सोने की कीमतें गिरी: डॉलर की मजबूती और फेड की नीति ने दी चोट

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सोने की कीमतें भारत में सोमवार, 3 नवंबर 2025 को फिर से गिरीं, जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी इसकी कीमतें 0.8% तक लुढ़क गईं। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर दिसंबर 5, 2025 को परिपक्व होने वाले सोने के फ्यूचर्स 10 ग्राम के लिए ₹1,21,284 पर बंद हुए — पिछले बंद होने के स्तर ₹1,21,508 से ₹224 की कमी के साथ। इसी दौरान, अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में कटौती के बारे में अपनी राय बदल दी, जिसने गैर-आय वाले संपत्ति जैसे सोने को निवेशकों के लिए कम आकर्षक बना दिया। ये गिरावट बस एक दिन की बात नहीं, बल्कि पिछले 10 दिनों में हुई तेज़ गिरावट का आगे का हिस्सा है, जिसमें सोने की कीमतें ₹10,000 प्रति 100 ग्राम तक गिर चुकी थीं।

क्यों गिरी सोने की कीमतें?

सोने की कीमतों को दो चीजें सीधे प्रभावित कर रही हैं: अमेरिकी डॉलर और फेडरल रिजर्व की नीति। डॉलर ने तीन महीने का उच्चतम स्तर छू लिया है — इसका मतलब है कि भारतीय निवेशकों को सोना खरीदने के लिए अधिक रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं। और जब डॉलर मजबूत होता है, तो डॉलर में दर्ज होने वाली सामग्री, जैसे सोना, दुनिया भर में महंगी हो जाती है। इसके अलावा, फेडरल रिजर्व ने अब सिर्फ 1-2 ब्याज दर कटौतियों की उम्मीद की है, जबकि पिछले महीनों में 4-5 की बात हो रही थी। इसका मतलब? बॉन्ड्स और बैंक जमा जैसे आय वाले निवेश अब सोने से ज्यादा आकर्षक लग रहे हैं। सोना तो ब्याज नहीं देता — ये सिर्फ सुरक्षा का साधन है। अब जब ब्याज दरें ऊँची रहेंगी, तो लोग इसे छोड़कर ब्याज वाले विकल्पों की ओर बढ़ेंगे।

शहर-वार कीमतें: चेन्नई से लेकर जयपुर तक अंतर

भारत में सोने की कीमतें एक नहीं, बल्कि आठ बड़े शहरों में अलग-अलग हैं। चेन्नई में 24 कैरेट सोने की कीमत ₹12,382 प्रति ग्राम है, जबकि जयपुर में ये ₹12,064 है — अंतर सिर्फ 2.5% नहीं, बल्कि 10 ग्राम के लिए ₹31.80 का अंतर है। ये अंतर कर, स्थानीय मांग, और वितरण लागत के कारण है। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद और अहमदाबाद में 24 कैरेट सोना ₹12,317 प्रति ग्राम पर रहा। ये आंकड़े टाइम्स ऑफ इंडिया और गुडरिटर्न्स द्वारा पुष्टि किए गए हैं। अगर आप जयपुर से चेन्नई जाते हैं और 10 ग्राम सोना खरीदते हैं, तो आप ₹31.80 अधिक देंगे — ये एक शादी के गहने या निवेश के लिए बड़ी रकम हो सकती है।

चांदी का अलग नज़ारा

जहां सोना गिर रहा है, वहीं एमसीएक्स चांदी के फ्यूचर्स अपनी ऊपरी सीमा की ओर बढ़ रहे हैं। दिसंबर फ्यूचर्स ₹1,45,000 के समर्थन स्तर पर टिके हुए हैं और ₹1,49,800 की ओर बढ़ने की संभावना है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी पहले ही $40 प्रति औंस के इतिहास के उच्चतम स्तर पर पहुंच चुकी थी। ये अलग प्रवृत्ति क्यों? क्योंकि चांदी का उपयोग न सिर्फ निवेश के लिए होता है, बल्कि इलेक्ट्रॉनिक्स और औद्योगिक उपयोग में भी होता है। जब अर्थव्यवस्था फिर से तेज़ होती है, तो चांदी की मांग भी बढ़ती है — ये सोने की तरह नहीं है, जो सिर्फ डर के समय मांग में आता है।

क्या आगे और गिरेगा सोना?

