UP Weather 27 अगस्त: अगले तीन दिन तेज उमस और गर्मी, 30 अगस्त से मानसून फिर सक्रिय

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तेज उमस, हल्के बादल और 'महसूस तापमान' का असर

UP Weather का मिजाज़ फिलहाल मुश्किल बना हुआ है। 27 अगस्त से उत्तर प्रदेश में सुबह से ही हल्के बादल और शाम तक चिपचिपी उमस लोगों को परेशान कर रही है। थर्मामीटर पर तापमान 28–34°C दिख रहा है, लेकिन नमी इतनी अधिक है कि महसूस तापमान इससे कई डिग्री ज्यादा लग रहा है। दफ्तर जाने वाले हों या स्कूल-कॉलेज के बच्चे—सबके लिए दोपहर का समय सबसे थकाने वाला बन गया है।

मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, अगले तीन दिन तक यही पैटर्न रहेगा: बादल छाए रहेंगे, कहीं-कहीं हल्की बौछारें दिख सकती हैं, पर कुल मिलाकर राहत सीमित। उमस का कारण है हवा में ज्यादा नमी और धीमी हवाएं, जिससे पसीना सूख नहीं पाता। ऐसे हालात में शरीर जल्दी डिहाइड्रेट होता है, इसलिए पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स का सेवन बढ़ाना जरूरी है।

लखनऊ और आसपास के इलाकों में दिन के दौरान तापमान ऊंचे स्तर पर टिका है। शहर में बादल और हल्की हवा से थोड़ी राहत मिलती है, पर उमस फिर हावी हो जाती है। पश्चिमी यूपी—नोएडा, गाजियाबाद—में शहरी गर्मी असर दिखा रही है, जबकि पूर्वी जिलों—गोरखपुर, वाराणसी—में शाम के बाद भी नमी कम नहीं हो रही।

जिलों की स्थिति का त्वरित अपडेट:

  • लखनऊ: अधिकतम तापमान ऊंचा, बादल छाए रहने के बावजूद उमस कायम।
  • कानपुर और प्रयागराज: दोपहर में धूप तीखी, हल्के बादल भी गर्मी तोड़ नहीं पा रहे।
  • नोएडा-गाजियाबाद: शहरी इलाकों में गर्म हवा और धीमी ब्रीज़, रातें भी चिपचिपी।
  • वाराणसी-गोरखपुर: नमी ज्यादा, शाम की हल्की बौछारें भी सीमित राहत देती हैं।
  • आगरा-बरेली: दिन में धूप का दबदबा, बीच-बीच में बादल लेकिन बारिश की संभावना कम।

स्वास्थ्य के लिहाज से ये तीन दिन संवेदनशील माने जा रहे हैं। हीट स्ट्रेस के लक्षण—लगातार प्यास, चक्कर, सिरदर्द, थकान—दिखें तो छांव में आराम करें और तरल पदार्थ लें। बुजुर्गों, बच्चों और हृदय/शुगर रोगियों के लिए दोपहर की धूप में काम-काज टालना बेहतर है।

30 अगस्त से क्या बदलेगा: मानसून की वापसी, कहां-कितनी राहत

राहत की उम्मीद 30 अगस्त से है। मौसम तंत्र में बदलाव—खासतौर पर मॉनसून ट्रफ के दक्षिण की ओर सरकने और बंगाल की खाड़ी से नम हवाएं तेज होने—से यूपी में बारिश की गतिविधि बढ़ने की संभावना है। सबसे पहले पूर्वी और तराई वाले जिलों में बादल घिरेंगे, फिर धीरे-धीरे मध्य और पश्चिमी हिस्सों में भी फुहारों से लेकर मध्यम बारिश के दौर बन सकते हैं।

इस बदलाव के दो सीधे असर होंगे: एक, दिन के तापमान में गिरावट; दो, हवा में नमी बरकरार रहने के बावजूद बारिश के बाद ‘महसूस तापमान’ कम लगेगा। अगर बादल घने रहे और बरसात अंतराल में होती रही तो रातें भी आरामदेह महसूस होंगी।

