शेयर स्प्लिट: आसान समझ और असर

शेयर स्प्लिट सुनते ही आपका दिमाग घूमता है, है ना? असल में ये कंपनी द्वारा अपने शेयरों को छोटे हिस्सों में बाँटने की प्रक्रिया है। जब कंपनी कहती है 2‑for‑1 स्प्लिट, तो आपके पास जो एक शेयर था, वो दो में बदल जाता है, लेकिन कुल मूल्य वही रहता है। तो फिर क्यों करते हैं?

शेयर स्प्लिट के प्रकार

सबसे सामान्य दो रूप होते हैं – फॉरवर्ड स्प्लिट और रिवर्स स्प्लिट। फॉरवर्ड स्प्लिट में शेयर की संख्या बढ़ती है, जैसे 3‑for‑1, 5‑for‑1 आदि, जिससे शेयर की कीमत छोटी हो जाती है और छोटे निवेशकों को भी खरीदना आसान हो जाता है। रिवर्स स्प्लिट उल्टा होता है, जहाँ कई शेयर मिलकर एक बनते हैं, जैसे 1‑for‑10, जिससे शेयर की कीमत बढ़ जाती है और कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन अधिक प्रोफेशनल दिखता है।

शेयर स्प्लिट के फायदे और जोखिम

फायदे तो सीधा‑सादा हैं: छोटी कीमत पर अधिक लोग खरीदते हैं, ट्रेडिंग वैॉल्यूम बढ़ता है और कंपनी की लिक्विडिटी सुधरती है। अक्सर छोटे निवेशकों का मन भी बनता है, क्योंकि अब वो 500 रूपये के बजाय 100 रूपये में शेयर ले सकते हैं। लेकिन जोखिम भी है – अगर बहुत बार स्प्लिट किया जाये तो शेयर की असली वैल्यू समझना मुश्किल हो सकता है, और कभी‑कभी रिवर्स स्प्लिट क़ीमत गिरने का संकेत माना जाता है। इसलिए, निवेश करने से पहले कंपनी के मूल कारण को देखना चाहिए, न कि सिर्फ कीमत पर ध्यान देना चाहिए।

यदि आप शेयर स्प्लिट को समझ कर सही समय पर खरीदते हैं, तो यह आपके पोर्टफ़ोलियो को बढ़ा सकता है। लेकिन याद रखें, शेयर स्प्लिट खुद में मूल्य नहीं बनाता – कंपनी की बुनियादी स्थिति, कमाई, और भविष्य की योजना ही असली ड्राइवर्स हैं। तो अगली बार जब कोई कंपनी स्प्लिट की घोषणा करे, तो तुरंत खरीदना नहीं, पहले कंपनी के वित्तीय स्वास्थ्य और पेपर को पढ़ें।

अंत में, शेयर स्प्लिट का मुख्य मकसद ट्रेडिंग को सुलभ बनाना और शेयर की लिक्विडिटी बढ़ाना है। अगर आप इसको सही समझते हैं और कंपनी की असली ताकत देख लेते हैं, तो यह आपके निवेश में एक छोटा, लेकिन फायदेमंद कदम बन सकता है।

Adani Power शेयर स्प्लिट: 1:5 विभाजन से रिटेल निवेशकों के लिए दाम कम, उत्साह बढ़ा

Adani Power शेयर स्प्लिट: 1:5 विभाजन से रिटेल निवेशकों के लिए दाम कम, उत्साह बढ़ा

Adani Power ने 22 सितंबर 2025 को 1:5 शेयर स्प्लिट किया, जिससे ₹10 के मूल शेयर को पाँच ₹2 के हिस्सों में बांटा गया। यह कदम लिक्विडिटी बढ़ाने और छोटे निवेशकों को आकर्षित करने के लिए उठाया गया। शेयर की कीमत सैद्धांतिक रूप से ₹709 से घटकर ₹142 हुई। हालाँकि कंपनी का लाभ कम हुआ है, विशेषज्ञों का मानना है कि स्प्लिट से ट्रेडिंग बढ़ेगी और अधिक रिटेल बेस बनेंगे।

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