हर साल 19 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया जाता है. इस दिन का मुख्य मकसद पुरुषों की समस्याओं, स्वास्थ्य और सामाजिक योगदान को उजागर करना है. कई लोग सोचते हैं कि यह महिला दिवस के बराबर नहीं, पर असल में दोनों एक ही लक्ष्य – समानता और सम्मान – रखते हैं.
भारत में इस दिन धीरे‑धीरे जागरूकता बढ़ रही है. स्कूल, ऑफिस और सोशल मीडिया पर चर्चा शुरू होती है, जहाँ पुरुषों की मानसिक स्वास्थ्य, टाल्मटोल रोग और पितृत्व भूमिका को बताया जाता है. अगर आप अभी भी नहीं जानते कि इसे कैसे मनाया जाए, तो पढ़िए आगे.
पुरुष दिवस की कहानी
1999 में ऑस्ट्रेलिया के एक डॉक्टर ने पहला अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस प्रस्ताव रखा था. उनका मानना था कि पुरुषों को भी स्वास्थ्य और सामाजिक मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए. धीरे‑धीरे यह विचार दुनिया भर में फैला, और 2000 के दशक में भारत जैसे देशों में इसे अपनाया गया.
इस दिन अक्सर दो बातों पर चर्चा होती है – पहला, पुरुषों का शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य. दूसरा, परिवार और समाज में उनका योगदान. कई NGOs इस मौके को कैंसर स्क्रीनिंग, हृदय रोग जागरूकता और पितृत्व कार्यशालाओं के लिए इस्तेमाल करते हैं.
दिवस मनाने के सरल कदम
1. स्वास्थ्य जांच कराएँ: रक्तचाप, ब्लड शुगर और कोलेस्टेरॉल की जाँच एक साल में कम से कम एक बार जरूरी है. इसे परिवार या दोस्तों के साथ मिलकर किया जा सकता है.
2. खुद पर समय दें: रोज 30 मिनट टहलें, योग करें या कोई खेल शुरू करें. छोटे‑छोटे व्यायाम भी बड़ी मदद करते हैं.
3. भावनाओं को शेयर करें: अपने दोस्त या परिवार के साथ खुलकर बात करें. अगर आप तनाव महसूस कर रहे हैं तो पेशेवर सलाह लेने में हिचकिचाएँ नहीं.
4. सकारात्मक रोल मॉडल बनें: बच्चों और युवाओं को सम्मान, ईमानदारी और सहयोग की बातें सिखाएँ. यह सिर्फ एक दिन का काम नहीं, बल्कि रोज़ाना का अभ्यास है.
5. समुदाय में योगदान दें: स्थानीय स्कूल या NGO के साथ मिलकर स्वास्थ्य कैंप, जागरूकता कार्यक्रम या खेल प्रतियोगिता आयोजित कर सकते हैं.
इन छोटे‑छोटे कदमों से आप न सिर्फ अपना स्वास्थ्य बेहतर बना सकते हैं बल्कि समाज में भी सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं. अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस का असली मतलब यही है – खुद को और दूसरों को स्वस्थ, समझदार और सम्मानित बनाना.
अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस 19 नवंबर, 2024 को मनाया जाएगा। इस दिन का उद्देश्य पुरुषों की सकारात्मक उपलब्धियों और योगदानों का जश्न मनाना है, साथ ही उनकी स्वास्थ्य, भलाई, और लैंगिक समानता से जुड़ी समस्याओं पर ध्यान आकर्षित करना। 2024 का विषय 'पुरुष स्वास्थ्य चैम्पियन' है, जो शारीरिक, सामाजिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देगा।