टॉनी क्रूस: यूरो 2024 में जर्मनी के सपने को स्पेन ने तोड़ा

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स्पेन ने तोड़ा जर्मनी का सपना

34 वर्षीय मिडफील्डर टॉनी क्रूस ने यूरो 2024 से जर्मनी की विदाई पर कहा कि स्पेन ने उनके घरेलू विजय के सपने को 'तोड़ा'। स्टुटगार्ट में हुए क्वार्टरफाइनल मुकाबले में स्पेन ने 2-1 से जीत हासिल कर जर्मनी की चुनौती को समाप्त कर दिया। निर्णायक गोल मिकेल मेरिनो ने एक्स्ट्रा टाइम के 119वें मिनट में किया।

क्रूस की विदाई

यह मुकाबला टॉनी क्रूस के करियर का आखिरी मुकाबला था, क्यूंकि उन्होंने पहले ही क्लब फुटबॉल से अपनी सेवानिवृत्ति की घोषणा की थी। रियल मैड्रिड के लिए चैंपियंस लीग जीतने के बाद क्रूस ने अपने करियर को अलविदा कहा था। यूरो 2024में राष्ट्रीय टीम के लिए खेलते हुए भी उन्होंने अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से दर्शकों का दिल जीता।

क्रूस ने मैच के बाद अपने बयान में कहा कि उन्होंने और उनकी टीम ने पूरी कोशिश की थी और वे गर्व के साथ घर लौटेंगे। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि टीम ने मैच के दौरान कड़ी मेहनत की और उल्लेखनीय प्रगति की है।

कोच नागल्स्मन की टिप्पणी

जर्मनी के कोच जूलियन नागल्स्मन ने टीम की हार पर दुख जताया और कहा कि यह परिणाम उनके मुताबिक नहीं था। उन्होंने टीम के समर्पण की तारीफ की और कहा कि इस तरह की हार उनकी मेहनत के लिए न्यायसंगत नहीं थी। नागल्स्मन ने विशेष रूप से टीम के प्रदर्शन की सराहना की और कहा कि वे अंत तक संघर्ष करते हुए लगभग जीत के करीब पहुंच गए थे।

मैच का तनावपूर्ण माहौल

मैच का तनावपूर्ण माहौल

स्टुटगार्ट में हुआ यह मैच अत्यधिक तनावपूर्ण रहा। कुल मिलाकर मैच में 16 येलो कार्ड और एक रेड कार्ड दिखाए गए। स्पेन के दानी कार्वाजाल को रेड कार्ड मिला, जिसकी वजह से वे सेमीफाइनल मैच में नहीं खेल पाएंगे। टॉनी क्रूस को भी इस मैच में एक येलो कार्ड मिला।

मैच के दौरान दोनों टीमों के खिलाड़ियों ने अपनी पूरी ताकत लगाई और दर्शकों को एक रोमांचक मुकाबला देखने को मिला। क्रूस ने जर्मनी की टीम के संघर्ष और समर्पण की प्रशंसा की और कहा कि यह हार उन्हें अगली चुनौतियों के लिए तैयार करेगी।

भविष्य की उम्मीदें

जर्मनी की टीम के लिए यह हार एक बड़ा झटका है, लेकिन भविष्य के लिए सकारात्मक संकेत भी हैं। टॉनी क्रूस ने टीम के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि इस हार के बावजूद, टीम में आगे बढ़ने और सफल होने के लिए कड़ी मेहनत और सामर्थ्य मौजूद है। उन्होंने टीम की युवा प्रतिभा और कोच जूलियन नागल्स्मन की उम्मीदों को लेकर आशावान होने की वजह बताई।

यूरो 2024 से बाहर होने के बाद, जर्मनी की टीम नए सिरे से तैयारी करेगी और उम्मीद है कि आगामी टूर्नामेंटों में वे बेहतर प्रदर्शन करके देश का गौरव बढ़ाएंगे।

निष्कर्ष

निष्कर्ष

यूरो 2024 में जर्मनी की हार सिर्फ एक खेल की हार नहीं बल्कि विभिन्न भावनाओं का संकलन है। टॉनी क्रूस की विदाई इस घटना को और भी यादगार बना देती है। उम्मीद है कि आने वाले समय में जर्मनी की टीम फिर से अपनी ताकत और कौशल दिखाकर दुनिया को चौंका देगी।

