दशहरा 2024 शुभकामनाएं: परिवार और दोस्तों के साथ साझा करने के लिए शुभेच्छाएं, संदेश, छवियाँ

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भारत के समृद्ध सांस्कृतिक परिदृश्य में, दशहरा का उत्सव एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। दशहरा, जिसे विजयादशमी भी कहा जाता है, अच्छाई की बुराई पर विजय का पर्व है। यह हिंदू कैलेंडर के अनुसार अश्विन मास के दसवें दिन आता है। 'दशहरा' शब्द 'दश' और 'हारा' से उत्पन्न होता है, जिसका अर्थ है 'दस सिरों वाले राक्षस के पराजय', जो भगवान राम की लंका के राक्षस राजा रावण पर विजय को चित्रित करता है। इसके साथ ही, माँ दुर्गा की शक्ति और उनकी महिषासुर पर जीत को भी दशहरा में श्रद्धा से याद किया जाता है।

पूरे देश में, दशहरा को अलग-अलग सांस्कृतिक ढंग से मनाया जाता है। उत्तर भारत में, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार, और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में, रामलीला के माध्यम से भगवान राम की कथा को जीवंत किया जाता है। रामलीला के कार्यक्रमों में रामायण की घटनाओं का नाटकीय प्रदर्शन होता है, जिसे देखने लोग बड़े आनंद और श्रद्धा के साथ शामिल होते हैं। इन नाटकों में दिखाया जाता है कि कैसे भगवान राम ने रावण का वध कर सीता माता को वापस लाकर धर्म की स्थापना की थी।

दक्षिण भारत में, विशेषत: मैसूर का दशहरा उत्सव अपनी भव्यता के लिए प्रसिद्ध है। इस दौरान 'जम्बू सवारी' नामक एक शाही जुलूस निकलता है जिसमें सजी-धजी हाथियों पर देवी चामुंडेश्वरी की मूर्ति प्रतिष्ठित होती है। यह जुलूस मैसूर की गलियों से महासारों के दर्शन करवाती है, जिसमें लोग देवी की पूजा-अर्चना के लिए उमड़ पड़ते हैं।

इस शुभ अवसर को अपने परिवार और दोस्तों के साथ बांटने के लिए विशेष रूप से तैयार की गई शुभकामनाएं, संदेश और चित्रों का आदान-प्रदान किया जाता है। इनमें समृद्धि, सफलता, खुशी और भगवान राम और देवी दुर्गा के आशीर्वाद कीकामना की जाती है। प्रमुख संदेशों में शामिल हैं: 'आपको दशहरा की हार्दिक शुभकामनाएं! यह दशहरा आपके जीवन में अखंड समृद्धि और सफलता लाए, और यह उत्सव आपके पथ को शांति और प्रसन्नता से आलोकित करे।' साथ ही, दशहरे के इस अद्भुत त्यौहार पर 'चुनौतियों का सामना करो और विजयी बनो' का संदेश दिया जाता है।

दशहरा का यह पर्व केवल एक उत्सव नहीं है, बल्कि यह हमें हमारे जीवन में आने वाली सभी बाधाओं का डटकर सामना करने और विजय प्राप्त करने की प्रेरणा देता है। इस विजयादशमी पर, ईश्वर से प्रार्थना की जाती है कि वह हमारे जीवन से सभी विघ्नों को दूर करे और हमें सफलता के मार्ग पर अग्रसर करे। इस पर्व का उद्देश सही और असत्य की लड़ाई में अच्छाई को विजयी बनाना है।

अंत में, दशहरे की शुभकामनाओं के साथ, हम यह कामना करते हैं कि इस त्योहार के अवसर पर भगवान राम और देवी दुर्गा का आशीर्वाद आपके और आपके परिवार पर बना रहे। आइए हम सभी इस दशहरे को विजय की भावना के साथ मनाएं और जीवन में नई ऊँचाइयों को छूने की ओर अग्रसर हों।

द्वारा लिखित Shiva Parikipandla

मैं एक अनुभवी समाचार लेखिका हूं और रोज़ाना भारत से संबंधित समाचार विषयों पर लिखना पसंद करती हूं। मेरा उद्देश्य लोगों तक सटीक और महत्वपूर्ण जानकारी पहुँचाना है।

