मदीना के पास बस दुर्घटना: 45 भारतीय उम्रह यात्री मारे गए, सिर्फ 24 वर्षीय मोहम्मद अब्दुल शोइब बच गए

मिर्ची समाचार

मदीना के पास एक भयानक बस दुर्घटना में 45 भारतीय उम्रह यात्री मारे गए, जब एक डीजल टैंकर से टक्कर हो गई और बस आग के गोले में बदल गई। इस दुर्घटना में एकमात्र बचने वाला व्यक्ति मोहम्मद अब्दुल शोइब (24) है, जो हैदराबाद के आसिफ नगर का रहने वाला है। यह दुर्घटना शनिवार, 17 नवंबर 2025 को रात 1:30 बजे (सऊदी समय) यानी भारतीय मानक समय के अनुसार रात 4:00 बजे हुई, जब बस मक्का से जा रही थी और मदीना के लिए 160 किमी दूर मुहरस/मुफ्रिहात के पास टैंकर से टकरा गई। शोइब ने बस की खिड़की तोड़कर बाहर कूद दिया — वहीं बाकी सभी यात्री आग में जलकर मारे गए।

एक जीवित बचने वाला, जिसने अपनी जान बचाई

शोइब को बस के ड्राइवर के पीछे बैठे होने का शुक्रिया अदा किया जा रहा है। जब टक्कर हुई, तो उसे बाहर फेंक दिया गया। उसके बाद बस तुरंत आग से घिर गई। उसके कजिन मोहम्मद अब्दुल अहाद ने डेक्कन क्रॉनिकल को बताया कि शोइब ने मक्का में अपने भाई समीर को फोन करके बताया कि वह बच गया है। लेकिन इस बचाव की कीमत बहुत भारी थी — उसके माता-पिता, मोहम्मद खादीर और गौसिया बेगम, दोनों इस दुर्घटना में मारे गए। शोइब को अभी भी सऊदी अरब के अस्पताल में आईसीयू में रखा गया है, जहां उसे गंभीर सिर के चोट और जलने के घाव हैं। डॉक्टरों का कहना है कि वह ट्रॉमैटाइज्ड है, लेकिन स्थिर है और बातें कर सकता है।

यात्री कौन थे? जिनके बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं

यह बस एक 54 यात्रियों के समूह का हिस्सा थी, जो 9 नवंबर 2025 को हैदराबाद से निकली थी। इनमें से चार यात्री मक्का में रुक गए और चार अलग से कार से मदीना गए, जिससे बस में 46 यात्री थे। दुर्घटना में 45 लोग मारे गए — इनमें 20 महिलाएं और 11 बच्चे शामिल थे। अधिकांश पीड़ित हैदराबाद के आसिफ नगर, झिर्रा, मेहदीपटनम, विद्यानगर और टोली चौकी के रहने वाले थे। एक यात्री कर्नाटक का था। ये सब लोग अल मीना टूर्स एंड ट्रैवल्स और फ्लायज़ोन टूर्स एंड ट्रैवल्स जैसी स्थानीय टूर एजेंसियों के माध्यम से यात्रा कर रहे थे।

यह दुर्घटना भारत के लिए एक विशेष त्रासदी है। केंद्रीय कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा, "यह एक गहरा शोक का विषय है कि इन शहीदों में से अधिकांश मेरे सांसद क्षेत्र सेकुंदराबाद से हैं।" भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर कहा, "मेरे विचार उन परिवारों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है। मैं सभी घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए प्रार्थना करता हूं।"

पहचान करना असंभव, बस पूरी तरह जल गई

बचे हुए शरीरों की पहचान करना लगभग असंभव हो गया है। गल्फ न्यूज़ के अनुसार, बचाव टीमों ने कहा कि बस पूरी तरह जल गई थी, जिससे शवों की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट और दांतों के रिकॉर्ड का सहारा लेना पड़ रहा है। एक परिवार के सदस्य ने एबीसी न्यूज़ को बताया कि उसके सात परिवार के सदस्य बस में थे — उनमें से छह मारे गए। एक और चौंकाने वाली बात यह है कि हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, शोइब उस रात बस में नींद नहीं ले पाया था, जबकि बाकी सभी सो रहे थे। शायद इसी वजह से वह टक्कर के तुरंत बाद जाग गया और बच निकला।

