लोकसभा चुनाव 2024 के कारण आज बीएसई और एनएसई में ट्रेडिंग बंद, शेयर बाजार में छुट्टी

मिर्ची समाचार

भारत में लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर आज, 20 मई 2024 को देश के प्रमुख शेयर बाजार बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में ट्रेडिंग पूरी तरह से बंद रहेगी। इस वजह से निवेशकों और ट्रेडर्स को आज शेयर बाजार में कारोबार करने का मौका नहीं मिलेगा।

बीएसई की वेबसाइट के अनुसार, सोमवार को इक्विटी, इक्विटी डेरिवेटिव्स, एसएलबी और करेंसी सेगमेंट बंद रहेंगे। इसके अलावा बेंचमार्क इंडियन इक्विटी मार्केट जिसमें बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी शामिल हैं, वे भी आज पूरी तरह से बंद रहेंगे। हालांकि, शेयर बाजार मंगलवार 21 मई 2024 को फिर से खुलने की उम्मीद है।

यह छुट्टी नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट 1881 की धारा 25 के तहत घोषित की गई है। इस कानून के तहत चुनावी प्रक्रिया में नागरिकों की भागीदारी के महत्व को मान्यता दी गई है। इसलिए लोकसभा चुनाव के दिन शेयर बाजार बंद रखा जाता है ताकि लोग अपने मताधिकार का प्रयोग आसानी से कर सकें।

लोकसभा चुनाव का शेयर बाजार पर असर

लोकसभा चुनाव देश की अर्थव्यवस्था और शेयर बाजार पर काफी प्रभाव डालते हैं। चुनाव के दौरान अनिश्चितता के कारण अक्सर शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है। निवेशक सरकार और उसकी नीतियों को लेकर सतर्क रहते हैं। जीतने वाले दल और उनकी आर्थिक नीतियों के आधार पर ही शेयर बाजार में तेजी या मंदी का रुख तय होता है।

इस वर्ष लोकसभा चुनाव काफी दिलचस्प होने वाले हैं। कई राज्यों में त्रिशंकु विधानसभा के आसार हैं। ऐसे में किस पार्टी को बहुमत मिलेगा यह साफ नहीं है। राजनीतिक अस्थिरता की आशंका के चलते शेयर बाजार लगातार सतर्क दिख रहा है। हालांकि, चुनाव परिणाम आने के बाद ही बाजार की दिशा का अंदाजा लगाया जा सकता है।

चुनाव के बाद शेयर बाजार

ज्यादातर एक्सपर्ट मानते हैं कि मजबूत सरकार बनने पर आने वाले दिनों में शेयर बाजार को मजबूती मिल सकती है। स्थिर सरकार से निवेशकों का भरोसा बढ़ता है और वे भारतीय शेयर बाजारों में निवेश बढ़ाने लगते हैं। हालांकि, अगर किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता है तो शेयर बाजार में गिरावट का रुख बना रह सकता है।

क्या करें निवेशक?

अगर आप भी शेयर बाजार में निवेश करते हैं तो इस समय थोड़ा संयम बरतना जरूरी है। चुनावी नतीजों से पहले कोई भी बड़ा निवेश करने से बचें। मार्केट की अस्थिरता को देखते हुए पोर्टफोलियो में बदलाव न करें। नतीजे आने के बाद ही बाजार में स्थिति स्पष्ट होगी। तब तक धैर्य रखें और अपने निवेश पर नजर बनाए रखें। सही मौके पर ही खरीदारी या बिकवाली करें। अपने रिस्क प्रोफाइल और निवेश लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए ही फैसले लें।

साल चुनाव के दिन बाजार बंद चुनाव परिणाम के दिन बाजार का प्रदर्शन
2004 20 अप्रैल, 26 अप्रैल, 5 मई और 10 मई सेंसेक्स -11% लुढ़का
2009 16 अप्रैल, 23 अप्रैल, 30 अप्रैल, 7 मई और 13 मई सेंसेक्स +17% उछला
2014 24 अप्रैल, 30 अप्रैल, 7 मई, 12 मई सेंसेक्स +1% चढ़ा
2019 29 अप्रैल, 6 मई, 12 मई और 19 मई सेंसेक्स +3% चढ़ा

2014 और 2019 में मोदी सरकार की वापसी पर शेयर बाजार में तेजी देखने को मिली थी। 2004 में बीजेपी के खिलाफ परिणाम आने से बाजार 11% तक लुढ़क गया था। वहीं 2009 में यूपीए की जीत पर सेंसेक्स 17% की जोरदार छलांग लगा था। ऐसे में इस बार किसकी सरकार बनेगी, इस पर ही शेयर बाजार की दिशा तय होगी।

तो यह थी लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर शेयर बाजार की पूरी तस्वीर। आज ट्रेडिंग बंद होने से निवेशकों को निराशा हो सकती है पर चुनाव लोकतंत्र का पर्व हैं। जनता की आवाज सर्वोपरि है। उम्मीद है आप सभी ने अपने मत का प्रयोग जरूर किया होगा। अब बस नतीजों का इंतजार है। नतीजे चाहे जो भी हों, हमें मिलकर देश को आगे बढ़ाना है। बाकी शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव लगा रहेगा। आप सावधानी से निवेश करते रहिए।

