जसप्रीत बुमराह ने बांग्लादेश के खिलाफ चार विकेट लिए, बोले - पिच का साथ नहीं मिला तो करनी पड़ी नयी तरकीबें
जसप्रीत बुमराह की होशियारी ने मोड़ा मैच का रुख
भारतीय क्रिकेट के खेमे में शुक्रवार का दिन एक विशेष मायने रखता था। चेपॉक, चेन्नई के मैदान पर चल रहे पहले टेस्ट में जसप्रीत बुमराह ने अपने चार विकेट के शानदार प्रदर्शन के बूते बांग्लादेश को 149 रनों पर समेटा। हालाँकि, पिच का हाल ऐसा था कि बुमराह को अपने पारंपरिक गेंदबाजी स्टाइल में बदलाव करने पड़े।
मैच के बाद, मीडिया से बातचीत में बुमराह ने बताया कि उन्हें अपनी डिलीवरी में एक्सपेरिमेंट करना पड़ा क्योंकि उनके स्टॉक डिलीवरी का असर नहीं हो रहा था। उन्होंने कहा, “पिच से कोई खास मदद नहीं मिल रही थी, इसलिए मैंने कुछ नए तरीके आजमाने की सोची। पुरानी गेंद के साथ ज्यादा मूवमेंट नहीं हो रही थी, लेकिन कुछ स्पंजी बाउंस मिल रहा था।”
बुमराह ने इस अवसर का फायदा उठाते हुए रन बनाना मुश्किल कर दिया और पिच की स्थिति को ध्यान में रखते हुए अपने घरेलू क्रिकेट के अनुभव का उपयोग किया। उन्होंने कहा कि दिन में उन्होंने कप्तान रोहित शर्मा से भी विस्तृत बातचीत की, जिसमें टीम की रणनीति तैयार की गई थी। इसका उद्देश्य था छोट-छोटे स्पेल्स डालकर नई गेंद का फायदा उठाना और एंगल्स में बदलाव करना।
रहिम को कैसे आउट किया
बुमराह ने मुस्फिकुर रहिम के आउट होने की रणनीति को साझा किया। उन्होंने कहा कि गेंद पुरानी होने के कारण और मौसम की वजह से पसीने में भीगी हुई थी, इसलिए सीम भीगी हुई थी। इसलिए उन्होंने विविधता लाई और बाउंसरों का उपयोग किया, हालांकि आमतौर पर वह टेस्ट क्रिकेट में इतने बाउंसर नहीं डालते।
पिच की स्थिति को अच्छे से समझते हुए, बुमराह ने विकेट प्राप्त करने के लिए नई तरकीबें अपनाई, जिससे बांग्लादेशी बल्लेबाजों को रन बनाना कठिन हो गया। उन्होंने कहा कि घरेलू क्रिकेट में इस्तेमाल की जाने वाली तरकीबें इस टेस्ट मैच में प्रभावी साबित हुईं।
राष्ट्रपति की रम्नना और भारतीय बल्लेबाजों का प्रदर्शन
भारत ने पहली पारी में पहले बल्लेबाजी करते हुए 376 रन बनाए थे। अश्विन ने 113 रनों की महत्वपूर्ण पारी खेली, जबकि रविंद्र जडेजा ने 86 और यशस्वी जायसवाल ने 56 रन बनाकर टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचाया।
दूसरी पारी में भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही और स्टंप्स के समय 81/3 का स्कोर था। शुभमन गिल (33) और ऋषभ पंत (12) नाबाद थे। अब देखते हैं कि वे शनिवार के सत्र में पिच की शुरुआती कठिनाईयों का सामना कैसे करते हैं।
असमाजिक मौसम और बॉल की चुनौती
मैच के दौरान बुमराह ने यह भी बताया कि मौसम कितना ज्यादा गर्म और आर्द्र था, जिससे गेंदबाजों को काफी मुश्किलें आईं। पसीने की वजह से गेंद भीगने लगी और सीम भी गीली हो गई। इसलिए उन्हें विभिन्न प्रकार की गेंदें आजमानी पड़ीं, जिसमें बाउंसर भी शामिल हैं। यह स्थिति ज्यादा सामान्य नहीं होती, खासकर टेस्ट क्रिकेट में।
रोहित शर्मा के साथ उनकी बातचीत में यह तय किया गया कि गेंदबाजों को छोटे स्पेल में गेंदबाजी कराई जाएगी ताकि उनकी प्रभावशीलता बनी रहे और वे नई गेंद का फायदा उठा सकें। इसके तहत एंगल्स में बदलाव करना भी जरूरी था, ताकि बल्लेबाजों को रन बनाने में कठिनाई हो।
भारत की बढ़त मजबूत, पर चुनौतियाँ अभी भी बाकी
भारत ने पहली पारी में अच्छा स्कोर खड़ा किया और अब दूसरे दिन के खतरनाक परिस्थितियों के बावजूद 308 रनों की मजबूत बढ़त बना ली है। हलांकि, असली चुनौती तीसरे दिन की सुबह होगी जब भारत के बल्लेबाजों को फिर से पिच की कठिनाईयों का सामना करना होगा।
अब देखना यह होगा कि शुभमन गिल और ऋषभ पंत का सामना कैसे करते हैं और भारतीय टीम अपनी बढ़त को कितनी बढ़ा पाती है। चेपॉक की पिच पर तीसरे दिन का खेल और भी तनावपूर्ण और रोमांचक होने की संभावना है।
बुमराह ने यह भी बताया कि कैसे उनकी और रोहित शर्मा की अच्छी समझदारी और सूझबूझ ने भारतीय गेंदबाजी आक्रमण को प्रभावी बना दिया। पिच और मौसम दोनों के आधार पर सही रणनीति अपनाने से ही भारत इस मैच में मजबूती से खड़ा है।
खेल के इस आलम में, उम्मीद है कि भारतीय गेंदबाज और बल्लेबाज दोनों ही अपनी पूरी कोशिश करेंगे और चेन्नई टेस्ट को जीतने के करीब लाएंगे। भारतीय खेमे में आत्मविश्वास और उत्साह कूट-कूट कर भरा है और यही टीम को जीत दिलाने में मददगार साबित हो सकता है।
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