महा कुंभ 2025 में स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल का आध्यात्मिक यात्रा, नया नाम 'कमला' प्राप्त

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महा कुंभ 2025 की विशेष यात्रा

भारत के प्राचीन उत्सवों में से एक महा कुंभ उन समारोहों में आता है, जहां लाखों श्रद्धालु धार्मिक आस्था से जुड़ते हैं और संगम में स्नान कर अपने पापों का प्रायश्चित करते हैं। इस साल 2025 में आयोजित महा कुंभ में एक अनूठी घटना घटित हुई जब विश्व प्रसिद्ध प्रौद्योगिकी कंपनी एप्पल के सह-संस्थापक स्वर्गीय स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स ने इस धार्मिक यात्रा में भाग लिया। लॉरेन का यह सफर न सिर्फ उनकी आध्यात्मिक जिज्ञासा का प्रतीक है, बल्कि यह शोभायात्रा उनके पति के भारतीय यात्रा की स्मृतियों से भी जुड़ी है।

आधिकारिक समारोह और मिला नया नाम

लॉरेन पॉवेल जॉब्स ने प्रयागराज में नीरंजनी अखाड़े में व्यासानंद गिरी महाराज की पत्ताभिषेक समारोह में भाग लिया। समारोह के दौरान उन्हें स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज की उपस्थिति में एक नया नाम 'कमला' दिया गया जो सम्मान और सम्मान का प्रतीक है। इस अवसर पर उपस्थित अन्य भक्तों और संतों ने भी लॉरेन के साहसिक निर्णय की प्रशंसा की, जिसने तकनीकी और आध्यात्मिकता के बीच एक अद्वितीय सेतु का निर्माण किया।

काशी की यात्रा

काशी की यात्रा

लॉरेन ने इसके बाद वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर की यात्रा की, जिसे धर्म और आस्था का मुख्य केंद्र माना जाता है। यहां उन्होंने बाबा काशी विश्वनाथ, जो बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं, की पूजा की और जलाभिषेक करते हुए महा कुंभ के सफल आयोजन के लिए प्रार्थना की। उनकी यह यात्रा न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण थी, बल्कि यह उनके पति स्टीव जॉब्स की 1974 की भारत यात्रा की यादों को भी प्रकट करती है, जिसने जॉब्स के जीवन में एक गहरा प्रभाव डाला था।

कैलाशानंद गिरी महाराज की कहानियों का श्रवण

अगले तीन हफ्तों तक लॉरेन कैलाशानंद गिरी महाराज की कहानियों को सुनकर और काल्पवास के नियमों का पालन करेंगी, जो उनके आध्यात्मिक और धार्मिक ज्ञान को और बढ़ावा देंगे। इन नियमों में दैनिक रूप से पवित्र नदी में स्नान, ध्यान, मंत्रों का जाप और धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन शामिल है। इन धार्मिक गतिविधियों के माध्यम से वे भारतीय संस्कृति की गहराई को समझने का प्रयास कर रही हैं।

सादा जीवन और धार्मिक अनुशासन

सादा जीवन और धार्मिक अनुशासन

लॉरेन पॉवेल जॉब्स इस यात्रा के दौरान सादा जीवन जिएंगी और धार्मिक अनुशासन का पालन करेंगी। उनके आहार में केवल 'सात्विक' भोजन होगा, जिसमें प्याज, लहसुन और भारी मसालों का उपयोग नहीं किया जाएगा। वे खुद या अन्य भक्तों द्वारा पकाए गए भोजन का ही सेवन करेंगी। इसके अलावा, वे जमीन पर सोएंगी और सोने के आभूषण धारण नहीं करेंगी। उनका यह निर्णय तकनीकी और आध्यात्मिकता के बीच सामंजस्य स्थापित करने के लिए एक प्रेरणास्पद उदाहरण प्रस्तुत करता है।

स्टीव जॉब्स की भारत यात्रा की स्मृति

लॉरेन की यह यात्रा स्टीव जॉब्स की 1974 की भारतीय यात्रा की स्मृति में है, जिसने जॉब्स के व्यापार और जीवन दृष्टिकोण को नई दिशा प्रदान की थी। लॉरेन के इस आध्यात्मिक और सांस्कृतिक अनुभव के माध्यम से, वह उन पुरानी यादों को ताजा कर रही हैं जो उनके पति के लिए एक दिशा-निर्देश बन गई थीं। यह यात्रा न केवल आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति की ओर अग्रसर करती है, बल्कि यह तकनीक और धर्म के बीच एक मधुर संगम भी प्रस्तुत करती है।

