बिश्केक में हिंसा: भारत और पाकिस्तान ने अपने छात्रों को जारी की एडवाइजरी - महत्वपूर्ण अपडेट

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किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में विदेशी छात्रों के खिलाफ चल रही भीड़ हिंसा के बाद भारत और पाकिस्तान ने अपने छात्रों को एडवाइजरी जारी कर घर के अंदर रहने और अपने दूतावासों से संपर्क करने को कहा है। खबरों के मुताबिक, 13 मई को विदेशियों और स्थानीय लोगों के बीच हुई लड़ाई के बाद हिंसा शुरू हुई और किर्गिस्तान पुलिस ने शुक्रवार, 17 मई को हिंसा को रोकने के लिए सेना को तैनात किया।

बिश्केक में भारतीय दूतावास ने कहा कि वे भारतीय छात्रों के संपर्क में हैं और उन्हें घर के अंदर रहने और किसी भी समस्या के मामले में दूतावास से संपर्क करने की सलाह दी गई है। विदेश मंत्री एस जयशंकर भारतीय छात्रों की भलाई की निगरानी कर रहे हैं, जिन्हें दूतावास से नियमित संपर्क में रहने की सलाह दी गई है।

किर्गिस्तान गणराज्य का दावा है कि स्थिति सुरक्षा बलों के नियंत्रण में है और किसी गंभीर चोट की सूचना नहीं है। लगभग 15 नागरिकों ने जांच के लिए चिकित्सा संस्थानों से संपर्क किया है।

पाकिस्तान के दूतावास ने भी अपने छात्रों को स्थिति सामान्य होने तक घर के अंदर रहने की सलाह जारी की है और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय कानून प्रवर्तन अधिकारियों के साथ संपर्क में है। हालांकि पाकिस्तानी नागरिकों के मारे जाने की कोई रिपोर्ट नहीं है, लेकिन चार पाकिस्तानी छात्रों को प्राथमिक उपचार दिया गया और उन्हें छुट्टी दे दी गई, जबकि एक अभी भी उपचार के अधीन है।

पाकिस्तान ने किर्गिस्तान के साथ जताई नाराजगी

पाकिस्तान ने किर्गिस्तान से डेमार्च किया है, जिसमें हिंसा की घटनाओं पर खेद व्यक्त किया गया है और जांच करने और अपराधियों को सजा देने का वादा किया गया है। पाकिस्तान के प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ ने घटना पर चिंता व्यक्त की है और उन पाकिस्तानी नागरिकों को तुरंत वापस लाने की पेशकश की है जो देश छोड़ना चाहते हैं।

भारतीय विदेश मंत्री ने भारतीय छात्रों की सुरक्षा का लिया जायजा

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बिश्केक में भारतीय दूतावास के अधिकारियों से बात की और भारतीय छात्रों की सुरक्षा का जायजा लिया। उन्होंने छात्रों से नियमित रूप से दूतावास के संपर्क में रहने को कहा है। जयशंकर ने ट्वीट कर कहा, "हमारे छात्रों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। हम स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं और हर संभव सहायता प्रदान करेंगे।"

किर्गिस्तान में भारतीय और पाकिस्तानी छात्रों की संख्या

किर्गिस्तान में लगभग 15,000 भारतीय छात्र और 5,000 पाकिस्तानी छात्र पढ़ रहे हैं। ज्यादातर छात्र यहां मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने आते हैं। पिछले कुछ वर्षों में किर्गिस्तान में पढ़ने वाले भारतीय और पाकिस्तानी छात्रों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है।

वर्ष भारतीय छात्र पाकिस्तानी छात्र
2015 5,000 1,500
2018 10,000 3,000
2021 15,000 5,000

किर्गिस्तान में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों की संख्या में यह वृद्धि किर्गिस्तान की सस्ती और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के कारण हुई है। हालांकि, हाल की हिंसा से इन छात्रों की सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं।

निष्कर्ष

किर्गिस्तान में हुई हिंसा दुर्भाग्यपूर्ण है और इससे विदेशी छात्रों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं पैदा हुई हैं। भारत और पाकिस्तान दोनों ने अपने छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए हैं। उम्मीद है कि किर्गिस्तान सरकार भी इस मामले की जांच करेगी और दोषियों को सजा देगी ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

द्वारा लिखित Shiva Parikipandla

मैं एक अनुभवी समाचार लेखिका हूं और रोज़ाना भारत से संबंधित समाचार विषयों पर लिखना पसंद करती हूं। मेरा उद्देश्य लोगों तक सटीक और महत्वपूर्ण जानकारी पहुँचाना है।

Aishwarya George

इस तरह की हिंसा बिल्कुल अनुचित है। भारत और पाकिस्तान दोनों के छात्र यहां सिर्फ पढ़ाई करने आए हुए हैं, न कि किसी राजनीति के लिए। किर्गिस्तान सरकार को तुरंत सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करनी चाहिए।
हमारे दूतावास भी अच्छा काम कर रहे हैं, लेकिन अब यह जरूरी है कि विदेशी छात्रों के लिए अलग से सुरक्षा टीम बनाई जाए।

