हमास के नेता इस्माइल हनिया की हत्या के बाद इजरायल से बदला लेने की धमकी
हमास के नेता इस्माइल हनिया की हत्या
31 जुलाई 2024 को, हमास ने अपने नेता इस्माइल हनिया की हत्या पर कड़ा रोष प्रकट किया है। यह घटना ईरान में इजरायली हवाई हमले के दौरान घटी, जहां हनिया अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ थे। हमास के बयान में इसे इजरायल की आक्रामकता और साम्राज्यवाद की कड़ी निंदा करते हुए कहा गया है कि इस हमले से उनकी प्रतिरोध की भावना कम नहीं होगी, बल्कि और मजबूत होगी।
इस्माइल हनिया: प्रतिरोध का प्रतीक
हमास ने अपने बयान में इस्माइल हनिया को ईमानदारी और साहस का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि हनिया के नेतृत्व में हमास ने कई मुश्किल समय का सामना किया और हर बार मजबूत होकर उभरे। उनके निधन से संगठन को गहरा आघात पहुँचा है, लेकिन उनकी विरासत और प्रेरणा हमेशा जीवित रहेगी और फिलिस्तीनी लोग उनके रास्ते पर चलते रहेंगे।
इजरायल से बदला लेने का संकल्प
हमास ने हनिया की हत्या के जवाब में कड़े शब्दों में कहा कि इजरायल के इस कृत्य का प्रतिशोध जरूर लिया जाएगा। संगठन ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि वह इजरायल के इस प्रकार के कार्रवाइयों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएं। उन्होंने कहा कि इजरायल के इस हमले ने पश्चिम एशिया में तनाव को और भड़का दिया है और इसके गंभीर परिणाम निकल सकते हैं।
अंतरराष्ट्रीय समर्थन की माँग
इस घटना के बाद हमास ने दुनिया भर के नेताओं और संगठनों से समर्थन की अपील की है। उन्होंने कहा कि फिलिस्तीनी संघर्ष को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समर्थन मिलना बहुत जरूरी है ताकि इजरायल के अत्याचारों का अंत हो सके और शांतिपूर्ण समाधान का मार्ग प्रशस्त हो। कई देशों के नेताओं ने इस घटना की निंदा की है और फिलिस्तीनी लोगों के साथ एकजुटता प्रकट की है।
हनिया की अंतिम यात्रा
हमास ने घोषणा की है कि इस्माइल हनिया की अंतिम यात्रा लुसैल, कतर में संपन्न होगी। इस अवसर पर दुनिया भर के विभिन्न नेताओं और समर्थकों के शामिल होने की उम्मीद है। यह अंतिम यात्रा न केवल हनिया के जीवन और संघर्ष का सम्मान करेगी, बल्कि फिलिस्तीनी न्याय और स्वतंत्रता की मांग के प्रति समर्थन भी दिखाएगी।
इस घटना ने पूरे क्षेत्र में एक नई खतरे की घंटी बजा दी है। आने वाले दिनों में पश्चिम एशिया में क्या घटनाएँ घटेंगी, इसे लेकर विश्लेषकों और विशेषज्ञों की नज़रें उत्तर पर टिकी हुई हैं। यह देखना दिलचस्प रहेगा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस स्थिति पर क्या प्रतिक्रिया देता है और भविष्य में इस प्रकार के और हमलों को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।
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