राजस्थान-मध्यप्रदेश की भीषण गर्मी के बाद बारिश, पूर्वोत्तर भारत में बाढ़ का अलर्ट: IMD की चेतावनी

मिर्ची समाचार

राजस्थान और मध्यप्रदेश में भीषण गर्मी का प्रकोप

जून का महीना लोगों के लिए कहर बनकर जारी है। IMD की ताजा़ रिपोर्ट के मुताबिक, राजस्थान, मध्यप्रदेश और यूपी के बड़े हिस्से लगातार भीषण गर्मी की चपेट में हैं। इन राज्यों के कई इलाकों में तापमान 42°C तक पहुंच गया है। खासतौर पर पश्चिम राजस्थान, पूर्वी मध्यप्रदेश और आसपास के जिलों में दिनभर लू के थपेड़े चल रहे हैं। राजस्थान के जैसलमेर, बीकानेर और ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में लोग सुबह से ही घरों में बंद रहते हैं।

आईएमडी ने साथ ही चेतावनी दी है कि उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में भी 14 जून तक हीटवेव का असर जारी रहेगा। सबसे चिंता की बात है कि राजस्थान और मध्यप्रदेश के कुछ इलाकों में रातें भी ताप्ती होने वाली हैं। ऐसे में बुजुर्गों और बच्चों को देखकर बाहर निकलने की सलाह दी जा रही है।

बारिश की दस्तक: राहत के साथ चुनौती भी

बारिश की दस्तक: राहत के साथ चुनौती भी

भीषण गर्मी झेल रहे लोगों के लिए फौरन राहत की खबर है। 16 जून के बाद राजस्थान, मध्यप्रदेश और पूर्वी उत्तर प्रदेश में बारिश के आसार हैं। राजस्थान के कुछ इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ तेज़ आंधी और 50-60 किमी/घंटा की गति से हवाएं चलने के संकेत मिले हैं। IMD का कहना है कि इस दौरान धूल भरी आंधियां भी चल सकती हैं। गर्मी में राहत जरूर मिलेगी लेकिन किसानों को खड़ी फसल और खुले में रखी चीज़ों की विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।

उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्सों में अगले कुछ दिन तेज़ बारिश हो सकती है। बिहार, झारखंड, ओडिशा की ओर 17 से 20 जून के बीच भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना जताई गई है। इन राज्यों में आंधी-तूफान और बिजली गिरने की घटनाएं बढ़ सकती हैं। इसलिए लोगों को स्थानीय प्रशासन की सलाह मानने की आवश्यकता है।

अब बात पूर्वोत्तर भारत की। 16 से 22 जून के बीच, खासकर असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा में एक के बाद एक भारी बारिश के दौर चल सकते हैं। IMD ने यहां संभावित बाढ़ का खतरा जताया है। असम के कई हिस्सों में जून में बारिश आम बात है, लेकिन जब लगातार कई दिन तेज बारिश होती है, तो शहरी इलाकों—जैसे गुवाहाटी—में जलभराव और बाढ़ जैसी स्थिति बन जाती है। ग्रामीण इलाकों में भी पानी भरने की शिकायतें सामने आ सकती हैं।

मौसम विभाग ने दक्षिण भारत के राज्यों में भी देर तक बारिश बनी रहने की संभावना जताई है। कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु के तटीय जिलों में मॉनसून की रफ्तार तेज हो गई है। किसानों के लिए ये मौसम खुशखबरी है, लेकिन सामाजिक तंत्र को सतर्क किया गया है ताकि किसी भी आपदा में समय रहते राहत पहुंचाई जा सके।

  • राजस्थान, मध्यप्रदेश और यूपी में 16 जून के बाद बारिश की शुरुआत
  • पूर्वोत्तर में लगातार 7 दिन भारी बारिश और बाढ़ का खतरा
  • उत्तरी राज्यों में 14 जून तक हीटवेव का असर
  • रातें भी गर्म रहेंगी—खास ध्यान बुजुर्गों-बच्चों पर

IMD ने स्थानीय निवासियों को ताजा अलर्ट और अपडेट देखने की सलाह दी है, ताकि मौसम की मार से खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रख सकें।

द्वारा लिखित नैना शर्मा

मैं एक अनुभवी समाचार लेखिका हूं और रोज़ाना भारत से संबंधित समाचार विषयों पर लिखना पसंद करती हूं। मेरा उद्देश्य लोगों तक सटीक और महत्वपूर्ण जानकारी पहुँचाना है।