गाम गाम गणेशा फिल्म समीक्षा: 'गाम गाम गणेशा' एक साधारण कॉमेडी फिल्म जो केवल हिस्सों में काम करती है
फिल्म की कहानी और कथानक
तेलुगु फिल्म 'गाम गाम गणेशा' में मुख्य चरित्र गणेशा, जो एक छोटे-मोटे चोर है, की कहानी दिखाई गई है। वह एक हीरे को चुराने और उसे बेचने की योजना बनाता है ताकि एक राजनेता के चुनाव अभियान के लिए धन जुटा सके। हालांकि, उसकी योजना असफल हो जाती है और हीरा किसी प्रकार गणेश की मूर्ति में चला जाता है। यह मूर्ति एक गांव में पहुंचती है, जहां से हास्यपूर्ण घटनाओं की शृंखला शुरू होती है।
फिल्म की समीक्षा
इस क्राइम कॉमेडी फिल्म की रेटिंग 2 सितारों की है। जबकि कुछ पलों में ये मनोरंजक साबित होती है, कुल मिलाकर इसकी प्रस्तुति साधारण है और कहानी में तालमेल की कमी है। कहानी का प्लॉट नया नहीं है और कई भागों में दर्शकों को बांध नहीं पाती।
अभिनय और प्रदर्शन
फिल्म में मुख्य भूमिका में आनंद देवरकोंडा, प्रगति श्रीवत्सव और नयन सरिका हैं। पिछली फिल्म 'बेबी' में सफलता हासिल करने वाले आनंद देवरकोंडा इस फिल्म में अपना प्रभाव छोड़ने में नाकाम रहे हैं। उनकी अदाकारी में नयापन और आत्मविश्वास की कमी महसूस होती है। प्रगति श्रीवत्सव और नयन सरिका भी अपने किरदारों में गहराई लाने में विफल रही हैं।
संगीत और सिनेमैटोग्राफी
फिल्म का संगीत चैतन भारद्वाज द्वारा तैयार किया गया है। हालांकि, संगीत ने कोई खास प्रभाव नहीं डाला है और गाने भी यादगार नहीं हैं। सिनेमैटोग्राफी आदित्य जाव्वादी द्वारा की गई है, जो फिल्म के सामान्य दृष्टिकोण को दर्शाती है।
फिल्म की खामियां
फिल्म की प्रमुख कमी इसकी असंगत कहानी और कमजोर पटकथा है। हास्य दृश्यों में नयापन नहीं है और कई जगहों पर फिल्म खींचती हुई नजर आती है। साथ ही, कुछ पात्रों को पर्याप्त समय और महत्व नहीं दिया गया है जिससे कि कहानी और भी प्रभावी हो सकती थी।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर, 'गाम गाम गणेशा' एक ऐसी सामान्य कॉमेडी फिल्म है जो केवल कुछ हिस्सों में ही मनोरंजन प्रदान करती है। बेहतर निर्देशन और सशक्त कहानी के साथ यह फिल्म और भी अच्छी हो सकती थी। लेकिन फिलहाल यह फिल्म दर्शकों को ज्यादा प्रभावित करने में असफल साबित होती है।
manivannan R
bhai ye film toh bas ek chaar din ki masti hai... plot hai hi nahi, bas gande jokes aur ek bhaiya jo apne aap ko ganesh bolo raha hai.
director ko kya samajhna tha?