द्वारा लिखित Shiva Parikipandla

मैं एक अनुभवी समाचार लेखिका हूं और रोज़ाना भारत से संबंधित समाचार विषयों पर लिखना पसंद करती हूं। मेरा उद्देश्य लोगों तक सटीक और महत्वपूर्ण जानकारी पहुँचाना है।

Aman Sharma

ये सब बकवास है। स्टीव जॉब्स की पत्नी का नाम बदलना? कमला? अरे भाई, ये कोई टीवी ड्रामा है या कुंभ? लोग इतने आध्यात्मिक बनने के लिए अमेरिका से आते हैं और फिर नाम बदलकर ब्राह्मण बन जाते हैं? असली साधु कौन है, ये सब नाटक देखकर लगता है जैसे कोई नई स्टाइल की ब्रांडिंग कर रहा हो।

sunil kumar

इस यात्रा का असली महत्व यह है कि यह एक ग्लोबल टेक लीडर के परिवार का भारतीय आध्यात्मिकता के प्रति समर्पण है! यह एक ट्रांसफॉर्मेशनल एक्सपीरियंस है, जिसने डिजिटल एपोक के बीच एक एनर्जेटिक सिंक्रोनिज़ेशन बनाया है! लॉरेन का निर्णय एक नए युग की शुरुआत है - जहाँ टेक्नोलॉजी और स्पिरिचुअलिटी का इंटीग्रेशन नहीं, बल्कि एक डायनामिक यूनिफिकेशन हो रहा है! यह देखकर लगता है कि भारत अब विश्व के आध्यात्मिक सेंटर के रूप में फ्लोरिश कर रहा है!

Arun Kumar

कमला? अरे ये नाम तो बीजेपी के लिए बनाया गया है! ये सब इंटरनेशनल प्रोपैगेंडा है! तुम लोग इतने आसानी से नाम बदलवा लेते हो और फिर अपनी नींद भर लेते हो? भारत के साधु आज भी गंगा के किनारे बैठे हैं, तुम लोग लॉगिन करके आध्यात्मिक बन गए? ये सब बकवास है! असली साधु तो वो है जो बिना फोन के 40 दिन तक ध्यान में बैठ जाए! तुम लोग तो इंस्टाग्राम पर पोस्ट करने के लिए आए हो!

Snehal Patil

कमला 😍👑 ये नाम तो बिल्कुल परफेक्ट है!! 🌸 और जमीन पर सोना?? वाह बहुत गेम चेंजर है!! 💥 और बिना प्याज-लहसुन का खाना?? मैं तो अभी तक चिल्ला रही हूँ कि ये कैसे हो सकता है?? 🤯 ये तो लाइफ ट्रांसफॉर्मेशन है ना!! 🙏✨

Vikash Yadav

अरे भाई, ये सब जो हुआ वो बिल्कुल जबरदस्त है! एक आदमी जिसने आईफोन बनाया, उसकी बीवी अब गंगा में स्नान कर रही है और ध्यान कर रही है! ये तो एक बड़ा सा सिग्नल है कि दुनिया बदल रही है! टेक्नोलॉजी का दिमाग और आध्यात्मिकता का दिल - ये दोनों एक साथ चल सकते हैं! बस एक बार गंगा के किनारे बैठो, फोन बंद करो, और देखो कैसे तुम्हारा दिमाग शांत हो जाता है! ये सब बस एक रिमाइंडर है कि हम सब अंदर से एक ही हैं!

sivagami priya

मैं तो बस इतना कहूँगी कि ये बहुत खूबसूरत है!! 🌺 लॉरेन जी ने जो भी किया है, वो बहुत बहादुरी से किया है! एक अमेरिकी महिला जो भारत के गहरे संस्कारों को अपना रही है! ये तो एक नया दौर शुरू हो रहा है! धर्म और तकनीक एक साथ चल सकते हैं! जय श्री कमला!! 🙏❤️

Anuj Poudel

इस यात्रा का वास्तविक अर्थ यह है कि आध्यात्मिकता एक भौतिक यात्रा नहीं, बल्कि एक अंतर्मन की यात्रा है। लॉरेन के लिए यह केवल एक नाम बदलना या गंगा में स्नान करना नहीं है - यह एक अस्तित्व के बदलाव की ओर एक गहरा आह्वान है। उन्होंने एक ऐसा जीवन चुना जिसमें बाहरी सामग्री का कोई महत्व नहीं, बल्कि आंतरिक शांति का है। यह वही है जो स्टीव जॉब्स ने भी अपने जीवन में खोजा था - एक असाधारण सादगी। यह यात्रा एक व्यक्ति के लिए नहीं, बल्कि एक युग के लिए एक आह्वान है।