कंगना रनौत ने राहुल गांधी के लोकसभा भाषण पर किया हमला, सुझाई थेरपी सेशन

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कंगना रनौत और राहुल गांधी के बीच तीखी टिप्पणी

बॉलीवुड की जानी-मानी अभिनेत्री कंगना रनौत ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के लोकसभा में दिए गए भाषण के बाद उन पर गंभीर टिप्पणियाँ की हैं। कंगना ने विशेष रूप से सोशल मीडिया पर राहुल गांधी को लेकर विवादास्पद बात कही, जिसमें उन्होंने राहुल को 'मानसिक समस्या' का सामना करने वाला व्यक्ति बताया और उन्हें थेरपी सेशन में जाने की सलाह दी। राहुल गांधी के सेंटर सरकार के खिलाफ तीखे सवालों से भरे भाषण के बाद कंगना का यह बयान आया है।

राहुल गांधी ने अपने भाषण के दौरान अदानी-हिंडनबर्ग विवाद का जिक्र करते हुए आरोप लगाया था कि सरकार उन्हें डराने और चुप कराने का प्रयास कर रही है। यह विवाद भारत में एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील मुद्दा बन चुका है, जहां अदानी ग्रुप पर धोखाधड़ी और स्टॉक हेराफेरी के आरोप लगाए गए हैं। कंपनी इन आरोपों का खंडन करती आई है।

कंगना का विवादित बयान

कंगना रनौत ने सोशल मीडिया पर लिखा, 'राहुल गांधी को थेरपी सेशन की जरूरत है क्योंकि वह कुछ मानसिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं।' उन्होंने राहुल की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह देश का नेतृत्व करने में सक्षम नहीं हैं। कंगना की यह टिप्पणी एक बार फिर सोशल मीडिया पर विवाद पैदा करने का काम कर गई है। कई लोग उनकी इस विवादित टिप्पणी को खारिज कर रहे हैं और इसे संवेदनहीन बता रहे हैं।

कंगना रनौत हमेशा से ही अपनी बेहिचक और बिंदास बातों के लिए जानी जाती हैं। वह अक्सर सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर मुखर रहती हैं और अपनी राय खुलकर सामने रखती हैं। इन कारणों से वह कई बार विवादों में घिर चुकी हैं, खासकर जब बात उनके राजनीतिक विचारों की होती है।

राहुल गांधी के भाषण की प्रतिक्रिया

राहुल गांधी के भाषण की प्रतिक्रिया

राहुल गांधी ने लोकसभा में बोलते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा और अदानी-हिंडनबर्ग मामले पर कड़ी टिप्पणियाँ कीं। उन्होंने कहा कि सरकार उन्हें डराने और चुप कराने की कोशिश कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि अदानी ग्रुप को गलत तरीके से फायदेमंद सौदे दिए जा रहे हैं और इसे लेकर कोई जांच नहीं की जा रही है।

राहुल गांधी के इस भाषण के बाद कई राजनीति दलों और नेताओं ने उन्हें समर्थन दिया। विपक्ष ने भी अदानी ग्रुप के खिलाफ जांच की मांग की है और इसे लेकर संसद में हंगामा जारी है।

अदानी-हिंडनबर्ग विवाद

अदानी-हिंडनबर्ग विवाद में हिंडनबर्ग रिसर्च ने अदानी ग्रुप पर धोखाधड़ी और स्टॉक हेराफेरी के आरोप लगाए थे। रिसर्च फर्म का कहना है कि अदानी ग्रुप ने शेयर मूल्य को बढ़ाने के लिए विभिन्न अनियमितताएं कीं। इस रिपोर्ट के बाद अदानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई है। हालांकि, अदानी ग्रुप ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि ये आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद हैं और कंपनी इनका कानूनी तरीके से सामना करेगी।

यह मामला भारत के राजनीति गलियारे में भी तीखी बहस का विषय बन गया है। विपक्ष लगातार इस मामले की जांच की मांग कर रहा है और इसे लेकर केंद्र सरकार पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इसी संदर्भ में राहुल गांधी का लोकसभा में दिया गया भाषण भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया

कंगना रनौत की विवादित टिप्पणी के बाद सोशल मीडिया पर जोरदार बहस शुरू हो गई है। कई लोग कंगना की बातों का विरोध कर रहे हैं और इसे संवेदनहीन और अपमानजनक बता रहे हैं। कुछ यूजर्स का कहना है कि कंगना को इस तरह की निजी टिप्पणियाँ करने से बचना चाहिए और राजनीति को व्यक्तिगत हमलों से दूर रखना चाहिए।

दूसरी ओर, कंगना के समर्थक भी उनकी बातों का समर्थन करते हुए राहुल गांधी की आलोचना कर रहे हैं। उनका कहना है कि कंगना सिर्फ अपने विचार खुलकर रख रही हैं और इसमें कुछ गलत नहीं है। इस बहस के चलते कंगना और राहुल गांधी दोनों ही प्रचलन में आ गए हैं और चर्चा का केंद्र बने हुए हैं।