विश्लेषकों का मानना है कि अगले 2-3 हफ्तों तक सोने की कीमतों पर नीचे की दबाव बना रहेगा। टाइम्स ऑफ इंडिया के विशेष विश्लेषण में कहा गया है कि अगर फेडरल रिजर्व अगले सत्र में भी ब्याज दर कटौती की बात नहीं करता, तो सोना ₹1,18,000 प्रति 10 ग्राम तक गिर सकता है। ये स्तर अक्टूबर के उच्चतम स्तरों की तुलना में लगभग 15% की गिरावट होगी। ये निवेशकों के लिए एक चेतावनी है — अब ये नहीं कि "सोना हमेशा बचाव है", बल्कि ये कि "कब और कैसे बचाव करना है"।

अतीत का संदर्भ: दिवाली के बाद बड़ी सुधार

अक्टूबर के अंत तक, सोने की कीमतें दिवाली और शादियों के मौसम में रिकॉर्ड स्तरों पर पहुंच चुकी थीं — कुछ बाजारों में ₹1,35,000 प्रति 10 ग्राम तक। लेकिन जैसे ही त्योहार खत्म हुए, मांग धीमी पड़ी। अब जब डॉलर भी मजबूत हो गया और फेड ने ब्याज कटौती के आश्वासन वापस ले लिए, तो ये गिरावट एक संयुक्त झटका बन गई। इस तरह की तेज़ सुधार अक्सर अत्यधिक उतार-चढ़ाव के बाद होती हैं — जैसे 2020 में कोविड के बाद जब सोना ₹65,000 से ₹85,000 तक चढ़ा था, और फिर एक महीने में ₹15,000 गिर गया था। ये बाजार का तरीका है — अतिरंजित उम्मीदों को संतुलित करना।

भविष्य क्या है?

अगले एक महीने में दो चीजें निर्णायक होंगी: पहला, फेडरल रिजर्व का अगला सत्र, जिसमें वे ब्याज दरों के बारे में अपनी राय देंगे। दूसरा, अंतरराष्ट्रीय तनाव — यूक्रेन, मध्य पूर्व या ताइवान में कोई नया विवाद अगर शुरू हुआ, तो सोना फिर से बचाव के रूप में खरीदा जाने लगेगा। अभी तक तनाव शांत है, इसलिए सोना अपनी "डर की अर्थव्यवस्था" की भूमिका खो रहा है। लेकिन अगर कोई अचानक खबर आए, तो ये गिरावट भी उल्टी दिशा में तेज़ी से बदल सकती है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

क्या अभी सोना खरीदना चाहिए?

अगर आप लंबे समय के लिए निवेश कर रहे हैं, तो अभी गिरावट एक अच्छा मौका हो सकता है। लेकिन अगर आप शॉर्ट-टर्म ट्रेडिंग कर रहे हैं, तो अभी बेस्ट नहीं है। अगर फेड अगले सत्र में भी ब्याज दर कटौती की बात नहीं करता, तो सोना ₹1,18,000 तक जा सकता है। इसलिए धीरे-धीरे खरीदना बेहतर है — एक बार में बड़ी रकम न लगाएं।

क्यों जयपुर में सोना सस्ता है?

जयपुर में सोने की कीमत कम होने का मुख्य कारण कर संरचना है। राजस्थान में बिक्री कर (GST) के साथ-साथ कुछ स्थानीय टैक्स भी कम हैं। इसके अलावा, यहां की ज्वेलरी बाजार छोटे व्यापारियों से भरा है, जो कम मार्जिन पर बेचते हैं। इसके विपरीत, चेन्नई और मुंबई में बड़े ब्रांड्स और शहरी भाड़े के कारण कीमतें थोड़ी ऊंची हैं।

सोने की कीमतें और डॉलर के बीच क्या संबंध है?

दुनिया के 90% सोने के लेन-देन डॉलर में होते हैं। जब डॉलर मजबूत होता है, तो भारतीय निवेशकों को उसे खरीदने के लिए अधिक रुपये खर्च करने पड़ते हैं। इसलिए डॉलर और सोने की कीमतों के बीच उल्टा संबंध होता है — एक ऊपर जाता है तो दूसरा नीचे आता है। ये एक अंतरराष्ट्रीय नियम है, जिसे कोई भी देश नहीं बदल सकता।

चांदी की कीमतें क्यों नहीं गिर रहीं?

चांदी का उपयोग सिर्फ निवेश के लिए नहीं, बल्कि इलेक्ट्रॉनिक्स, सौर पैनल और उद्योग में भी होता है। अगर अर्थव्यवस्था फिर से तेज़ होती है, तो इन उद्योगों में चांदी की मांग बढ़ती है। इसलिए चांदी सिर्फ "डर" की चीज नहीं, बल्कि "विकास" की भी चीज है — जिसकी मांग अभी बढ़ रही है।

क्या फेड की नीति भारतीय बाजार को प्रभावित करती है?

