Microsoft और CrowdStrike Falcon Sensor अपडेट के कारण आईटी आउटेज पर सरकार ने जताई चिंता

मिर्ची समाचार

भूमिका

हाल ही में एक विस्फोटक आईटी आउटेज ने वैश्विक स्तर पर करोड़ों यूजर्स को प्रभावित किया। यह मुद्दा CrowdStrike के फाल्कन सेंसर प्रोडक्ट में एक टूटी हुई अपडेट के कारण हुआ था, जो साइबर खतरों से सुरक्षा प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस समस्या का सामना करने वाले लोगों ने अपने विंडोज कंप्यूटर पर 'ब्लू स्क्रीन ऑफ डेथ' देखी, चौंकते हुए इस खराबी के कारण कम्प्यूटर का काम बंद हो गया।

आइए जानें कारण

बृहस्पतिवार शाम शुरू हुई इस समस्या ने कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों जैसे एयरलाइंस, हेल्थकेयर सेवाओं, और वित्तीय संस्थानों में भारी व्यवधान डाला। Microsoft ने इस स्थिति को स्वीकार किया, जबकि CrowdStrike ने विवादित अपडेट को रद्द कर दिया। इस टूटे अपडेट को वापस लेने के बाद, प्रभावित कंप्यूटरों को मैनुअल रूप से ठीक किया जाना पड़ेगा। कंपनी ने विशेष ऐन फाइल को हटाने और कंप्यूटर को सेफ मोड में रिस्टार्ट करने की सलाह दी है।

सरकारी प्रतिक्रिया

भारतीय सरकार ने इस गंभीर स्थिति का संज्ञान लिया और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEITY) ने स्थिति पर नजर रखनी शुरू की। कंप्यूटर एमर्जेंसी रिस्पांस टीम (CERT) ने तकनीकी सलाह जारी की, जिसे प्रभावित उपयोगकर्ताओं के लिए सुनिश्चित किया गया।

क्या किसी साइबर हमले का संदेह?

यह ध्यान रखने योग्य बात है कि यह समस्या किसी साइबर अटैक या सुरक्षा घटना के कारण नहीं हुई, बल्कि यह एक दोषपूर्ण अपडेट के कारण उत्पन्न हुई थी।

विस्तृत प्रभाव

इस आईटी आउटेज के कारण विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक व्यवधान हुआ। एयरलाइंस से लेकर हेल्थकेयर सेवाओं और वित्तीय संस्थानों तक, सब पर इसका प्रभाव पड़ा। इसके कारण कई कंपनियों और सेवाओं ने अपनी ऑपरेशंस को अस्थायी रूप से बंद कर दिया। प्रभावित संस्थाओं को विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिसमें परिचालन ठहराव और वित्तीय नुकसान शामिल थे।

क्या करें यूजर्स?

प्रभावित यूजर्स को यह सलाह दी गई है कि वे एक विशेष फाइल को अपने सिस्टम से हटाएं और कंप्यूटर को सेफ मोड में रिबूट करें। इस प्रक्रिया में उचित मार्गदर्शन के लिए तकनीकी विशेषज्ञों से संपर्क करना उचित होगा। इस प्रक्रिया के बाद कंप्यूटर समुचित रूप से कार्य कर सकेगा और विंडोज को सामान्य स्थिति में लाया जा सकेगा।

निष्कर्ष

निष्कर्ष

यह घटना बड़ी संख्या में उपयोगकर्ताओं के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हुई है। यद्यपि स्थिति अब नियंत्रण में है, फिर भी यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि तकनीकी अपडेट्स की अच्छी तरह से जांच और परीक्षण होना चाहिए। सरकारी एजेंसियों और तकनीकी कंपनियों के त्वरित हस्तक्षेप से समस्या का समाधान हुआ, लेकिन यह भी स्पष्ट हुआ कि इस प्रकार की समस्याएं उपयोगकर्ताओं को बड़ी कठिनाई में डाल सकती हैं। ऐसे में सतर्कता और सटीक जानकारी प्रभावशाली हो सकती है।

द्वारा लिखित Shiva Parikipandla

मैं एक अनुभवी समाचार लेखिका हूं और रोज़ाना भारत से संबंधित समाचार विषयों पर लिखना पसंद करती हूं। मेरा उद्देश्य लोगों तक सटीक और महत्वपूर्ण जानकारी पहुँचाना है।

manivannan R

ये फाल्कन अपडेट तो बस बर्बादी है। एक लाइन का बग और पूरा नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर ठप्प। इनके QA टीम में कोई टेस्ट करता ही है या सिर्फ डिप्लॉय कर देते हैं?
ब्लू स्क्रीन देखकर तो मैंने सोचा अब तो बंद हो गया नेटवर्क।

