केरल के मलप्पुरम में एक व्यक्ति की निपाह वायरस से हुई मौत: स्वास्थ्य मंत्री का खुलासा

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केरल में निपाह वायरस का खतरा: मलप्पुरम में हुई एक युवक की मौत से बढ़ी चिंता

केरल के स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने पुष्टि की है कि मलप्पुरम में हाल ही में मृत पाए गए एक युवक को निपाह वायरस का संक्रमण था। थिरूवाली के वांडूर के पास के 24 वर्षीय युवक, जो हाल ही में बेंगलुरु से लौटे थे, उनकी मौत ने प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को चिंता में डाल दिया है। यह युवक पहले से बुखार से पीड़ित थे और विभिन्न अस्पतालों में इलाज करा रहे थे, जिनका अंततः 9 सितंबर को निधन हो गया।

निपाह वायरस का खुलासा और उपचार

निधन के तुरंत बाद, मृतक के नमूने जांच के लिए कोझिकोड मेडिकल कॉलेज अस्पताल की प्रयोगशाला में भेजे गए थे। प्रारंभिक परीक्षणों में निपाह वायरस होने की पुष्टि हुई और बाद में इसे पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) ने भी कन्फर्म किया। इस पुष्टि के बाद स्वास्थ्य मंत्री ने उच्च-स्तरीय बैठक बुलाई और आवश्यक कदम उठाए।

स्वास्थ्य विभाग ने तत्काल प्रभाव से मृतक के संपर्क में आए 151 लोगों की सूची तैयार की है। इनमें से पांच लोगों में हल्के लक्षण पाए गए हैं और उनके नमूने भी जांच के लिए भेजे गए हैं। स्वास्थ्य विभाग का प्रयास है कि किसी भी संभावित संक्रमण को शुरुआती चरण में ही पहचाना जाए ताकि समय पर उचित उपचार उपलब्ध हो सके।

तत्काल सुरक्षा कदम और परामर्श

थिरूवाली पंचायत अधिकारियों ने क्षेत्र के सभी निवासियों को मास्क पहनने और किसी भी लक्षण की जानकारी स्वास्थ्य अधिकारियों को देने की सलाह दी है। इसके साथ ही आने वाले दिनों में घर-घर जाकर स्क्रीनिंग की योजना भी बनाई जा रही है।

स्वास्थ्य विभाग ने बताया है कि वे निपाह वायरस संक्रमण का पता लगाने और इसे सीमित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं। लोगों से सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध लक्षण को लेकर तुरंत चिकित्सा सहायता लेने की अपील की गई है।

केरल में निपाह वायरस का इतिहास

यह घटना केरल में निपाह वायरस के इतिहास की नवीनतम कड़ी है। इससे पहले 2018, 2021, और 2023 में कोझिकोड जिले और 2019 में एर्णाकुलम जिले में भी निपाह वायरस के मामले दर्ज किए गए थे। इन वर्षों में राज्य ने निपाह वायरस से निपटने के लिए पर्याप्त अनुभव और प्रोटोकॉल विकसित किये हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग और राज्य प्रशासन के समन्वय में, निपाह वायरस के प्रकोप को रोकने और प्रभावित लोगों के उपचार के लिए सभी आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। स्वास्थ्य मंत्री ने जनता से अफवाहों पर ध्यान न देने और सत्यापित सूचनाओं के आधार पर ही प्रतिक्रिया देने की अपील की है।

निपाह वायरस के लक्षण और उपाय

निपाह वायरस का संक्रमण सामान्यतः बुखार, सिरदर्द, और सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षणों से शुरू होता है। गंभीर मामलों में यह मस्तिष्क की सूजन और मौत का कारण भी बन सकता है। इसलिए किसी भी संदिग्ध लक्षण को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और तुरंत चिकित्सकीय सलाह लेनी चाहिए।

  • ज्यादा भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें।
  • मास्क पहनें और हाथों की सफाई का ध्यान रखें।
  • संदिग्ध लक्षण दिखाई देने पर तुरंत चिकित्सा सुविधा की ओर रुख करें।
  • सरकारी निर्देशों का पालन करें और अफवाहों से बचे रहें।

केरल सरकार और स्वास्थ्य विभाग इस चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं और स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। जनता को भी अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए सतर्क रहना होगा, जिससे इस वायरस के प्रसार को रोका जा सके।

