दिल्ली उच्च न्यायालय ने सीएम अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा: सीबीआई मामले में सुनवाई जारी

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दिल्ली उच्च न्यायालय में चर्चा

दिल्ली उच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया है। इस मामले में केजरीवाल की जमानत के लिए कई तर्क और प्रतितर्क सामने आए हैं, जो दिल्ली शराब नीति घोटाले से जुड़े हैं। सीबीआई ने केजरीवाल की जमानत का कड़ा विरोध करते हुए उन्हें इस घोटाले का 'सुतरधार' बताया है और दावा किया है कि यदि उन्हें जमानत पर रिहा किया जाता है, तो वे गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। दूसरी ओर, वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी, जो केजरीवाल का पक्ष रख रहे हैं, ने कहा है कि केजरीवाल की गिरफ्तारी केवल उन्हें जेल से बाहर न आने देने की एक 'इंश्योरेंस गिरफ्तारी' है और उनके खिलाफ कोई प्रत्यक्ष साक्ष्य नहीं है।

प्रतिष्ठान के तर्क

सीबीआई ने इस मामले में अपनी अंतिम चार्जशीट ट्रायल कोर्ट में दायर की है, जिसमें केजरीवाल और उनके साथ पांच अन्य लोगों का नाम है, जिनमें आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक दुर्गेश पाठक भी शामिल हैं। सीबीआई ने यह भी दावा किया है कि केजरीवाल के जमानत पर रिहा होने से गवाहों को प्रभावित करने का खतरा बढ़ सकता है। यह मामला इस साल का सबसे चर्चित मुकदमों में से एक बन चुका है और इसके भीतर कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हो रही है।

अभयासक पक्ष की दलीलें

अभयासक पक्ष की दलीलें

सिंघवी ने न्यायालय में जोर देकर कहा कि केजरीवाल के खिलाफ लगाए गए आरोप पूर्णतः आधारहीन हैं और उन्हें बेवजह फंसाया जा रहा है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि केजरीवाल की गिरफ्तारी उन पर दबाव डालने और उन्हें राजनीतिक रूप से अस्वस्थ करने की एक साजिश है। उन्होंने दावा किया कि चार्जशीट में उल्लेखित किसी भी गवाह ने केजरीवाल के सीधे शामिल होने का उल्लेख नहीं किया है और उन्हें इस मामले में फंसाने का कोई ठोस प्रमाण नहीं है।

वर्तमान स्थिति और अगली सुनवाई

वर्तमान स्थिति और अगली सुनवाई

अदालत ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया है और जल्द ही इस पर फैसला सुनाएगी। इस बीच, केजरीवाल अभी भी तिहाड़ जेल में न्यायिक हिरासत में हैं। यह मामला दिल्ली की राजनीति में हलचल मचाने के साथ-साथ पार्टी में भी खलबली मचा रहा है। आम आदमी पार्टी ने अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं को न्यायालय की कार्यवाही पर ध्यान रखने का निर्देश दिया है और उम्मीद जताई है कि न्याय मिलेगा।

इस मामले में दिल्ली शराब नीति को लेकर उठे सवालों ने न केवल राजनीतिक हलचल मचाई है, बल्कि सार्वजनिक ध्यान भी आकर्षित किया है। दिल्ली के नागरिक इस मामले में बड़ी संख्या में रुचि ले रहे हैं और न्यायालय के अगले आदेश का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि न्यायालय का क्या फैसला होता है और इसका दिल्ली की राजनीति पर क्या असर पड़ता है।

द्वारा लिखित Shiva Parikipandla

मैं एक अनुभवी समाचार लेखिका हूं और रोज़ाना भारत से संबंधित समाचार विषयों पर लिखना पसंद करती हूं। मेरा उद्देश्य लोगों तक सटीक और महत्वपूर्ण जानकारी पहुँचाना है।

