शक्तिकांत दास बने प्रधानमंत्री मोदी के प्रमुख सचिव, पीएमओ में बड़ा फेरबदल

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शक्तिकांत दास की नियुक्ति: एक महत्वपूर्ण कदम

पूर्व आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय में प्रमुख सचिव-2 के पद पर नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति एक महत्वपूर्ण प्रशासकीय फेरबदल का हिस्सा है और दास के अनुभव को देखते हुए एक अहम निर्णय माना जा रहा है। उनकी नियुक्ति की अवधि प्रधानमंत्री के कार्यकाल के साथ या अगले आदेशों तक रहेगी। दास का अनुभव भारतीय अर्थव्यवस्था के नाजुक समय में मुख्य भूमिका निभाने का संकेत देता है।

1980 बैच के तमिलनाडु कैडर के आईएएस अधिकारी, शक्तिकांत दास ने वित्तीय और मौद्रिक नीति के विभिन्न पहलुओं में अत्यधिक अनुभव प्राप्त किया है। इससे पहले, उन्हें आर्थिक मामलों के सचिव और राजस्व सचिव के रूप में भी काम करने का अनुभव है।

कोविड और नोटबंदी जैसे संकटों से निपटने का अनुभव

कोविड और नोटबंदी जैसे संकटों से निपटने का अनुभव

दास की आरबीआई में गवर्नर की भूमिका 2018 से 2024 तक रही, जहां उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए। महंगाई को नियंत्रित करना और बैंकिंग क्षेत्र में सुधार लागू करना उनके कार्यकाल की विशेषता रही है। इसके अलावा, 2016 के नोटबंदी के समय भी उन्होंने ट्रांजिशन मैनेजमेंट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

उनके कार्यकाल के दौरान 2019 में आरबीआई द्वारा 1.76 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड सरप्लस सरकार को ट्रांसफर किया गया। उनका अनुभव न केवल वित्तीय संकटों में बल्कि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चल रही जटिल आर्थिक परिस्थितियों में भी मूल्यवान साबित हो सकता है। मोदी प्रशासन के भरोसेमंद अधिकारियों पर निर्भरता उनके गहरे संस्थागत ज्ञान को दिखाता है।

दास की नियुक्ति बदलते आर्थिक परिदृश्य में जटिल चुनौतियों, जैसे व्यापार युद्ध और रुपये की अस्थिरता का सामना करने में सहायक होगी। उनके इस अनुभव का पूरा लाभ लेते हुए मोदी सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि अर्थव्यवस्था को स्थिर रखने के लिए प्रशासन का एक योग्य और अनुभवी टीमट के सदस्य मौजूद हों।

द्वारा लिखित नैना शर्मा

मैं एक अनुभवी समाचार लेखिका हूं और रोज़ाना भारत से संबंधित समाचार विषयों पर लिखना पसंद करती हूं। मेरा उद्देश्य लोगों तक सटीक और महत्वपूर्ण जानकारी पहुँचाना है।