द्वारा लिखित Shiva Parikipandla

मैं एक अनुभवी समाचार लेखिका हूं और रोज़ाना भारत से संबंधित समाचार विषयों पर लिखना पसंद करती हूं। मेरा उद्देश्य लोगों तक सटीक और महत्वपूर्ण जानकारी पहुँचाना है।

केरल के मलप्पुरम में एक व्यक्ति की निपाह वायरस से हुई मौत: स्वास्थ्य मंत्री का खुलासा

केरल राज्य में निपाह वायरस से एक की मौत की पुष्टि, स्वास्थ्य मंत्री ने बताई स्थिति

Sandesh Gawade

ये वायरस तो हर साल आता ही है, लेकिन हमारी सरकार तो बस ट्वीट करती है और फिर चुप! अस्पतालों में ऑक्सीजन नहीं, लेकिन प्रेस रिलीज़ बरस रही हैं।

MANOJ PAWAR

मैंने 2018 में भी यही देखा था-एक युवक की मौत, फिर तुरंत स्क्रीनिंग, फिर शांति। लेकिन अगले साल फिर वही गलती। हम इतिहास से कभी नहीं सीखते।

Pooja Tyagi

अगर आपको बुखार है तो घर में बैठकर गूगल नहीं, डॉक्टर के पास जाएं! निपाह वायरस का इलाज नहीं है, लेकिन उसे रोका जा सकता है! लोगों, सावधान रहें!! और मास्क जरूर पहनें!!! ये जिंदगी बचाएगा!!!

Kulraj Pooni

क्या हम वाकई समझते हैं कि ये वायरस इंसानी लालच का परिणाम है? जंगलों को काटना, फलों को चोरी करना, चमगादड़ों को डराना... ये सब हमारा कर्म है। और अब हम डॉक्टरों को दोष दे रहे हैं? क्या ये न्याय है?

Hemant Saini

मैं तो सोचता हूँ कि अगर हम इन वायरस के खिलाफ नहीं लड़ सकते, तो कम से कम इनके बारे में जागरूकता बढ़ाएं। गांव-गांव में टीवी पर रिपोर्ट नहीं, बल्कि स्कूलों में बच्चों को सिखाएं। भविष्य उनका है।

Nabamita Das

151 लोगों की सूची? ये तो बहुत कम है। मलप्पुरम में एक बार बार आने वाले लोग जो बेंगलुरु से आते हैं, उनकी ट्रैकिंग कहाँ है? अगर आप इतना अच्छा प्रोटोकॉल बना रहे हैं, तो इसे अपनाएं नहीं तो बस दिखावा है।

chirag chhatbar

ये वायरस तो बस फेक न्यूज है... लोगों को डरा कर सरकार पैसे लेती है। मैंने अपने दोस्त को बताया, उसने कहा ‘बाप रे, ये तो बस बुखार है’।

Aman Sharma

केरल की सरकार ने जो किया है, वो दुनिया के सामने बहुत अच्छा लग रहा है... लेकिन अगर आप उत्तर भारत में ये बात करेंगे, तो लोग इसे नहीं मानेंगे। ये सिर्फ दक्षिण भारत का खेल है।

sunil kumar

स्क्रीनिंग का असली मतलब है-जल्दी पहचानो, जल्दी अलग करो, जल्दी सपोर्ट दो! ये एक इंफेक्शन कंट्रोल प्रोटोकॉल है, न कि एक बयानबाजी! अगर आप इसे गंभीरता से लेंगे, तो ये आपकी जिंदगी बचा सकता है! जागो अब!

Arun Kumar

तुम लोग बस बातें कर रहे हो, लेकिन कौन है जिसने अपने घर के बाहर बाथरूम में हाथ धोने के लिए साबुन रखा? निपाह वायरस नहीं, तुम्हारी लापरवाही मार रही है।

Snehal Patil

मैंने अपने भाई को बताया... वो बोला 'मैं तो घर पर हूँ'... और अब उसका बुखार 102 है। अब तो डर लग रहा है। 😢

Vikash Yadav

ये वायरस तो बस एक चेतावनी है कि हमने प्रकृति को कितना तोड़ दिया। चमगादड़ नहीं, हम खतरनाक हैं। लेकिन अगर हम अब से जाग गए, तो अभी भी बचाव है। बस थोड़ी सी जिम्मेदारी चाहिए। चलो, अपने आसपास को साफ करें, मास्क पहनें, और दिल से दुआ करें। जीवन तो अभी बाकी है!