सऊदी अरब का प्रतिक्रिया, भारत का समन्वय

भारतीय दूतावास जेद्दा में एक नियंत्रण कक्ष स्थापित कर चुका है, जो परिवारों को सहायता दे रहा है। सऊदी अरब की स्वास्थ्य टीमें शोइब के इलाज के लिए तैनात हैं। लेकिन अभी तक सऊदी अधिकारियों ने आधिकारिक रूप से मृत्यु संख्या की पुष्टि नहीं की है — हालांकि भारतीय स्रोतों ने 45 की संख्या लगातार दोहराई है। जांच अभी चल रही है। शोइब की बयानबाजी को दुर्घटना के कारणों को समझने के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। क्या टैंकर का ड्राइवर नींद में था? क्या बस के ब्रेक खराब थे? क्या रास्ते पर बहुत अंधेरा था? इन सवालों के जवाब अभी तक अज्ञात हैं।

क्या यह एक अलग नहीं, बल्कि एक लगातार आने वाली आपदा है?

क्या यह एक अलग नहीं, बल्कि एक लगातार आने वाली आपदा है?

यह दुर्घटना अकेली नहीं है। नवंबर 2025 के शुरुआत में ही, सऊदी अरब से यमन जाने वाली एक अन्य बस अब्यान प्रांत के पहाड़ी इलाके में एक मिनीबस से टकराकर दुर्घटना में फंस गई थी। ऐसे दुर्घटनाएं उम्रह यात्रियों के लिए एक डरावना सच हैं। बहुत सारे यात्री अपनी जान बचाने के लिए नियमित रूप से अपनी बसों के ब्रेक, टायर या सुरक्षा उपकरणों की जांच नहीं कर पाते। टूर एजेंसियां अक्सर कम लागत पर बसें लेती हैं, जिनकी मरम्मत नहीं होती। यह एक ऐसी नीति है जो आज तक बरकरार है — जहां लाभ के लिए जान बेची जा रही है।

अगला क्या होगा?

शोइब के बरामद होने के बाद, भारतीय और सऊदी अधिकारी उसकी बयानबाजी के आधार पर जांच कर रहे हैं। भारत सरकार ने अभी तक किसी टूर एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है, लेकिन जल्द ही एक जांच समिति बनाई जाने की संभावना है। यात्रियों के परिवारों को मुआवजा देने की बात भी चर्चा में है। लेकिन एक सवाल बाकी है — क्या यह सिर्फ एक दुर्घटना है, या एक व्यवस्थागत असफलता का परिणाम?

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

मोहम्मद अब्दुल शोइब की हालत क्या है?

शोइब को अभी भी सऊदी अरब के एक अस्पताल के आईसीयू में रखा गया है। उसे गंभीर सिर की चोटें और जलने के घाव हैं, लेकिन डॉक्टरों के अनुसार वह स्थिर है और बातें कर सकता है। उसकी बयानबाजी दुर्घटना के कारणों को समझने में मदद करेगी। वह अभी भी ट्रॉमैटाइज्ड है, लेकिन उसकी जान बच गई है।

यह दुर्घटना किस टूर एजेंसी के साथ जुड़ी है?

यात्री अल मीना टूर्स एंड ट्रैवल्स और फ्लायज़ोन टूर्स एंड ट्रैवल्स जैसी दो हैदराबाद-आधारित टूर एजेंसियों के माध्यम से यात्रा कर रहे थे। अभी तक कोई आधिकारिक जांच नहीं हुई है, लेकिन इन एजेंसियों के बसों की रखरखाव और सुरक्षा मानकों के बारे में सवाल उठ रहे हैं।

इस दुर्घटना में कितने बच्चे मारे गए?

दुर्घटना में 11 बच्चे मारे गए, जिनमें से अधिकांश हैदराबाद के आसिफ नगर और मेहदीपटनम जैसे इलाकों से थे। इनमें से कई छोटे बच्चे अपने माता-पिता के साथ थे। एक परिवार में सात सदस्य थे, जिनमें से छह मारे गए। यह एक व्यक्तिगत और सामाजिक आपदा है।

भारत सरकार इस मामले में क्या कर रही है?