द्वारा लिखित Shiva Parikipandla

मैं एक अनुभवी समाचार लेखिका हूं और रोज़ाना भारत से संबंधित समाचार विषयों पर लिखना पसंद करती हूं। मेरा उद्देश्य लोगों तक सटीक और महत्वपूर्ण जानकारी पहुँचाना है।

Sandesh Gawade

ये मैच तो दिल को छू गया! टॉनी क्रूस ने अपना आखिरी मैच ऐसे खेला जैसे वो कभी जाने वाला नहीं था। जर्मनी की टीम ने जो जुनून दिखाया, वो किसी फिल्म से कम नहीं।

MANOJ PAWAR

क्रूस के लिए ये मैच सिर्फ एक खेल नहीं था... ये तो एक पूरा जीवन था। जब उन्होंने एक्स्ट्रा टाइम में गोल की ओर देखा तो मुझे लगा जैसे उनकी आत्मा भी गोल करने लगी हो।

Pooja Tyagi

ये मैच तो बिल्कुल दिल दहला देने वाला था!! एक्स्ट्रा टाइम का गोल?? बस देखकर रो पड़ी मैं!! 😭 टॉनी क्रूस के लिए ये हार भी जीत है, क्योंकि उन्होंने अपना सब कुछ दे दिया!! और स्पेन का वो गोल?? बस जबरदस्ती!! 🙌🔥

Kulraj Pooni

लोग कहते हैं कि खेल खेल है... पर ये खेल तो एक धर्म है। टॉनी क्रूस ने अपने करियर के अंत में ये दिखाया कि असली जीत वो होती है जब तुम खुद को पूरी तरह दे दो। जर्मनी की हार ने नहीं, उनकी मेहनत ने जीत ली।

Hemant Saini

मैंने ये मैच देखा तो लगा जैसे इंसानी भावनाओं का एक जीवित नाटक चल रहा हो। क्रूस का अंत, नागल्स्मन का निराश होना, ये सब कुछ इतना असली लगा कि लगा जैसे खुद उस घर में बैठा हूँ। फुटबॉल बस एक खेल नहीं... ये तो जीवन है।

Nabamita Das

क्रूस का ये अंत बहुत सुंदर था, लेकिन जर्मनी के युवा खिलाड़ियों को अब बस रोना नहीं, बल्कि अपनी टेक्निकल डिसिप्लिन बढ़ानी होगी। उनकी फिटनेस और पोजिशनिंग में बड़ी कमी थी।

chirag chhatbar

ye match toh bas drama tha... kroos ne kya kia? kuch nahi. spain wale hi toh jeet gaye. germany ko kuch nahi aata bas bhaagte rehte hai.

Aman Sharma

क्या आपने देखा? टॉनी क्रूस के बाद जर्मनी का फुटबॉल अब बस एक अपशब्द है। ये सब नागल्स्मन के गलत टैक्टिक्स का नतीजा है। ये टीम तो अब बस बैठकर देख रही है कि दुनिया कैसे आगे बढ़ रही है।

sunil kumar

हर एक खिलाड़ी के अंदर एक जीत का जुनून होता है, और क्रूस ने उसे अपने आखिरी सांस तक बरकरार रखा! ये टीम अभी नहीं टूटी, ये तो फिर से बन रही है! युवा खिलाड़ियों को अब डिसिप्लिन, वॉल्यूम और टेक्निकल क्लियरिटी पर फोकस करना होगा। ये हार उनके लिए एक ट्रांसफॉर्मेशनल मोमेंट है!

Arun Kumar

ये सब बकवास है। टॉनी क्रूस को भी एक येलो कार्ड मिला? तो फिर उसकी विदाई क्या खास? जर्मनी की टीम का तो खेल ही बेकार था। ये लोग तो बस बोलते रहते हैं, लेकिन जीतने की ताकत नहीं है।

Snehal Patil

क्रूस ने जो दिखाया... वो बस एक बूढ़े का अंत था। अब जर्मनी को अपने बच्चों को भेजना होगा। और इस गोल को देखकर मैंने अपनी बेटी को याद कर लिया। 😢💔