विजय ने डीएमके पर साधा निशाना: भ्रष्टाचार के खिलाफ तमिलगा वेत्री कझगम की हुंकार

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डीएमके पर विजय का हमला

तमिलगा वेत्री कझगम (TVK) के संस्थापक और अभिनेता विजय ने रविवार को विक्रवंडी, विल्लुपुरम जिले में आयोजित पार्टी के प्रथम राजनीतिक सम्मेलन में राजनैतिक रूप से डीएमके का विरोधी बताकर एक नया आयाम खड़ा किया है। विजय ने डीएमके पर आरोप लगाया कि वह 'द्रविड़ मॉडल सरकार' के आड़ में भ्रष्टाचार कर रही है और जनता को गुमराह कर रही है। विजय का कहना है कि डीएमके विचारधारा के नाम पर भ्रष्टाचार छुपा रही है, जबकि TVK का वैचारिक दुश्मन वह शक्ति है जो समाज को बांटने का प्रयास करती है।

TVK की नीतियाँ और योजनाएँ

विजय ने स्पष्ट किया कि TVK कोई वैकल्पिक शक्ति नहीं है बल्कि वह तमिलनाडु में परिवर्तन के लिए एक मूलभूत शक्ति है। उन्होंने 2026 के विधानसभा चुनावों के लिए गठबंधन की संभावनाओं को भी व्यक्त किया और कहा कि TVK सत्ता में आने पर सहयोगियों के साथ साझा करेगी। सम्मेलन में इस दिशा में कई महत्वपूर्ण योजनाओं पर चर्चा हुई जिनमें महिला सशक्तिकरण, राज्य की स्वायत्ता, दो-भाषा नीति, पर्यावरण संरक्षण, और महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा प्रमुख रहीं। TVK शिक्षा और रोजगार में आनुपातिक प्रतिनिधित्व की वकालत करता है और जाति जनगणना करने पर जोर देता है। इसके अलावा, TVK राज्यपाल के पद को समाप्त करने के पक्ष में है।

वैचारिक प्रेरणा और विजय का हर कदम

TVK ने अंबेडकर, पेरियार, कामराज, वेलु नचियार और अंजलई अम्मल को वैचारिक प्रेरणा के रूप में अपनाया है, जो महिलाओं के सशक्तिकरण और तार्किक सोच के सिद्धांतों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, हालांकि पेरियार की नास्तिक विचारधारा को नहीं मानते। विजय ने स्पष्ट किया कि उनका राजनीति में आने का उद्देश्य फ़िल्मी दुनिया से आगे बढ़कर समाज में योगदान करना है। वे राजनीति के प्रति पूरी तरह से समर्पित हैं, तथापि, उन्होंने कहा कि वह राजनीति में छोटे लेकिन स्थिर कदम उठाना चाहेंगे।

सम्मेलन की भव्यता

सम्मेलन में हजारों की संख्या में TVK के कार्यकर्ता और विजय प्रशंसक शामिल हुए थे। विजय ने अपने समर्थकों के बीच एक भव्य प्रवेश किया, जिसके लिए मैदान के मध्य में एक लंबा मंच तैयार किया गया था। विजय का यह प्रभावशाली प्रवेश उनके दृढ़ इरादों और टीवीके की सही दिशा की गवाही देता है। पार्टी के इस शुरुआती कदम में विजय ने राजनीति में अपने दीर्घकालिक उद्देश्यों के प्रति निष्ठा और प्रतिबद्धता दर्शाई।

द्वारा लिखित Shiva Parikipandla

मैं एक अनुभवी समाचार लेखिका हूं और रोज़ाना भारत से संबंधित समाचार विषयों पर लिखना पसंद करती हूं। मेरा उद्देश्य लोगों तक सटीक और महत्वपूर्ण जानकारी पहुँचाना है।

sunil kumar

ये TVK बस एक नए रंग का बैनर है, जिसके नीचे पुराने राजनीतिक विषयों को नए शब्दों में लिपेटा जा रहा है! भ्रष्टाचार का आरोप? डीएमके के साथ-साथ अन्य सभी पार्टियाँ भी इसी खेल में हैं। विजय की बातें तो फिल्मी डायलॉग लग रही हैं-जब तक वो सत्ता में नहीं आते, तब तक ये सब बस एक नाटक है।