Uday Rau

भाई, ये तो डिजिटल भूकंप निकल गया। जब एक सॉफ्टवेयर अपडेट ने एयरपोर्ट्स, अस्पतालों और बैंकों को बंद कर दिया, तो ये तकनीकी नहीं, बल्कि सामाजिक आपातकाल है।
हम इतने डिपेंडेंट हो गए हैं कि एक .dll फाइल के बग से पूरा देश रुक सकता है। अब तो हर अपडेट पर दिल धड़कता है।

sonu verma

मैंने भी अपना लैपटॉप ब्लू स्क्रीन से बचाया था। सेफ मोड में जाकर उस फाइल को डिलीट कर दिया। बस एक घंटे में ठीक हो गया।
लेकिन जिन्हें टेक्निकल नहीं पता, वो तो बस घबरा गए। इनके लिए तो ये जिंदगी भर का ट्रॉमा बन गया।

Siddharth Varma

क्या ये अपडेट रिलीज़ हुआ बिना किसी स्टेजिंग या कैनरी डिप्लॉय के? मतलब सीधे प्रोडक्शन पर? ये तो बिल्कुल नहीं होना चाहिए।
मैंने अभी तक नहीं समझा कि इतनी बड़ी कंपनी ऐसा कैसे कर बैठी?

chayan segupta

हां भाई, बस थोड़ा धैर्य रखो! ये सब ठीक हो जाएगा। अभी तो बस शुरुआत है। इंटरनेट तो अभी भी चल रहा है, नेटवर्क ठीक हो रहा है।
आज जो टेक्नोलॉजी ने बाधा डाली, कल वही उसे सुलझाएगी। जीत तो हमारी है!

King Singh

CrowdStrike का फाल्कन अपडेट गलत था। लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि साइबर सुरक्षा बेकार है। बल्कि इसने दिखाया कि हम इतने अल्ट्रा-डिपेंडेंट हो गए हैं कि एक अपडेट भी अस्थिरता ला सकती है।
अब तो हर कंपनी को रिसिलिएंस डिज़ाइन करना होगा।

Dev pitta

मैंने भी अपने ऑफिस के कंप्यूटर को रिस्टार्ट किया। सेफ मोड में जाकर उस फाइल को हटाया। बस इतना ही।
लेकिन जिन लोगों के पास टेक्निकल ज्ञान नहीं, उनके लिए ये बहुत डरावना था। उन्हें बताना पड़ा कि ये नहीं है कि हैकर्स ने हमला किया।

praful akbari

एक अपडेट ने दुनिया को रोक दिया। ये तो इंसान की अहंकार की कहानी है।
हम खुद को इतना स्मार्ट समझते हैं कि एक अल्गोरिदम को भी बिना टेस्ट के दुनिया में छोड़ देते हैं।
अब ये बात नहीं कि कौन गलत हुआ, बल्कि हम सब ने क्या भूल दिया।

kannagi kalai

बस इतना ही? एक अपडेट से इतना बड़ा आउटेज? अब तो टेक कंपनियों को गवर्नमेंट की अनुमति लेनी चाहिए अपडेट डालने से पहले।

Roy Roper

बेवकूफ लोगों ने अपडेट डाल दिया बिना टेस्ट के अब ब्लू स्क्रीन आ रही है तो क्या करें इन्हें जेल भेज दें

Sandesh Gawade

ये तो बस शुरुआत है! अगली बार ये अपडेट ट्रेनों, बिजली के स्टेशनों और पानी के पाइपलाइन को भी बंद कर देगा।
हम इस तरह की टेक्नोलॉजी को अपनाते हैं जबकि इसकी गहराई नहीं समझते।
अब तो हर कंपनी को एक ऑफलाइन बैकअप प्रोटोकॉल बनाना होगा। नहीं तो अगली बार जान जाएगी!