द्वारा लिखित Shiva Parikipandla

मैं एक अनुभवी समाचार लेखिका हूं और रोज़ाना भारत से संबंधित समाचार विषयों पर लिखना पसंद करती हूं। मेरा उद्देश्य लोगों तक सटीक और महत्वपूर्ण जानकारी पहुँचाना है।

manivannan R

आज ट्रेडिंग बंद है पर दिमाग खुला है। चुनाव के बाद जो भी सरकार आएगी, उसकी इकोनॉमिक पॉलिसी पर नजर रखनी पड़ेगी। बीजेपी वाले तो बस इन्फ्रास्ट्रक्चर पर फोकस करते हैं, लेकिन अगर कोई नया गठबंधन आए तो सब कुछ बदल सकता है।

Uday Rau

इतिहास दिखाता है कि जब लोगों की आवाज़ सुनी जाती है, तो बाजार भी सुनता है। 2009 में यूपीए की जीत पर सेंसेक्स ऊपर उछला, 2014 में मोदी के आने से भी उत्साह बढ़ा। आज की छुट्टी सिर्फ बंदी नहीं, एक सम्मान है - नागरिक का मत, देश की शक्ति।

Sandesh Gawade

ये बंद रहना बस नाटक है। जो लोग शेयर बाजार में नहीं हैं, वो बोल रहे हैं ‘लोकतंत्र का पर्व’। लेकिन जिनकी जिंदगी ट्रेडिंग पर टिकी है, उनके लिए ये दिन बर्बादी है।

kannagi kalai

क्या बात है, बस एक दिन बंद हो गया और सब इतना डर गए? जिंदगी तो चलती रहती है।

Siddharth Varma

मैंने देखा कि 2019 में भी बंद रहा था और बाद में बाजार ऊपर गया। लेकिन इस बार तो बहुत सारे राज्यों में ट्राइशंकु हैं। क्या होगा अगर कोई भी पार्टी बहुमत नहीं पाती?

Vikky Kumar

यहाँ कोई भी निवेशक नहीं है जो इस बंद दिन को वास्तविकता के रूप में नहीं लेता। यह एक नियमित राजनीतिक निर्णय है, जिसे वित्तीय बाजार के लिए अत्यंत विनाशकारी ठहराया जाता है। जब नागरिकों को वोट देने का अवसर दिया जाता है, तो बाजार को रोकना एक अस्थायी और आवश्यक बलि है।

MANOJ PAWAR

क्या आपने कभी सोचा कि जब हम वोट देते हैं, तो शेयर बाजार का निर्णय भी उसी वोट से बनता है? ये बंद दिन सिर्फ एक दिन का नहीं, ये भविष्य का एक वादा है - लोगों की आवाज़ सुनी जाएगी।

chayan segupta

आज बंद है तो बंद है, लेकिन अगले दिन बाजार खुलेगा और तब तक आप अपना पोर्टफोलियो रिव्यू कर लीजिए। ये दिन आपके लिए रिस्ट डे है - आराम करो, चाय पियो, और फिर वापस आओ।

Dev pitta

मैं तो बस ये सोच रहा हूँ कि अगर ये दिन बंद न होता तो कितने लोग वोट देने जाते? शायद बहुत कम। इसलिए ये बंदी अच्छी है।

praful akbari

2004 में जब बीजेपी हारी, बाजार गिरा। 2019 में जब जीती, बाजार चढ़ा। लेकिन क्या ये सच में नीतियों की वजह से हुआ? या सिर्फ भावनाओं की?

Kulraj Pooni

ये सब बकवास है। लोग वोट देने जा रहे हैं, बाजार बंद है - बस इतना ही। नहीं तो आज कोई और चीज़ क्यों बनाया जा रहा है? ये देश की एक बड़ी बेकारी है।

Uday Rau

अगर बेकारी होती तो अमेरिका और यूरोप में भी चुनाव दिन बंद न होते। ये नियम हमारे देश के लिए अद्वितीय है - यहाँ एक आम आदमी का वोट, एक शेयर बाजार के ट्रेड से ज्यादा महत्वपूर्ण है।

Roy Roper

इस बार जीतने वाला कोई नहीं होगा। बहुमत नहीं मिलेगा। बाजार गिरेगा। बस इतना ही।

Pooja Tyagi

अगर तुम्हें लगता है कि बाजार की चढ़ाव-उतार चुनाव से निर्भर करता है, तो तुम बहुत पुराने तरीके से सोच रहे हो! आज का बाजार अमेरिका, चीन, रूस, और ग्लोबल इन्फ्लेशन से जुड़ा है - ये सिर्फ भारतीय चुनाव नहीं चलाता!

King Singh

चुनाव बंद है, लेकिन बाजार बंद नहीं है। बाजार तो हमारे दिमाग में चल रहा है। अगले दिन क्या होगा, इसकी तैयारी कर लो।