Vikky Kumar

यह सिर्फ एक छात्र हिंसा नहीं है, यह एक व्यवस्थित अपराध है जिसमें किर्गिस्तान की पुलिस और सरकार दोनों असफल रही हैं। आप जानते हैं कि ये छात्र कितने पैसे खर्च करके यहां आए हैं? और अब इनकी जान लेने का खेल शुरू हो गया है। यह अंतरराष्ट्रीय अपराध है।

manivannan R

बस ये सब फिर से शुरू हो गया है भाई। किर्गिस्तान में भारतीयों की संख्या बढ़ी तो लोगों को बदला लेने का मन हो रहा है। ये नहीं होना चाहिए।
मैंने खुद यहां पढ़ाई की थी, और अक्सर लोग बोलते थे - "भारतीय लोग बहुत सस्ते में आते हैं, फिर भी ज्यादा पैसे ले लेते हैं"। ये नफरत की बातें बहुत आम हैं।

sonu verma

हर छात्र की जिंदगी महत्वपूर्ण है। अगर किसी को भी घायल हुआ है, तो उसका इलाज और उसके परिवार को समर्थन जरूरी है।
हम सब इस बात की उम्मीद करते हैं कि ये घटना सिर्फ एक चेतावनी हो जाए, और भविष्य में ऐसा कुछ न हो।

Siddharth Varma

क्या ये हिंसा किसी राजनीतिक तनाव का हिस्सा है? क्योंकि भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव है, तो क्या ये छात्रों को निशाना बना रहे हैं? कोई जानकारी है कि ये हमले किस तरह के थे?

chayan segupta

अरे भाई, ये तो बस एक बात है। हमारे छात्र बहुत बड़े हैं, वो खुद संभाल लेंगे। दूतावास भी अच्छा काम कर रहा है। जल्दी ही सब ठीक हो जाएगा।
और अगर कोई डर रहा है, तो घर आ जाए। ये दुनिया तो बहुत बड़ी है, यहां नहीं तो कहीं और पढ़ लो।

King Singh

मैंने किर्गिस्तान के छात्रों से बात की है। वो कहते हैं कि ज्यादातर लोग अच्छे हैं, लेकिन कुछ गुस्से में आ जाते हैं।
हमें इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि शिक्षा से लोगों को जोड़ा जा सकता है, न कि अलग किया जाए।

Dev pitta

मैं अपने भाई के साथ बिश्केक में रहा था। वहां के लोग बहुत दोस्ताना हैं, लेकिन जब भी कोई बड़ी घटना होती है, तो कुछ लोग बेकाबू हो जाते हैं।
हमें इस बात को समझना चाहिए कि ये हिंसा किसी एक ग्रुप के खिलाफ नहीं है, बल्कि एक आम समाज का टूटना है।

praful akbari

क्या हम भूल गए कि शिक्षा का मकसद इंसानियत को बढ़ाना है? ये छात्र दो देशों के बीच एक जीवित पुल हैं।
अगर हम इन्हें निशाना बनाते हैं, तो हम अपने आप को ही नष्ट कर रहे हैं।

kannagi kalai

ये सब बहुत बोरिंग है। क्यों नहीं इसे भूल जाते? जिन्हें डर लग रहा है, वो घर चले जाएं।

Roy Roper

किर्गिस्तान की सरकार बेकार है भाई जान। छात्रों को बचाने की जगह वो बस बयान दे रही है। इसका जवाब देने का तरीका यही है कि बस लोगों को डरा दो।

Sandesh Gawade

अगर तुम यहां आए हो तो तुम्हारी जिम्मेदारी है कि तुम खुद सुरक्षित रहो। ये सब बस एक बहाना है।
किर्गिस्तान को भारत और पाकिस्तान दोनों के खिलाफ नहीं बल्कि अपने अपराधियों के खिलाफ लड़ना होगा।

MANOJ PAWAR

मैं एक छात्र हूं। मैं यहां आया था अपनी जिंदगी बदलने के लिए। अब लगता है जैसे मैं अपनी जिंदगी खो रहा हूं।
मैंने अपने दोस्तों को देखा, वो डर से रो रहे थे। क्या ये हमारा भविष्य है? क्या हमें अपनी जिंदगी के लिए लड़ना पड़ेगा?

Pooja Tyagi

ये तो बहुत बड़ी बात है! भारत और पाकिस्तान दोनों के छात्रों को एक साथ निशाना बनाया जा रहा है! ये किसी बड़े षड्यंत्र का हिस्सा है! अगर दूतावास ने ऐसा नहीं किया, तो क्या होता? अब तो सब बच गए! लेकिन ये बात अभी तक नहीं बताई गई! जल्दी से जांच होनी चाहिए! और ये जो लोग इसे बढ़ावा दे रहे हैं, उन्हें जेल में डाल देना चाहिए!!!