निष्कर्ष

कुल मिलाकर यह कहना गलत नहीं होगा कि कंगना रनौत और राहुल गांधी के बीच की यह टिप्पणी एक बार फिर से राजनीति और सामाजिक मुद्दों पर ध्रुवीकरण को बढ़ावा दे रही है। अदानी-हिंडनबर्ग विवाद एक गंभीर मुद्दा है जिससे देश की राजनीति और अर्थव्यवस्था दोनों ही प्रभावित हो रही हैं। इस मामले में लोगों की प्रतिक्रिया और उनके विचार भी महत्वपूर्ण हैं, जिससे एक मजबूत और पारदर्शी लोकतंत्र का निर्माण हो सके।

द्वारा लिखित Shiva Parikipandla

मैं एक अनुभवी समाचार लेखिका हूं और रोज़ाना भारत से संबंधित समाचार विषयों पर लिखना पसंद करती हूं। मेरा उद्देश्य लोगों तक सटीक और महत्वपूर्ण जानकारी पहुँचाना है।

Sandesh Gawade

ये लोग थेरपी की बात कर रहे हैं? अगर हर नेता को थेरपी चाहिए तो पहले तुम्हारे अपने दिमाग की जांच करवा लो। तुम्हारी बातों में भी बहुत सारी असंगतियां हैं, बस तुम उन्हें नहीं देख पा रहे।

MANOJ PAWAR

राहुल गांधी का भाषण देखा? उन्होंने सिर्फ एक आरोप नहीं लगाया, बल्कि एक पूरी सिस्टम की जांच की मांग की। थेरपी की बात करने से पहले ये सवाल सुलझाओ कि क्यों एक कंपनी को इतनी आजादी मिल रही है जबकि लाखों छोटे निवेशक बर्बाद हो रहे हैं।

Pooja Tyagi

कंगना को थेरपी की जरूरत है ना राहुल को!!! ये लोग जो लोग दूसरों के मानसिक स्वास्थ्य की बात करते हैं, उनके अपने दिमाग में भी बहुत ज्यादा बदमाशी होती है!! राजनीति में व्यक्तिगत हमले करना बहुत बेकार है!!! जांच चाहिए, थेरपी नहीं!!!

Kulraj Pooni

अगर राहुल गांधी को थेरपी की जरूरत है तो कंगना को तो एक पूरा इंस्टीट्यूट चाहिए। एक व्यक्ति जो राजनीति को अपने अहंकार का टूल बना लेता है, उसकी व्यक्तित्व की बात करना बेकार है। असली सवाल ये है कि अदानी ग्रुप के साथ क्या हुआ? क्या हम सब इस बात को भूल गए कि देश का भविष्य असली बातों पर टिका है, न कि टिप्पणियों पर?

Hemant Saini

मैं दोनों तरफ की बात समझता हूँ। कंगना की बात भी एक तरह से व्यक्तिगत आक्रोश है, और राहुल का भाषण भी एक तरह से अपने विश्वास का प्रतिनिधित्व करता है। लेकिन अगर हम सच में देश के लिए कुछ करना चाहते हैं, तो इन व्यक्तिगत हमलों के बजाय अदानी-हिंडनबर्ग के बारे में एक निष्पक्ष जांच की मांग करनी चाहिए। ये बातें जारी रखने से कोई नहीं बचेगा।

Nabamita Das

थेरपी की बात बिल्कुल बेकार है। अगर कोई नेता देश के बड़े मुद्दों पर बोल रहा है, तो उसकी बात को अनदेखा करके उसके मानसिक स्वास्थ्य पर हमला करना बस एक शर्मनाक ट्रिक है। अदानी के खिलाफ जांच की मांग करने वाले को थेरपी नहीं, बल्कि समर्थन चाहिए।

chirag chhatbar

yrr kya baat hai yeh log sab kuch mental kr dete hain. kangan ka kya jhooth bol rahi hai? sach bol rahi hai na? Rahul ko koi bhi neta nahi bana sakta, kyun ki uski dimaag ki koi bhi planning nahi hai. bas boliya boliya kar raha hai.

Aman Sharma

कंगना को थेरपी की जरूरत है? शायद। लेकिन तुम लोग इस बात को नहीं देख रहे कि यह सब एक बड़ी नाटकीय गतिविधि है। एक अभिनेत्री जो राजनीति में अपना नाम बनाना चाहती है, और एक नेता जो बस अपनी आवाज बढ़ा रहा है। दोनों ही एक बड़े स्क्रिप्ट के हिस्से हैं। असली सवाल ये है कि कौन लिख रहा है इस स्क्रिप्ट को?