बारिश का संभावित पैटर्न (संकेतात्मक):

  • 30–31 अगस्त: पूर्वी यूपी (गोरखपुर, देवरिया, बलिया, वाराणसी बेल्ट) में हल्की से मध्यम बारिश; लखनऊ-कानपुर में छिटपुट बौछारें।
  • 1–2 सितंबर: मध्य यूपी में बारिश की गतिविधि बढ़ने के आसार; पश्चिमी जिलों—नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ—में भी बारिश/बौछारें संभव।
  • आगे 8–15 बरसाती दिनों का औसत: अगस्त के अंत और सितंबर की शुरुआत में कई जिलों में रुक-रुक कर बारिश के दौर बन सकते हैं, जिससे तापमान नियंत्रण में रहेगा।

क्यों जरूरी है ये बारिश? खेतों और शहरों—दोनों के लिए। धान और गन्ने की खड़ी फसलों को इस वक्त नमी चाहिए। लंबे सूखे अंतराल के बाद आने वाली मध्यम बारिश मिट्टी की नमी सुधारती है और टॉप-ड्रेसिंग (उर्वरक डालने) का समय आसान बनाती है। दालें और सब्जियां भी इससे फायदे में रहेंगी। दूसरी तरफ, बहुत तेज बारिश एक साथ हुई तो निचले इलाकों में जलभराव हो सकता है, इसलिए शहरी निकायों को नालों और ड्रेनेज की सफाई तैयार रखनी होगी।

आने वाले दिनों के लिए व्यवहारिक सावधानियां:

  • अगले तीन दिन: दोपहर 12 से 4 बजे तक धूप से बचें, पानी, छाछ, ओआरएस या नींबू-पानी लें। हल्के, ढीले, हल्के रंग के कपड़े पहनें।
  • बाहर निकलते समय: छाता या टोपी रखें; धूप सीधे चेहरे और गर्दन पर न पड़े।
  • घर-ऑफिस: वेंटिलेशन पर ध्यान दें; पंखे/कूलर के साथ कमरे में हवा का प्रवाह बनाए रखें।
  • बारिश शुरू होते ही: फिसलन और जलभराव से सावधान रहें; जरूरत हो तो ऑफिस/स्कूल के निकलने-लौटने का समय थोड़ा बदला जा सकता है।
  • स्वास्थ्य: बीपी/हृदय रोगी, गर्भवती महिलाएं और छोटे बच्चे—लंबी दूरी की धूप-यात्रा टालें; लक्षण दिखें तो तुरंत चिकित्सा सलाह लें।

ऊर्जा खपत और बिजली मांग भी इस मौसम में ऊपर जाती है। पीक ऑवर्स में एसी/कूलर का उपयोग समझदारी से करें—तापमान 24–26°C पर सेट रखना कारगर रहता है और बिल भी काबू में रहता है। अगर बारिश के बाद नमी बढ़े तो डीह्यूमिड मोड या एग्जॉस्ट/क्रॉस-वेंटिलेशन मदद कर सकता है।

संक्षेप में, अगले तीन दिन उमस और गर्मी से भरे रहेंगे, लेकिन 30 अगस्त के बाद का बदलाव ज्यादा सुहाना हो सकता है। जैसे ही मॉनसून दोबारा रफ्तार पकड़ेगा, तापमान में नरमी और रातों में आराम का एहसास बढ़ेगा। तब तक, पानी साथ रखें, दोपहर की धूप से बचें और मौसम अपडेट पर नजर रखें।

द्वारा लिखित Shiva Parikipandla

मैं एक अनुभवी समाचार लेखिका हूं और रोज़ाना भारत से संबंधित समाचार विषयों पर लिखना पसंद करती हूं। मेरा उद्देश्य लोगों तक सटीक और महत्वपूर्ण जानकारी पहुँचाना है।