वक्फ संशोधन बिल 2024: विपक्ष के प्रस्तावों को खारिज कर NDA के संशोधन पारित

वक्फ संशोधन बिल 2024: NDA के संशोधन और विपक्ष की आपत्ति
संयुक्त संसदीय समिति (JPC) ने वक्फ संशोधन बिल 2024 के तहत 14 संशोधनों को मंजूरी दी है, जो NDA द्वारा प्रस्तुत किए गए थे, जबकि विपक्ष के सभी 44 संशोधनों को खारिज कर दिया है। यह बैठक 27 जनवरी को जगदंबिका पाल की अध्यक्षता में संपन्न हुई, जिससे अब यह प्रस्तावित कानून संसद में चर्चा और पारित के लिए आगे बढ़ेगा। इस बिल का मुख्य उद्देश्य वर्तमान वक्फ अधिनियम 1995 में बदलाव करना है, जो भारत में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को नियंत्रित करता है।
प्रमुख संशोधन और उनकी प्रस्तावित संरचना
इस बिल में कुछ महत्वपूर्ण बदलावों की योजना बनाई गई है। प्रस्तावित परिवर्तन राज्य सरकारों को यह अधिकार देंगे कि वे यह निर्धारण करें कि कोई संपत्ति वक्फ है या नहीं। इसके अलावा, इस बिल में कुछ विशेष मुस्लिम अल्पसंख्यक समूहों जैसे दाऊदी बोहरा और आगा खानी को वक्फ बोर्डों के अधिकार क्षेत्र से बाहर करने का प्रावधान भी शामिल है। इसके साथ ही, राज्य वक्फ बोर्डों में चार गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करने की प्रक्रिया पर भी जोर दिया गया है। वर्तमान 'वक्फ बाई यूज़र' योजना को समाप्त कर, सभी वक्फ दावों को पंजीकृत अधिकार पत्रों द्वारा समर्थन प्राप्त करना आवश्यक होगा।
विपक्ष और अन्य पार्टियों की प्रतिक्रिया
इस संशोधन पर विपक्ष, जिसमें कांग्रेस, TMC, DMK, और AIMIM जैसी पार्टियाँ शामिल हैं, ने तीखी आपत्ति जताई है। विपक्ष का कहना है कि यह संशोधन मुस्लिम समुदाय के अधिकारों को कमजोर करते हैं और भारत के संघीय ढांचे को प्रभावित करते हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि बिना उचित विचार-विमर्श के इस तरह के बदलाव अल्पसंख्यकों के हितों को प्रभावित कर सकते हैं।
समिति की प्रतिक्रिया और प्रक्रिया
संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष ने इस फैसले का बचाव करते हुए कहा कि यह प्रक्रिया लोकतांत्रिक थी और इसमें बहुमत का समर्थन प्राप्त हुआ। उन्होंने विश्वास दिलाया कि सभी पक्षों को सुना गया और विचार-विमर्श के बाद निर्णय लिया गया। यह कदम वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता एवं जवाबदेही को बढ़ावा देने का प्रयास है।
क्या है वक्फ संशोधन बिल का व्यापक प्रभाव?
वक्फ संशोधन बिल के तहत जो परिवर्तन प्रस्तावित है, वह वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन की प्रक्रिया को मज़बूत करने के उद्देश्यों को प्रतिबिंबित करता है। इस कानून का मुख्य लक्ष्य वक्फ संपत्तियों के मामलों में कानूनी सुरक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित करना है। वर्तमान में, वक्फ संपत्तियां पुरानी पद्धतियों के आधार पर वर्गीकृत की गई हैं, जबकि नया कानून यह सुनिश्चित करेगा कि प्रत्येक संपत्ति के दावे को कानूनी दस्तावेज़ों द्वारा समर्थन प्राप्त हो।

क्या है 'वक्फ बाई यूज़र' योजना का भविष्य?
वर्तमान 'वक्फ बाई यूज़र' योजना के अंतर्गत किसी संपत्ति को केवल वर्तमान उपयोग की वजह से वक्फ माना जाता था। इस विधेयक के पारित होने पर, संपत्ति के दावे के लिए पंजीकृत दस्तावेज़ का होना अनिवार्य होगा। यह प्रक्रिया वक्फ संपत्तियों के मामले में बेवजह के विवादों को समाप्त करने में सहायक होगी, क्योंकि अब हर संपत्ति की कानूनी वैधता स्थापित करना आवश्यक होगा।
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