बिल्कुल। एमसीएक्स भारत का प्राथमिक सोने की कीमत निर्धारण बाजार है, जो अंतरराष्ट्रीय बाजार से जुड़ा है। जब अमेरिकी बाजार में बदलाव होता है, तो उसका असर MCX पर अगले 15-20 मिनट में दिख जाता है। इसलिए भारतीय निवेशकों को फेड के बयानों को देखना चाहिए — वो सीधे आपके गहनों की कीमत पर असर डालते हैं।

क्या अगले दिन सोना फिर से ऊपर जाएगा?

अगले दिन की भविष्यवाणी असंभव है, लेकिन अगर कोई अचानक अंतरराष्ट्रीय तनाव बढ़े — जैसे ईरान-इजरायल में कोई नया विवाद — तो सोना तुरंत बढ़ सकता है। वरना, अगर डॉलर मजबूत रहे और फेड ने ब्याज दर कटौती की बात न कही, तो गिरावट जारी रह सकती है। बाजार अब उम्मीदों पर नहीं, बल्कि तथ्यों पर चल रहा है।

द्वारा लिखित Shiva Parikipandla

मैं एक अनुभवी समाचार लेखिका हूं और रोज़ाना भारत से संबंधित समाचार विषयों पर लिखना पसंद करती हूं। मेरा उद्देश्य लोगों तक सटीक और महत्वपूर्ण जानकारी पहुँचाना है।

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Dinesh Kumar

ये सोना गिर रहा है तो फिर क्या? अब तो चांदी भी ऊपर जा रही है! अरे भाई, बाजार तो इसी तरह चलता है - ऊपर-नीचे, ऊपर-नीचे! जब डॉलर मजबूत होता है, तो सोना गिरता है, जब दुनिया डरती है, तो सोना फिर उछलता है। ये नहीं कि बचाव खत्म हुआ, बल्कि बचाव का तरीका बदल गया। अभी खरीदो, लेकिन धीरे-धीरे - एक ग्राम, दो ग्राम, फिर तीन ग्राम। बड़ा लुटेरा वो होता है जो एक दिन में सब खरीद लेता है!

Srujana Oruganti

फिर से ये सब बकवास। किसी को फेड की नीति की जरूरत है? हमारे यहां तो जयपुर में 12,064 रुपये में मिल रहा है, चेन्नई में 12,382। ये अंतर तो बस ब्रांडिंग का खेल है। और फिर ये सब विश्लेषण? सिर्फ टाइम्स ऑफ इंडिया के लिए क्लिकबेट।

Rahul Kumar

सोना गिरा है तो अच्छा हुआ… मैंने तो अभी तक नहीं खरीदा, सोच रहा था। अब तो बस एक ग्राम ले लूंगा - बस इतना कि शादी में बरात में लगे तो लोग कहें अरे ये तो बहुत अच्छा है। और फेड क्या करेगा, हम तो भारतीय हैं, हमारी अपनी बात है। बस जयपुर से खरीद लेना चाहिए, वहां तो कर भी कम है।

Shreya Prasad

सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव एक सामान्य आर्थिक घटना है, जो वैश्विक मुद्रा बाजार, ब्याज दरों और निवेशकों के मनोभावों पर निर्भर करता है। अभी की गिरावट एक अस्थायी संशोधन है, जिसका अर्थ यह नहीं कि सोना अपनी भूमिका खो चुका है। यह एक लंबी अवधि के निवेश के लिए अभी भी एक विश्वसनीय सुरक्षा अस्त्र है।

Nithya ramani

मैंने अभी तक 5 ग्राम खरीद लिए हैं। अगर ये गिरता रहा तो अगले हफ्ते और 5 ग्राम ले लूंगी। चांदी भी ऊपर जा रही है, तो उसका भी थोड़ा ले लेना चाहिए। बाजार तो नहीं बदलता, बस हमारी समझ बदलती है। बस धैर्य रखो, धीरे-धीरे खरीदो।

anil kumar

सोना तो हमारी संस्कृति का हिस्सा है - लेकिन आज वह एक वित्तीय उपकरण बन गया है। ये बदलाव गहरा है। पहले सोना दहेज था, अब वह एक फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट है। हम अपनी जड़ों को भूल रहे हैं। जब तक डॉलर दुनिया की भाषा रहेगा, तब तक सोना भी उसके छायादार मार्ग पर चलेगा। लेकिन क्या होगा जब भारतीय रुपया अपना अधिकार ले लेगा? वह दिन आएगा… और तब सोना फिर से अपनी आत्मा को पाएगा।

shubham jain

MCX पर दिसंबर फ्यूचर्स ₹1,21,284 पर बंद हुए। पिछला बंद होने का स्तर ₹1,21,508 था। अंतर ₹224 है। डॉलर तीन महीने का उच्चतम स्तर छू रहा है। फेड की उम्मीदें 4-5 से घटकर 1-2 हो गईं। चांदी अंतरराष्ट्रीय बाजार में $40/औंस के रिकॉर्ड स्तर पर है। जयपुर में 24 कैरेट सोना ₹12,064/ग्राम। चेन्नई में ₹12,382/ग्राम। अंतर ₹318/10 ग्राम। ये सब तथ्य हैं। अब तुम्हारा फैसला।