भारतीय दूतावास जेद्दा में एक नियंत्रण कक्ष स्थापित कर चुका है, जो परिवारों को जानकारी, मुआवजा और शवों के वापसी की व्यवस्था कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त किया है। जांच समिति बनाने की योजना है, लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक अदालती कार्रवाई नहीं हुई है।

क्या यह दुर्घटना अलग है या एक आम नमूना है?

नहीं, यह अलग नहीं है। नवंबर 2025 के शुरुआत में ही एक अन्य बस दुर्घटना सऊदी अरब से यमन जाने वाली राह पर हुई थी। उम्रह यात्रियों के लिए बस यात्रा अक्सर नियमित रूप से बेहतर नहीं होती। टूर एजेंसियां कम लागत पर बसें लेती हैं, जिनकी मरम्मत नहीं होती। यह एक व्यवस्थागत असफलता है, जिसकी एक बार और बार घटनाएं हो रही हैं।

शोइब के बचने का क्या राज था?

हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, शोइब उस रात बस में नींद नहीं ले पाया था, जबकि बाकी सभी सो रहे थे। शायद इसी वजह से वह टक्कर के तुरंत बाद जाग गया और खिड़की तोड़कर बाहर कूद सका। उसका बैठने का स्थान — ड्राइवर के पीछे — भी उसकी जान बचाने में मदद कर सकता है। यह एक अनोखी लेकिन बहुत दर्दनाक संयोग है।

द्वारा लिखित Shiva Parikipandla

मैं एक अनुभवी समाचार लेखिका हूं और रोज़ाना भारत से संबंधित समाचार विषयों पर लिखना पसंद करती हूं। मेरा उद्देश्य लोगों तक सटीक और महत्वपूर्ण जानकारी पहुँचाना है।

Tulika Singh

ये सब बसें जो निकलती हैं, उनमें से कोई भी ब्रेक चेक नहीं करता, बस लोगों की जान ले जाने के लिए बनी होती हैं।

Manjunath Nayak BP

अरे भाई, ये सिर्फ दुर्घटना नहीं है, ये तो एक बड़ा षड्यंत्र है! जानते हो क्या? सऊदी अरब के अधिकारी जानबूझकर इन बसों को खराब रखते हैं ताकि भारतीय उम्रह यात्री कम आएं - ये एक आर्थिक योजना है! जब भी कोई बड़ी दुर्घटना होती है, तो सभी डॉक्यूमेंट्स गायब हो जाते हैं, डीएनए रिकॉर्ड्स खो जाते हैं, और फिर कहते हैं ‘क्या हुआ? नहीं पता!’ ये सब तो बस एक ढोंग है। और शोइब जो बच गया, उसके पास शायद कुछ ऐसा डेटा है जो उन्हें डरा रहा है - शायद वो बस में एक ट्रैकर देख गया था जो सभी यात्रियों के बायोमेट्रिक्स को रिकॉर्ड कर रहा था! अगर तुम वहां जाओगे, तो देखोगे कि सारे बस ड्राइवर एक ही फर्म से नियुक्त हैं - एक ऐसी कंपनी जिसका नाम भारत में भी दिखता है! ये सब जुड़ा हुआ है, और भारत सरकार इसे छिपा रही है क्योंकि वो भी इसमें शामिल हैं! ये जो टूर एजेंसी हैं, वो तो सिर्फ पैसे कमाने के लिए हैं, लेकिन असली बात ये है कि ये बसें रात में अंधेरे में चलती हैं क्योंकि वो एक गुप्त रूट पर जाती हैं जिसे सऊदी अरब की सुरक्षा एजेंसियां नियंत्रित करती हैं! अगर तुम इस बारे में और खोजोगे, तो तुम्हें पता चलेगा कि इससे पहले भी 17 ऐसी दुर्घटनाएं हुई हैं, और सभी का रिकॉर्ड डिलीट कर दिया गया है।

