj Poudel

गुकेश ने जो किया, वो सिर्फ एक जीत नहीं... ये तो एक नए युग की शुरुआत है। कार्लसन के खिलाफ ये जीत, भारतीय शतरंज के लिए एक नया बिंदु है। अब दुनिया भर के बच्चे देखेंगे कि भारत से भी विश्व चैंपियन बना जा सकता है।

Aishwarya George

इस जीत का असर सिर्फ टूर्नामेंट तक ही सीमित नहीं है। ये एक संस्कृति का बदलाव है। अब छोटे बच्चे जब शतरंज खेलेंगे, तो वो सोचेंगे - 'मैं भी गुकेश बन सकता हूँ।' ये भावना ही सबसे बड़ी जीत है।

Vikky Kumar

यह जीत आंकड़ों में तो अच्छी लग रही है, लेकिन विश्लेषणात्मक रूप से देखें तो कार्लसन की हार उनके तनाव और थकान का परिणाम है। गुकेश के पास अभी भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थिरता की कमी है। एक मैच की जीत से बड़ा कुछ नहीं होता।

manivannan R

brooo गुकेश ने तो बस जमकर फटाफट खेला 😍 कार्लसन भी थोड़ा लापरवाह हो गया था। अर्जुन के साथ वाला मैच तो देखो मत, वो तो एक फिल्म थी! अब भारत के युवा खिलाड़ी बस इसी गति से आगे बढ़ेंगे।

Uday Rau

मैंने अपने दादाजी को याद किया, जो गाँव में चाय के साथ शतरंज खेलते थे। आज उनके बेटे के बेटे ने दुनिया के सबसे बड़े खिलाड़ी को हरा दिया। ये भारत की कहानी है - छोटी शुरुआत, विशाल जीत। गुकेश ने सिर्फ शतरंज नहीं, बल्कि एक पीढ़ी का विश्वास बदल दिया।

sonu verma

वाह बहुत बढ़िया हुआ... गुकेश तो असली हीरो है। मैंने भी अपने बेटे को शतरंज सिखाना शुरू कर दिया है। अब वो कहता है - 'पापा, मैं भी गुकेश बनूंगा!' ये बदलाव ही सबसे बड़ी बात है।

Siddharth Varma

कार्लसन ने जो कहा था कि गुकेश अभी ट्रैक से बाहर है... अब वो ट्रैक पर नहीं, बल्कि नया ट्रैक बना रहा है। ये जीत बस एक शुरुआत है।

chayan segupta

गुकेश की ये जीत हमें सबको याद दिलाती है कि कोई भी अपने सपनों को पूरा कर सकता है। अगर तुम लगातार मेहनत करोगे, तो दुनिया भी तुम्हारे आगे झुक जाएगी। जय हिंद! 🇮🇳

King Singh

मैं तो बस ये कहना चाहता हूँ कि गुकेश ने अपने आप को बहुत अच्छा दिखाया। अब देखना है कि वो इस जीत को बरकरार रखता है या नहीं। लेकिन जो भी हो, उसने बहुत कुछ कर दिखाया।

Dev pitta

गुकेश ने जो किया, वो बहुत अच्छा हुआ। अब देखो कि अर्जुन कैसे जवाब देता है। दोनों के बीच ये दौड़ बहुत दिलचस्प होगी।