Vikash Yadav

दशहरा तो सिर्फ राम-रावण की कहानी नहीं है भाई, ये तो हर उस इंसान की जीत है जिसने अपने अंदर के रावण को धोखा देकर सुबह उठकर काम किया! जिसने लालच, ईर्ष्या, और डर को गले लगाया और फिर भी आगे बढ़ गया - वो ही असली विजयी है।

sunil kumar

अरे वाह! ये तो बिल्कुल सही है! विजयादशमी का मतलब है अंतर्मन के दश दुष्टों का नाश - लालच, क्रोध, मोह, अहंकार, ईर्ष्या, आलस्य, भय, अज्ञानता, अनिश्चितता, और अविश्वास! इन्हें भगवान राम के बाण से नहीं, बल्कि अपनी नियमित सुबह की रूटीन से मारो! यही है असली युद्ध!

Vikky Kumar

आप सब बहुत भावुक हो रहे हैं। वैज्ञानिक रूप से, दशहरा का उत्सव अश्विन मास के दसवें दिन के चंद्रमा की स्थिति और अक्षांशीय अक्षरों के आधार पर निर्धारित होता है - जिसका संबंध रामायण से कोई ऐतिहासिक साक्ष्य नहीं है। यह एक पौराणिक निर्मित रूपक है, जिसे राष्ट्रीय एकता के नाम पर जन-संचार द्वारा बढ़ाया गया है।

sivagami priya

विक्की भाई, आपकी बात सुनकर लगता है आपने इतिहास की पुस्तकें नहीं, बल्कि डॉक्यूमेंट्री देखी हैं! लेकिन जब मैं अपनी दादी के हाथों से दशहरे की राख लगाती हूँ, तो मुझे विज्ञान नहीं, भावना याद आती है - और वो भावना मेरी आत्मा को जीवित रखती है।

Uday Rau

दक्षिण में मैसूर का जुलूस? वो तो एक जीवित संस्कृति का जीवंत उदाहरण है - हाथी, नग्न बांसुरी, धूमधाम, और देवी की आँखों में झांकने वाले लोग! यहाँ तक कि एक बार मैंने एक अमेरिकी दर्शक को देखा जो रो पड़ा - उसने कहा, 'ये नहीं, ये तो जीवन है!' दशहरा सिर्फ एक त्योहार नहीं, ये एक अनुभव है।

manivannan R

यार दशहरा पर रामलीला देखने जाना तो अब ट्रेंड हो गया है! मैंने पिछले साल देखा - रावण के दस सिर बर्न हुए और आग का धुआँ इतना ज्यादा निकला कि पुलिस आ गई! लेकिन लोगों का जो जोश था, वो बाकी रहा! भाई, ये तो एक बड़ा ब्रांडिंग एक्शन है - असली विजय तो लोगों के दिलों में होती है।

Aishwarya George

मैंने एक शोध पत्र पढ़ा जिसमें दशहरा के त्योहार के सामाजिक समायोजन तंत्र का विश्लेषण किया गया है - इसमें न केवल धार्मिक अवधारणाएँ, बल्कि सामुदायिक सहयोग, शिक्षा के माध्यम से नैतिक शिक्षा, और सांस्कृतिक अनुवाद की भूमिका शामिल है। यह एक जीवंत परंपरा है जो आधुनिकता के साथ अपना स्वरूप बदल रही है - और इसका सम्मान करना चाहिए।

Arun Kumar

तुम सब बहुत भावुक हो रहे हो - लेकिन असली विजय तो उस आदमी की होती है जो अपने बॉस को नहीं डरता, अपने घर में अपनी बीवी के साथ बात करता है, और रोज सुबह 5 बजे उठकर खुद को बेहतर बनाता है। बाकी सब नाटक है।

Anuj Poudel

मैं बस यह कहना चाहता हूँ - दशहरा के इस दिन, जब आप अपने परिवार के साथ चित्र बनाते हैं, तो याद रखें कि ये छवियाँ आने वाली पीढ़ियों के लिए इतिहास बन जाएँगी। अच्छी बात ये है कि हम अभी भी इसे जी रहे हैं - और यही असली विजय है।