GIFT Nifty में भारी गिरावट: अप्रैल के रिकॉर्ड के बाद मई में कारोबार में 46% कमी
GIFT Nifty में भारी गिरावट: मुख्य कारण और प्रभाव
गांधीनगर के GIFT City में स्थित NSE International Exchange पर ट्रेड होने वाले GIFT Nifty डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स में मई में भारी गिरावट दर्ज की गई है। अप्रैल में जहां $82 बिलियन का रिकॉर्ड टर्नओवर हुआ था, वहीं मई में यह गिरकर $44.24 बिलियन पर आ गया है। यह लगभग 46% की गिरावट दर्शाता है, जो निवेशकों और ट्रेडर्स के लिए चिंता का विषय है।
ट्रेडिंग वॉल्यूम में इस कमी के पीछे कई कारण माने जा रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) द्वारा घरेलू कैश मार्केट में भारी बिकवाली का सीधा असर GIFT Nifty पर पड़ा है। मई 24 तक, भारतीय शेयरों में FPIs द्वारा कुल $2.7 बिलियन की बिकवाली की जा चुकी है। यह बिकवाली निवेशकों में चुनावी नतीजों को लेकर बनी अनिश्चितता के कारण हो रही है, जिससे विदेशी निवेशक 'रूकें और देखें' की रणनीति अपना रहे हैं।
वॉल्युम में कमी लेकिन ओपन इंटरेस्ट स्थिर
हालांकि, इंट्रा-डे वॉल्युम में भारी गिरावट आई है, ओपन इंटरेस्ट में विशेष बदलाव नहीं हुआ है। विशेषज्ञों का मानना है कि इसमें कई फैक्टर्स की भूमिका है। विदेशी और अन्य प्रतिभागी कम इंट्रा-डे ट्रेडिंग कर रहे हैं, जिसे GIFT Nifty में उच्च वोलटिलिटी और घरेलू Nifty की तुलना में कम गहराई के कारण समझा जा सकता है।
घरेलू Nifty का कॉन्ट्रैक्ट साइज आधा हो गया है, जिससे कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू और GIFT Nifty से कुछ वॉल्युम डायवर्ट हो गया है। यह GIFT Nifty को तुलनात्मक रूप से महंगा बना देता है। इसके अलावा, चुनाव परिणामों के बाद रुपये के सराहना की संभावनाओं से भी ट्रेडर्स अपने ओपन पोजीशन को कम कर रहे हैं ताकि डॉलर मार्जिन को रुपये में बदलते समय संभावित नुकसान से बचा जा सके।
चुनाव परिणामों का विध्वंसक प्रभाव
चुनावी नतीजों की अनिश्चितता को देखते हुए विदेशी निवेशक इंतजार एवं निगरानी कर रहे हैं। यह वित्तीय मार्केट में अस्थिरता और अनिश्चितता का प्रमुख कारण है। चुनाव परिणाम आने तक बाजार में वोलटाइलिटी बनी रहने की संभावना है, जिससे ट्रेडिंग वॉल्युम पर भी प्रभाव पड़ेगा।
चुनावी नतीजों पर बाजार की प्रतिक्रिया एक महत्वपूर्ण घटक बनी रहेगी, जो GIFT Nifty के फ्यूचर मार्केट की दिशा को भी निर्धारित करेगी। स्थिर राजनीतिक माहौल और स्पष्ट नीतियों से घरेलू और विदेशी निवेशक अधिक आत्मविश्वास से निवेश करेंगे।
इंडस्ट्री विश्लेषकों की राय
वित्तीय एक्सपर्ट्स का मानना है कि GIFT Nifty की इस गिरावट को बड़े परिप्रेक्ष्य में देखा जाना चाहिए। यह सिस्टमेटिक रिस्क और मार्केट सेंटिमेंट का प्रकटिकरण है। विदेशी निवेशकों द्वारा भारी बिकवाली से बाजार में बेचैनी साफ नजर आ रही है।
हालांकि, कुछ विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि यह गिरावट बाजार के स्वाभाविक उतार-चढ़ाव का हिस्सा हो सकता है, और आने वाले महीनों में स्थिर राजनीतिक माहौल के साथ सुधार संभव है।
GIFT Nifty में आगे की संभावनाएँ
आगे की स्थिति कुछ हद तक चुनावी नतीजों और उसके बाद की सरकारी नीतियों पर निर्भर करेगी। स्पष्ट और स्थिर नीतियों से निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा और बाजार में स्थिरता आएगी। इसका सीधा फायदा GIFT Nifty को होगा, जिससे इसके वॉल्युम में भी वृद्धि हो सकती है।
वर्तमान परिस्थितियों के बावजूद, दूरगामी दृष्टि से देखें तो GIFT Nifty में निवेश की संभावनाएं खत्म नहीं हुई हैं। सही रणनीति और बाजार के अनुकूल परिस्थितियों के साथ यह अपने पुराने स्तरों को फिर से छू सकता है।
निवेशकों के लिए सलाह
वर्तमान स्थितियों में निवेशकों को सोच-समझकर निर्णय लेना चाहिए। ट्रेडर्स को मार्केट ट्रेंड्स और वैश्विक आर्थिक संकेतकों पर नजर रखनी चाहिए। उच्च वोलटिलिटी के समय में सतर्कता बरतना और हिसाब-किताब करके निवेश करना ही बेहतर रहेगा।
छोटे निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी बड़े निर्णय से पहले वित्तीय एक्सपर्ट्स की सलाह लें और अपनी निवेश रणनीति को स्पष्ट रखें।
GIFT Nifty का महत्व
GIFT Nifty का महत्व वैश्विक निवेशकों और घरेलू बाजार दोनों के लिए समान रूप से है। यह विदेशी निवेशकों को इंडियन मार्केट में भाग लेने का अवसर प्रदान करता है, और भारतीय निवेशकों को वैश्विक इक्विटी बाजारों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने का मौका देता है।
भविष्य में, GIFT City के और अधिक विकसित होने से यहां पर ट्रेडिंग एक्टिविटी में और वृद्धि होने की संभावना है। इसे देखते हुए, निवेशकों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे बाजार के विभिन्न पहलुओं को समझें और उसमें सक्रिय भागीदारी करें।
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