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Nabamita Das

इस मामले में सीबीआई का दावा पूरी तरह से अवास्तविक है। अगर केजरीवाल वाकई घोटाले के 'सुतरधार' होते, तो उनके खिलाफ कम से कम एक लेखा या ईमेल तो होता। लेकिन नहीं, सब कुछ सुनामी की तरह है - आवाज़ तो बहुत है, पर साक्ष्य कहाँ है? ये सब राजनीतिक रिवेंज है।

chirag chhatbar

ye log toh bas power ke liye fight kar rhe hain… CM hote hue bhi jail mei hai? bhaiya ye kya ho raha hai? koi bhi PM ya CM aisa nahi hota… ye toh system hi fail ho raha hai

Aman Sharma

अरे भाई, ये सब एक बहुत ही साधारण न्यायिक प्रक्रिया है। अगर आप राजनीतिक विरोधी को जेल में डाल दें, तो आपका विरोध नहीं होता, बल्कि आपकी न्यायपालिका की अस्तित्व शक्ति बढ़ जाती है। ये तो एक न्यायिक ट्रेंड है - जिसे आप 'अन्याय' कह रहे हैं, वह वास्तव में एक न्यायिक नियम है।

sunil kumar

ये एक अत्यंत महत्वपूर्ण न्यायिक बिंदु है! अगर एक राजनीतिक नेता को गिरफ्तार किया जा रहा है और उसके खिलाफ कोई प्रत्यक्ष साक्ष्य नहीं है - तो ये एक गंभीर न्यायिक अतिक्रमण है! जब तक कि एक व्यक्ति के खिलाफ अपराध का निर्धारण नहीं हो जाता, उसे निर्दोष माना जाना चाहिए! ये न्याय का मूल सिद्धांत है! अगर ये तोड़ दिया गया, तो भारत का लोकतंत्र खतरे में पड़ जाएगा!

Arun Kumar

तुम सब बेवकूफ हो। केजरीवाल को जमानत नहीं मिलनी चाहिए। उसने दिल्ली के लोगों के पैसे चुराए हैं। अब न्याय करना है तो जेल में रखो। ये तो बस एक अपराधी है, नेता नहीं। तुम लोग उसकी तरफ से बहस कर रहे हो - ये तुम्हारी भावनात्मक बहस है, न्याय नहीं।

Snehal Patil

ये तो बस एक नाटक है 🎭 जेल में बैठे हुए CM का फोटो? बहुत फीका 😒 अब क्या अगला चरण? उसकी बेटी को भी जेल में डाल दें? 😭

Vikash Yadav

देखो भाई, ये मामला बस एक बड़ी धोखेबाजी का नाटक बन रहा है। केजरीवाल को जेल में रखने की जरूरत ही नहीं है - लेकिन अगर अब तक जेल में है तो ये सिर्फ एक संकेत है कि जिस तरह से ये सिस्टम चल रहा है, वो बिल्कुल टूट चुका है। लेकिन अभी भी उम्मीद है - क्योंकि लोग अभी भी बोल रहे हैं। और जब तक लोग बोलते हैं, तब तक कुछ बदल सकता है 💪

sivagami priya

ये सब बहुत बुरा है... बहुत बुरा... बहुत... बहुत... बुरा... जब तक न्याय नहीं मिलेगा, तब तक हम नहीं रुकेंगे... नहीं... रुकेंगे... नहीं... रुकेंगे... 🙏❤️

Anuj Poudel

इस मामले को लेकर कई पहलू हैं - न्यायिक, राजनीतिक, सामाजिक। लेकिन एक बात स्पष्ट है: जब तक हम एक व्यक्ति को गिरफ्तार करते हैं और उसके खिलाफ कोई प्रत्यक्ष साक्ष्य नहीं देते, तब तक ये न्याय का नाम नहीं ले सकते। ये सिर्फ एक अस्थायी जीत है - अगर हम इसे न्याय के नाम पर आगे बढ़ाएंगे, तो भविष्य में हर कोई इसका शिकार बन सकता है। इसलिए, ये न्याय का सवाल है - न कि राजनीति का।