महाकुंभ 2025 – कब, कहाँ और क्या तैयारी करनी चाहिए

अत्रा में इस साल महाकुंभ का आयोजन अप्रैल‑जून के बीच होगा। आधिकारिक तौर पर स्नान का पहला दिन 12 मई तय किया गया है, लेकिन कई पवित्र कार्य पहले ही शुरू हो जाते हैं। अगर आप भीड़ में शामिल होना चाहते हैं तो समय चुनना बहुत जरूरी है – सुबह जल्दी या देर शाम कम भीड़ वाला समय रहता है।

महाकुंभ के मुख्य आकर्षण और रस्में

हर 12 वर्ष में होने वाला महाकुंभ हिंदू धर्म का बड़ा सामाजिक‑धार्मिक मिलन होता है। यहाँ गंगा, यमुना और सरस्वती तीनों नदियों का संगम माना जाता है। स्नान के साथ-साथ ‘संकल्प’ (इच्छा) और ‘प्रार्थना’ भी प्रमुख होते हैं। कई लोग अपने जीवन की समस्याओं से मुक्त होने के लिए इस मौके पर विशेष रिवाज़ करते हैं, जैसे गंगास्नान या शेषनाग पूजा।

यात्रा, ठहराव और सुरक्षा टिप्स

अत्रा पहुंचने के लिए सबसे आसान रास्ता रेल है – अत्रा स्टेशन शहर के केंद्र से 5 किमी दूर है। बसों और टैक्सी का इंतजाम पहले ही कर लें; महाकुंभ के दिन राइड‑शेयरिंग ऐप्स पर कीमतें बढ़ सकती हैं। रहने के लिये बजट होटलों से लेकर पैकेज होटल तक विकल्प मौजूद हैं, पर बुकिंग कम से कम दो हफ्ते पहले कर लेनी चाहिए।

भीड़ में सुरक्षित रहना आसान नहीं है। हल्का बैग रखें, कीमती चीज़ें घर में ही छोड़ दें और पानी की बोतल हमेशा हाथ में रखें। अगर आप बड़े समूह के साथ आएँ तो एक पहचान चिन्ह तय करें – जैसे रंगीन टोपिया या बैनर – ताकि खो जाने पर आसानी से मिल सके।

स्वच्छता भी बहुत महत्वपूर्ण है। प्लास्टिक बैग लेकर जाएँ और कचरा हमेशा निर्धारित डस्टबिन में फेंकेँ। गंगा किनारे कई स्वच्छता केंद्र हैं जहाँ आप अपने उपयोग किए हुए कपड़े या बोतल छोड़ सकते हैं। यह छोटे‑छोटे कदम पर्यावरण को बचाने में मदद करेंगे।

भोजन के लिये हल्का और पचने वाला खाना चुनें – फल, सैंडविच और दही वाले व्यंजन अच्छे होते हैं। बहुत मसालेदार या तले‑भुने खाने से गैस की समस्या हो सकती है, खासकर भीड़ में चलते समय। साथ ही, धूप में बाहर रहने पर सनस्क्रीन लगाएँ और टोपी रखें; अप्रैल‑जून का मौसम अक्सर गर्म रहता है।

अंत में, अगर आप पहली बार महाकुंभ देख रहे हैं तो अपने अनुभव को नोटबुक या मोबाइल में लिखें। यह यात्रा बाद में याद दिलाने में मदद करेगा और दूसरों को भी सही जानकारी देने में काम आएगा। तैयार रहें, सुरक्षित रहें और इस आध्यात्मिक माहौल का भरपूर आनंद लें।

महा कुंभ 2025 में स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल का आध्यात्मिक यात्रा, नया नाम 'कमला' प्राप्त

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लॉरेन पॉवेल जॉब्स, एप्पल के सह-संस्थापक स्टीव जॉब्स की पत्नी, ने प्रयागराज में महा कुंभ 2025 के दौरान आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत की। उन्होंने नीरंजनी अखाड़े में व्यासानंद गिरी महाराज के पत्ताभिषेक समारोह में हिस्सा लिया। उन्हें अखाड़े द्वारा 'कमला' नाम दिया गया। यह यात्रा स्टीव जॉब्स की 1974 की भारतीय यात्रा की स्मृति में भी की जा रही है।

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