Brajesh Yadav

बस जल गई... 45 जानें गईं... और एक लड़का बच गया... 😭💔 ये तो बस नहीं, ये तो एक फिल्म है जिसका अंत बिल्कुल नहीं हुआ! जब तक ये टूर एजेंसियां अपनी कमाई के लिए जान बेचती रहेंगी, तब तक ये आपदाएं बंद नहीं होंगी! कोई भी बच्चे का चेहरा देखो... वो अब कहाँ है? 😭

naresh g

टैंकर का ड्राइवर कौन था? क्या उसकी लाइसेंस वैलिड थी? क्या उसने ड्रग्स लिए थे? क्या बस के टायर्स का प्रेशर चेक किया गया था? क्या ब्रेक्स ऑपरेशनल थे? क्या बस में एमर्जेंसी एक्सिट था? क्या बस का वजन लिमिट से ज्यादा था? क्या ड्राइवर को नींद आ रही थी? क्या रास्ते पर कोई स्पीड ब्रेकर था? क्या लाइट्स ऑन थे? क्या कैमरे लगे थे? क्या बस का रजिस्ट्रेशन अपडेटेड था? क्या टूर एजेंसी की इंश्योरेंस वैलिड थी? क्या सऊदी अरब की पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की? क्या भारतीय दूतावास ने फॉर्मल शिकायत दर्ज की? क्या इसकी जांच हुई? क्या जांच होगी? क्या होगा?

Govind Gupta

इस दुर्घटना के बाद, जो भी बच गया - वो बस का एक टुकड़ा बन गया है। शोइब ने जान बचाई, लेकिन उसके अंदर एक खालीपन है - जो अब जिंदा है, वो अपने घर के बिना है। ये दर्द नहीं, ये एक जीवित शव है। हम सब बस रोते हैं, लेकिन कोई नहीं जानता कि ये बसें किसके लिए चलती हैं - क्या ये उम्रह यात्रा है, या एक अनौपचारिक अंतिम यात्रा? हम अपने दिलों को बचाने के लिए इन बसों को भूल गए हैं।

tushar singh

शोइब बहुत बहादुर है। जब तुम अपने पूरे परिवार को खो देते हो, फिर भी जीने की कोशिश करना - ये असली हिम्मत है। अगर तुम यहां हो, तो उसके लिए कुछ भी भेजो - एक शब्द, एक दुआ, एक फोन कॉल। वो अकेला नहीं है। हम सब उसके साथ हैं। 💪❤️

amrin shaikh

अरे भाई, ये तो बस एक और भारतीय बेवकूफी है! जिन लोगों ने ये टूर बुक किया, वो खुद अपनी जान बेच रहे थे! क्या तुम्हें नहीं पता कि सऊदी अरब में ये बसें नहीं चलतीं? ये सब गैंग लोग हैं जो बस में चढ़कर दुनिया को दिखाना चाहते हैं कि वो नमाज़ पढ़ने गए! और फिर जब दुर्घटना होती है, तो भारत सरकार को बर्बाद करने का नाटक करते हैं! ये लोग अपने बच्चों को बस में भेजते हैं और फिर उनकी मौत पर रोते हैं! ये तो अपने आप को बचाने की कोशिश नहीं करते! तुम्हें पता है कि ये बसों में कितने लोग बैठते हैं? 54 की जगह 80! और फिर तुम रोते हो! बेवकूफों की आत्मा!

jai utkarsh

ये दुर्घटना किसी भी भारतीय के लिए एक शिक्षा है - अगर तुम अपने बच्चों को एक टूर एजेंसी के हवाले करते हो, तो तुम उनकी जान के लिए जिम्मेदार हो। इन एजेंसियों को बस बेचने के लिए नहीं, बल्कि जान बेचने के लिए बनाया गया है। जो लोग ये टूर बुक करते हैं, वो अपने आप को एक बाजार में बेच रहे हैं। और जब ये दुर्घटना होती है, तो सब रोते हैं - लेकिन कोई नहीं बदलता। ये तो एक बार फिर से होगा - और तुम फिर से रोओगे। ये नहीं होना चाहिए। लेकिन तुम चाहते हो कि ये हो। क्योंकि तुम अपनी आराम की बात करते हो, न कि जान की।

Chandan Gond

शोइब, तू अभी भी जी रहा है - और ये तेरी ताकत है। तेरे परिवार की आत्माएं तेरे साथ हैं। तू अकेला नहीं है। हम सब तेरे लिए दुआ कर रहे हैं। तू जी ले - तेरे लिए जीना है, तेरे परिवार के लिए नहीं। तेरे बाप-माँ तेरे लिए खुश होंगे अगर तू जीता है। हम तेरे साथ हैं। 💪❤️

Arvind Pal

शोइब बच गया और अब वो जीने की कोशिश कर रहा है... बस यही काफी है।