विल पुकोव्स्की: 26 की उम्र में गंभीर चोटों और कंसेशन्स के कारण क्रिकेट से सन्यास
                                विल पुकोव्स्की का क्रिकेट से सन्यास: एक वादा भरा लेकिन संघर्षपूर्ण सफर
ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर विल पुकोव्स्की ने 26 साल की संभावनाओं भरी उम्र में क्रिकेट को अलविदा कहने का फैसला किया है। यह निर्णय उन्होंने बार-बार सिर पर लगी चोटों और कंसेशन्स से परेशान होने के बाद लिया है। यह निर्णय मेडिकल विशेषज्ञों के एक पैनल की सलाह के बाद आया है, जिन्होंने पुकोव्स्की को उनकी शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को देखते हुए क्रिकेट से दूर रहने की सलाह दी।
करियर की शुरुआत और संघर्ष
पुकोव्स्की का क्रिकेट करियर एक महान गति से आगे बढ़ रहा था जब उन्होंने 2021 में सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (SCG) पर भारत के खिलाफ अपना टेस्ट डेब्यू किया था। इसमें उन्होंने पहली पारी में 62 रन और दूसरी पारी में 10 रन बनाए थे। हालांकि, यह डेब्यू भी चोटों से अछूता नहीं रहा। मैच के दौरान उसे कंधे में गहरी चोट लगी, जिसके कारण उन्होंने अगले छह महीने खेल से बाहर बिताए। यह घटना उनके करियर में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई।
इसके बावजूद, पुकोव्स्की ने पहले श्रेणी क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने विक्टोरिया के लिए 36 मैचों में 2,350 रन बनाए, जिसमें उनका औसत 45.19 था और उन्होंने सात शतक भी लगाए। परंतु, पुकोव्स्की का क्रिकेट करियर हमेशा कंसेशन्स की समस्याओं से प्रभावित रहा।
कंसेशन्स और मानसिक स्वास्थ्य
मार्च 2024 में, तस्मानिया के खिलाफ एक शेफील्ड शील्ड मैच के दौरान, पुकोव्स्की को रिली मेरेडिथ की गेंद से हेलमेट पर चोट लगी। इस चोट ने उनके लिए मौजूदा ऑस्ट्रेलियाई सत्र को समाप्त कर दिया और उन्हें इंग्लिश समर के लिए लेस्टरशायर के साथ अनुबंध से भी बाहर कर दिया।
कंसेशन्स ने न केवल उनकी शारीरिक क्षमता को प्रभावित किया, बल्कि उनके मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा असर डाला। बार-बार खेल से ब्रेक लेने के बावजूद, उनकी चोटें उन्हें पूरी तरह से ठीक नहीं होने दे रही थीं। पुकोव्स्की का मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होना और संघर्ष उनके क्रिकेट करियर को सीमित कर दिया।
शुरुआती सफर और उपलब्धियाँ
पुकोव्स्की ने छोटी उम्र में ही क्रिकेट खेलने की शुरुआत कर दी थी। वे विक्टोरिया के अंडर-19 टीम का हिस्सा बने और 2017 में पाकिस्तान के खिलाफ टूर मैच में अपनी लिस्ट ए डेब्यू की। उनकी क्षमता जल्दी ही प्रदर्शन में बदलने लगी, उन्होंने राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में चार शतक बनाए और अपनी शेफील्ड शील्ड डेब्यू की।
हालांकि, इस शानदार प्रदर्शन की मिठास उनकी कंसेशन्स की समस्याओं से फीकी पड़ गई। हर चोट और कंसेशन के बाद वापसी की कोशिशों के बावजूद, अंततः उन्होंने मेडिकल सलाह के अनुसार सन्यास लेने का निर्णय लिया।
भविष्य की योजनाएँ और क्रिकेट से दूरियाँ
सन्यास लेने के बाद अब पुकोव्स्की का जीवन एक नई दिशा में जाने का संकेत देता है। खेल से दूरी बनाने का निर्णय कठिन था, लेकिन उनके स्वास्थ्य और भलाई के लिए यह आवश्यक था। पुकोव्स्की ने बताया कि उन्हें खेल से जुड़ी कई अच्छी यादें हैं, लेकिन अब वे अपने जीवन के अन्य पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं।
ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट समुदाय और उनके प्रशंसक पुकोव्स्की के इस निर्णय का सम्मान करते हैं और उनकी भलाई के लिए शुभकामनाएं प्रकट करते हैं। पुकोव्स्की का करियर भले ही संक्षिप्त रहा हो, लेकिन उनके प्रदर्शन और संघर्ष की कहानियाँ लंबे समय तक याद की जाएंगी।
manivannan R
bro ye toh sirf injury nahi, mental fatigue ka bhi bahut bada hissa tha... har baar wapas aane ki koshish karte the, par body nahi maan rahi thi. Cricket se nikalna hi sahi faisla tha.