Aman Sharma

अरे भाई, ये विजय अपने फिल्मी नाम से लोगों को भ्रमित कर रहा है। राजनीति में आने का मतलब है नीतियाँ बनाना, न कि लोगों के दिल जीतना। इसका एक भी आंकड़ा नहीं है-सिर्फ बयानबाजी। पेरियार का नाम लेकर नास्तिकता को नकारना? ये तो इतिहास को बदलने की कोशिश है।

Vikky Kumar

इस पार्टी की आधारशिला एक अभिनेता के व्यक्तिगत अहंकार पर टिकी हुई है, जिसकी राजनीतिक जागरूकता एक टीवी शो के दृश्यों तक सीमित है। जाति जनगणना, राज्यपाल का अंत-ये सब तो विचारधाराओं का नाटक है, जिनका व्यावहारिक असर कभी नहीं होगा।

Snehal Patil

विजय को देखकर लगता है जैसे कोई एक्शन हीरो अचानक राजनीति में उतर आया है 😅💥 ये तो बस अपनी फिल्म का सीक्वल बना रहा है! क्या अब उनकी अगली फिल्म का नाम 'TVK: बॉक्स ऑफिस पर जीत' होगा? 🤭

Vikash Yadav

अरे यार, ये विजय तो बस एक अच्छा आदमी है जो अपने देश के लिए कुछ करना चाहता है! डीएमके भी गलत है, लेकिन TVK की बात भी सुनो-महिलाओं की सुरक्षा, शिक्षा का बराबर हिस्सा, बुजुर्गों के लिए देखभाल... ये सब तो बेसिक है। बस थोड़ा धैर्य रखो, नया रास्ता बनने में लगता है। 🙌🔥

sivagami priya

विजय के बयानों में जो ऊर्जा है, वो बहुत अच्छी लग रही है! जब तक ये लोग अपने दिल से बोल रहे हैं, तब तक उनकी बात सुनने लायक है! डीएमके के खिलाफ आवाज उठाना भी तो एक तरह की जिम्मेदारी है! 🙏💖

Aishwarya George

TVK की योजनाएँ वास्तविक रूप से तमिलनाडु के सामाजिक समस्याओं को छूती हैं-महिला सशक्तिकरण, दो-भाषा नीति, पर्यावरण संरक्षण। ये सब अभी तक किसी पार्टी ने गंभीरता से नहीं लिया। जाति जनगणना का आह्वान भी न्याय के लिए जरूरी है। विजय की वैचारिक विरासत अंबेडकर और पेरियार से जुड़ी है, और इसे अपनाना गलत नहीं है।

Anuj Poudel

एक बात स्पष्ट है-विजय ने अपने व्यक्तिगत प्रभाव को राजनीतिक शक्ति में बदलने की कोशिश की है। लेकिन अब सवाल ये है कि क्या उनकी नीतियाँ वास्तव में जनता के लिए काम करेंगी? या ये सिर्फ एक बड़ी राजनीतिक बाजारबाजी है? जाति जनगणना का सुझाव तो बहुत बुद्धिमानी से आया है, लेकिन राज्यपाल के पद को समाप्त करने का विचार... ये तो अत्यधिक उत्साह का निशान है।

Arun Kumar

ये सब बकवास है। विजय को अपनी फिल्में बनाने दो, राजनीति में उसकी जगह नहीं। जो लोग उसके बयानों में आत्मसात कर रहे हैं, वो अपनी जिम्मेदारी भूल रहे हैं। डीएमके भ्रष्ट है? हाँ। लेकिन TVK भी नहीं है-बस नए नाम से पुराना विष।