shivam sharma

अमेरिका की नीति से हमारा क्या लेना-देना? हम भारतीय हैं! अपने रुपये से अपना सोना खरीदो! फेड का क्या? ये तो अपने देश को बचाने के लिए डॉलर छाप रहे हैं, हमें बेच रहे हैं! अगर सोना गिरा तो भी हम लोग इसे खरीदेंगे - क्योंकि हमारी मां ने भी अपने गहने बचाने के लिए सोना खरीदा था! अमेरिका का डॉलर हमारे घरों का सोना नहीं बदल सकता!

Sanjay Gandhi

यार, ये बात तो सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है। मैं दुबई में काम करता हूं - वहां भी यही बात है। लेकिन जब एक भारतीय लड़की अपने शादी के दिन सोने के हार ओढ़ती है, तो वह न सिर्फ एक निवेश कर रही है, बल्कि एक संस्कृति को जीवित रख रही है। ये गिरावट तो बस एक बाजार की लहर है - लेकिन सोना तो हमारी आत्मा है।

fatima mohsen

अभी जो लोग सोना खरीद रहे हैं, वो बेवकूफ हैं। जब फेड ब्याज दर कटौती करेगा, तब तक ये ₹1,18,000 तक जा चुका होगा। और फिर भी लोग बोलेंगे - अभी तो गिर रहा है! लेकिन अगर तुम शादी में गहने खरीद रहे हो, तो अभी तो बहुत अच्छा समय है। बस ध्यान रखो - जयपुर से खरीदो, नहीं तो तुम ब्रांड पर चल रहे हो।

Pranav s

क्या आपने कभी सोचा कि जयपुर में सोना सस्ता क्यों है? क्योंकि वहां लोग असली बात जानते हैं - ज्वेलरी नहीं, सोना है। वहां ब्रांड नहीं, बल्कि वजन है। और ये जो मुंबई वाले बोल रहे हैं, उनके पास तो बस नाम है, वजन नहीं।

Ali Zeeshan Javed

सोना और चांदी दोनों ही हमारे साथ हैं - एक भावना का प्रतीक, दूसरा उद्योग का स्तंभ। लेकिन यार, अगर हम इन दोनों को अलग-अलग नहीं देखेंगे, तो हम बाजार को नहीं समझ पाएंगे। चांदी बढ़ रही है क्योंकि भारत भी अब सौर ऊर्जा में लग रहा है। ये नई ऊर्जा है, नई उम्मीद है। और सोना? वो हमारी यादों का भंडार है। दोनों को अलग तरह से प्यार करो।

Žééshañ Khan

मूल्य निर्धारण की प्रक्रिया में वैश्विक वित्तीय संरचनाओं का अत्यधिक प्रभाव है। डॉलर की शक्ति, ब्याज दरों में नीतिगत परिवर्तन, और विदेशी निवेशकों के व्यवहार ने सोने के अंतरराष्ट्रीय मूल्य को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित किया है। भारतीय बाजार इसका परोक्ष प्रभाव अनुभव कर रहा है।

ritesh srivastav

ये सब बकवास है। सोना गिर रहा है? अच्छा हुआ। फेड ने ब्याज दर कटौती नहीं की? तो क्या हुआ? अगर तुम्हारा सोना गिरा, तो तुम्हारा दिमाग भी गिर गया। अमेरिका के लिए डॉलर मजबूत होना अच्छा है, हमारे लिए सोना गिरना बुरा है? नहीं। हम तो अपने देश के लिए खरीद रहे हैं - उनके नियमों के लिए नहीं।

sumit dhamija

मैं तो बस एक छोटा व्यापारी हूं। मैंने अभी तक इस गिरावट का फायदा नहीं उठाया। लेकिन मैं जानता हूं - जब तक भारतीय घरों में लड़कियां शादी करेंगी, तब तक सोना की मांग बनी रहेगी। ये गिरावट बस एक अवकाश है। अगले हफ्ते मैं अपने ग्राहकों को बताऊंगा - अभी खरीदो, लेकिन जयपुर से।

Aditya Ingale

मैंने अभी तक एक ग्राम भी नहीं खरीदा… लेकिन अगर ये गिरता रहा, तो मैं एक ग्राम ले लूंगा। फिर दूसरा। फिर तीसरा। जैसे बारिश के बाद पानी जमा होता है। बाजार भी ऐसा ही है - धीरे-धीरे, शांति से। और जब तनाव बढ़ेगा, तो ये सोना फिर से उछलेगा। अभी तो बस बैठो, और देखो।