MANOJ PAWAR

जब मैंने ब्लू स्क्रीन देखी, तो लगा जैसे दुनिया खत्म हो रही है।
मैंने तुरंत अपना लैपटॉप बंद कर दिया। फिर देखा कि ये अपडेट है, हैकिंग नहीं।
इस बात से ज्यादा डर लगा कि इतने लोग इतनी आसानी से टेक्नोलॉजी पर भरोसा कर रहे हैं।
ये भरोसा एक लाइन कोड में टूट गया।
हम इतने निर्भर हो गए हैं कि अब बिना इंटरनेट के जीवन कैसा होगा, ये सोचना भी भूल गए।

Pooja Tyagi

इस बग को अपडेट के बाद भी क्यों नहीं रोका गया? क्या ये टेस्टिंग नहीं होती? ये तो बस गैर-जिम्मेदारी है! अगर ये अस्पताल के मशीन पर आता तो लोगों की जान जा रही होती! 😡
अब तो इनके अपडेट्स को ब्लैकलिस्ट कर देना चाहिए!

Kulraj Pooni

क्या तुम सोचते हो कि ये बग बिना कारण हुआ? नहीं। ये तो एक इंसान के लापरवाही का नतीजा है।
एक इंजीनियर ने एक लाइन लिखी और दुनिया रुक गई।
अब तो हमें टेक्नोलॉजी को भगवान नहीं, बल्कि एक औजार समझना होगा।
और जिन्हें इसे बनाते हैं, उन्हें भी नैतिकता सिखानी होगी।

Hemant Saini

देखो, ये एक बड़ी बात है। इसका मतलब ये नहीं कि साइबर सुरक्षा बेकार है। बल्कि ये दिखाता है कि हमारी सुरक्षा ढांचे इतने एकल बिंदु निर्भर हैं कि एक छोटी गलती से पूरा सिस्टम डूब जाता है।
हमें डिस्ट्रीब्यूटेड आर्किटेक्चर की ओर बढ़ना होगा। एक फाइल नहीं, बल्कि अनेक स्रोतों की जरूरत है।

Nabamita Das

ये तो सिर्फ एक अपडेट नहीं, ये एक चेतावनी है। हमारे इंफ्रास्ट्रक्चर को अब अलग-अलग लेयर में डिज़ाइन करना होगा।
कोई भी एक कंपनी इतना नियंत्रण नहीं रख सकती।
हमें डिस्ट्रीब्यूटेड डिफेंस चाहिए। नहीं तो अगली बार बैंकों के डेटा चोरी हो जाएंगे।

chirag chhatbar

अब तो ये सब फाल्कन का दोष है। मैंने तो हमेशा कहा है कि अमेरिकी सॉफ्टवेयर अच्छा नहीं होता।
भारत में भी ऐसा हो जाए तो तुम देखोगे।
हमारे भारतीय टीम तो इतनी अच्छी होती हैं।

Aman Sharma

हां बस एक अपडेट के बाद ब्लू स्क्रीन। अब तो ये दुनिया एक बड़े फेक न्यूज़ की तरह है।
जब तक लोग इतने आसानी से टेक्नोलॉजी पर भरोसा करेंगे, तब तक ये आउटेज चलते रहेंगे।
अब तो इंटरनेट बंद कर दो।

sunil kumar

ये तो बस शुरुआत है! अब तो हर कंपनी को एक रिसिलिएंट आर्किटेक्चर बनाना होगा।
अगर तुम एक एकल पॉइंट ऑफ फेल्योर पर निर्भर हो, तो तुम बेकार हो।
मैंने अपनी टीम को तुरंत डिस्ट्रीब्यूटेड लॉगिंग और ऑफलाइन बैकअप शुरू कर दिया।
अगली बार कोई अपडेट आए तो हम तैयार हैं।
टेक्नोलॉजी नहीं, टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल है जो असली टेस्ट है।

Arun Kumar

ये बग तो बेवकूफी का नतीजा है। अपडेट डालने से पहले टेस्ट नहीं किया? इन्हें नौकरी से निकाल देना चाहिए।
और ये भारतीय सरकार भी बेकार है। इतना बड़ा आउटेज हो गया और बस नजर रखने की बात कर रही है।
कानून बनाओ, जिम्मेदारी तय करो।

manivannan R

अरे ये तो मैंने भी लिखा था। अब ये बात याद आ रही है कि जब मैंने उस फाइल को हटाया तो मेरा ऑफिस का नेट वापस आया।
लेकिन जिन लोगों के पास टेक्निकल सपोर्ट नहीं था, वो तो बस बैठे रहे।
हमें एक ऑफिशियल गाइड चाहिए, नहीं तो ये बग दोबारा आएगा।