Adani Power शेयर स्प्लिट: 1:5 विभाजन से रिटेल निवेशकों के लिए दाम कम, उत्साह बढ़ा

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Adani Power का 1:5 शेयर स्प्लिट कैसे काम करता है?

Adani Power ने अपनी बोर्ड की स्वीकृति के बाद 1:5 के अनुपात में शेयर विभाजन किया। इसका मतलब है कि हर ₹10 वाले मौजूदा शेयर को पाँच छोटे‑छोटे ₹2 के शेयरों में बदल दिया गया। आपके कुल निवेश पर कोई असर नहीं पड़ेगा – अगर आपके पास एक शेयर था तो अब आपके पास पाँच शेयर होंगे, लेकिन कुल मूल्य वही रहेगा।

यह प्रक्रिया 22 सितंबर 2025 को रेकॉर्ड डेट के रूप में लागू हुई, जो ही एक्स‑डेट भी था। 19 सितंबर 2025 तक शेयर खरीदने वाले या पहले से होल्डर रहे निवेशक इस नई संरचना के हकदार बने। नई शेयरों को रेकॉर्ड डेट के 2‑3 ट्रेडिंग दिनों में खाते में जमा किया गया।

शेयर स्प्लिट के पीछे की रणनीति

शेयर स्प्लिट के पीछे की रणनीति

Adani Power ने इस कदम को कई कारणों से उठाया:

  • बाजार में लिक्विडिटी बढ़ाना, ताकि शेयर आसानी से खरीदे‑बेचे जा सकें।
  • शेयर की कीमत को छोटे निवेशकों के लिए किफायती बनाना, जिससे रिटेल भागीदारी में बढ़ोतरी हो।
  • समूह के अन्य कंपनियों की तरह, शेयर‑स्प्लिट को एक रणनीतिक टूल मानते हुए लंबी अवधि के मूल्य साक्षात्कार को सुधरना।

समूह की पिछले अनुभवों को देखें तो Adani Ports ने 2010 में, और Adani Enterprises ने 2004 में समान कदम उठाए थे। दोनों मामलों में लिक्विडिटी और निवेशक बेस में सुधार देखा गया।

शेयर स्प्लिट का सबसे बड़ा असर कीमत पर पड़ता है। विभाजन से पहले शेयर लगभग ₹709 पर ट्रेड हो रहा था; अब सैद्धांतिक रूप से कीमत ₹141.81 पर आनी चाहिए। कुछ ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म पर शुरुआती दिनों में कीमत में हल्का अंतर दिख सकता है, क्योंकि सिस्टम नई संरचना को समझने में समय लेता है।

शेयरधारकों की राय भी इस कदम में अहम रही। कंपनी ने 6 अगस्त को पोस्टल बैलेट की सूचना जारी की, और 4 सितंबर तक वोटिंग समाप्त हुई। बहुमत ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि निवेशकों को इस स्प्लिट का समर्थन है।

मालिकाना ढांचा भी बहुत मजबूत बना रहा। जून 2025 के बाहर, प्रमोटर शेयरों का 74.96% हिस्सा रखते हैं, जबकि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों का 12.46% हिस्सेदारी है। यह दर्शाता है कि अंतरराष्ट्रीय निवेशकों का भी भरोसा अभी भी बना है।

वित्तीय परिणामों की बात करें तो कंपनी ने पिछले तिमाही में 15.5% का शुद्ध लाभ गिरावट दर्ज किया – 3,305 करोड़ रुपये से घटकर 3,913 करोड़ रुपये हो गया। ऑपरेटिंग रेवेन्यू में भी 5.9% की गिरावट आई, जो 14,167 करोड़ रुपये रहा। इस गिरावट के बावजूद, प्रबंधन ने कहा कि स्प्लिट दीर्घकालिक विकास को धीमा नहीं करेगा, बल्कि नई पूंजी प्रवाह को आसान बनाएगा।

विशेषज्ञों के अनुसार, इस तरह के कॉरपोरेट एक्शन से ट्रेडिंग एक्टिविटी में तेज़ी आती है। छोटे निवेशकों के लिए शेयर सस्ते हो जाते हैं, जिससे बिड‑आस्क स्प्रेड घटता है और कीमतों का अधिक सही मूल्यांकन होता है। बैंकों और डीलरों ने भी कहा कि भविष्य में इस स्टॉक पर अधिक तेज़ गति वाले लेन‑देन देखे जा सकते हैं।

यदि आप इस स्टॉक में नए हैं, तो अब प्रवेश की बाधा कम हो गई है। पाँच शेयरों में निवेश करने से जोखिम अधिक विभाजित हो जाता है, और उतार‑चढ़ाव को संभालना आसान हो सकता है। हालांकि, मूल कंपनी की आय में गिरावट को भी नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। निवेश करने से पहले वित्तीय विवरण और उद्योग की परिस्थितियों का गहरा विश्लेषण आवश्यक है।

कुल मिलाकर, Adani Power का 1:5 शेयर स्प्लिट एक रणनीतिक कदम है जो लिक्विडिटी बढ़ाने और रिटेल निवेशकों को आकर्षित करने के लिए डिजाइन किया गया है। जबकि कंपनी का वर्तमान वित्तीय प्रदर्शन चुनौतीपूर्ण है, इस बदलाव से भविष्य में शेयर की पहुँच और बाजार सहभागिता दोनों में सुधार की प्रवृत्ति देखी जा सकती है।

द्वारा लिखित Shiva Parikipandla

मैं एक अनुभवी समाचार लेखिका हूं और रोज़ाना भारत से संबंधित समाचार विषयों पर लिखना पसंद करती हूं। मेरा उद्देश्य लोगों तक सटीक और महत्वपूर्ण जानकारी पहुँचाना है।